हिसार : मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नंबरदारों का मानदेय को 1500 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 3000 रुपये कर दिया है। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश के प्रत्येक नंबरदार को मोबाइल फोन देने व नंबरदारों को आयुष्मान योजना में शामिल करने सहित नंबरदारों के लिए अनेक महत्वपूर्ण सौगातें दीं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल महाबीर स्टेडियम में राज्य स्तरीय नंबरदार सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश के सबसे बुजुर्ग नंबरदारों ने पगड़ी पहनाकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल, वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु, परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार व एचबीपीई के चेयरमैन व विधायक डॉ. कमल गुप्ता को पगड़ी पहनाकर, उन्हें डोगा व शॉल देकर उनका अभिनंदन किया। सम्मेलन में प्रदेश के सभी जिलों से आए लगभग 15 हजार नंबरदारों ने भागीदारी की।
मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने नंबरदार के पद को निस्वार्थ समाज सेवक व ग्रामीण क्षेत्र की सरकार बताते हुए उन्हें सरकार की आंख, नाक व कान बताया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने नंबरदारों के रुतबे की कद्र नहीं की और उन्हें उनकी हैसियत के अनुसार मानदेय नहीं दिया गया। उन्होंने नंबरदारों के मानदेय में 100 प्रतिशत बढ़ोतरी की घोषणा करते हुए उनका मानदेय 1500 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपये रुपये प्रतिमाह कर दिया। उन्होंने घोषणा की कि नंबरदारों का मानदेय अब उनके बैंक खातों में भिजवाया जाएगा, ताकि उन्हें मानदेय के लिए कहीं भी चक्कर न काटने पड़ें। उन्होंने कहा कि नंबरदारों के साथ सूचनाओं के तेज प्रेषण हेतु उन्हें एक-एक मोबाइल फोन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में नंबरदारों को आबियाना बिल मिलने में देरी नहीं होने दी जाएगी। इसके लिए सिंचाई विभाग को जरूरी दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नंबरदारों को सामाजिक, आर्थिक, जातिगत जनगणना के तहत आने वाले परिवारों की भांति नंबरदारों को भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल किया जाएगा जिसके तहत उन्हें प्रति वर्ष 5 लाख रुपये तक की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि आमजन व नंबरदारों की सुविधा के लिए राजस्व मुकदमों में राजस्व अधिकारियों की रिमांड की पावर को खत्म कर दिया गया है ताकि मुकदमों का तेज गति से समाधान किया जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है, जिसने पंचायती राज संस्थाओं का स्वरूप बदलने के साथ-साथ शक्तियों का विकेंद्रीकरण करने के लिए अंतर जिला परिषद गठित की। आज पंचायती राज संस्थाओं व शहरी स्थानीय निकायों के प्रतिनिधि पढ़े-लिखे हैं। इससे गांवों व शहरों का विकास करने के लिए नई सोच का ऊर्जावान और पढ़ा-लिखा नेतृत्व मिला है।
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उन्होंने कहा कि हरियाणा को स्वच्छ सर्वेक्षण ग्रामीण 2018 में सर्वोच्च राज्य का स्थान मिला है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जवाबदेह व पारदर्शी शासन प्रदान करना हमारी प्राथमिकता है। राज्य सरकार द्वारा राजस्व विभाग को ऑनलाइन कर दिया गया है ताकि लोगों के समय और पैसे की बचत हो, भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार बनने के समय 100 गांवों की चकबंदी का कार्य शेष था जिसमें से आधे गांवों की चकबंदी पूरी करवा दी गई है। यदि पंचायतें प्रस्ताव देंगी तो उन गांवों की भी पुन: चकबंदी करवाई जाएगी जिनकी पुराने समय में चकबंदी हुई थी। उन्होंने बताया कि सरकार ने जीरो इंतकाल का लक्ष्य रखा है। चार साल पहले पेंडिंग इंतकालों की संख्या 4 लाख थी जिनमें से अब केवल 20 हजार इंतकाल केस शेष हैं। इनमें से ज्यादातर विवादित केस हैं जिनका समाधान सरकार के स्तर पर करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण प्रदूषण चिंता का विषय है।
खेतों में फसल के अवशेष, विशेषकर पराली जलाए जाने से यह समस्या और बढ़ जाती है। इसलिए आपसे अनुरोध है कि आप किसानों को इस समस्या के प्रति जागरूक करें और उन्हें पराली व फसल के अन्य अवषेश न जलाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि शिवधाम योजना के तहत प्रदेश के प्रत्येक गांव के शमशान घाट के रास्ते को पक्का करवाने, इसकी चारदीवारी बनवाने तथा वहां पानी व शैड की व्यवस्था करवाई जा रही है। इसी प्रकार प्रदेश में स्थित 14 हजार तालाबों के जीर्णोद्वार की योजना बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में आज एक भी परिवार गैस कनेक्शन से वंचित नहीं है। यदि किसी परिवार के पास अब भी गैस कनेक् शन नहीं है तो नंबरदार व गांव के मौजिज व्यक्ति प्रशासन व अधिकारियों को सूचित करके उन तक यह सुविधा पहुंचाने में सहयोग करें। उन्होंने प्रदेश के प्रत्येक परिवार को छत मुहैया करवाने के संकल्प को भी दोहराया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई स्वच्छता व बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ सहित अन्य अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि आज प्रदेश का लिंगानुपात 837 से बढ़कर 931 हो गया है।
– राज पराशर