रोहतक: शुक्रवार को सिंहपुरा गांव में पिछले काफी समय से अस्थाई रूप से आश्रम चला रहे रामपाल के शिष्यों को जिला प्रशासन और पुलिस ने खदेड़ते हुए उनके अस्थाई आश्रम को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया। सुरक्षा के लिहाज से जिला प्रशासन व पुलिस ने पुख्ता इंतजाम कर रखे थे। मौके पर निगमायुक्त कमीश्रर प्रदीप डागर, ताहिर हुसैन नारायण सिंह के अलावा जिला योजना अधिकारी मौके पर मौजूद थे। शुक्रवार सुबह छह बजे प्रशासन की चली इस कार्यवाही में मात्र दो घंटे के भीतर ही सिंहपुरा में लगभग साढे तीन एकड में बनाए गए अस्थाई आश्रम को जेसीबी की मदद से ध्वस्त कर दिया गया।
मौके पर लगभग आधा दर्जन जेसीबी मशीन बुलाई गई थी। आश्रम में रहने वाले सभी लोगों को वहां से पहले ही पुलिस की मदद से हटा दिया गया था। हालांकि लोगों ने थोड़ा विरोध किया, लेकिन पुलिस के आगे बेबस नजर आए। जिला प्रशासन व पुलिस की इस कार्रवाई से आहत जाट आरक्षण समिति के राज सिंह कुछ लोगों के साथ इस मामले को लेकर जिला उपायुक्त से भी मिले और प्रशासन की कार्रवाई को गलत बताया। उन्होंने कहा कि हिसार में रामपाल की पेशी के दौरान उनके शिष्य हिसार आते जाते समय यहां आराम कर लेते थे और प्रभु का नाम लेते थे और शांति प्रिय ढंग से यह अस्थाई आश्रम चल रहा था, लेकिन प्रशासन ने आज पीला पंजा चलाकर गलत किया है।
दरअसल रामपाल के अनुयायियों ने लगभग एक माह पूर्व इस जमीन को समतल कर इस पर टेंट लगाकर आश्रम की गतिविधियां शुरू कर दी थी। जिला प्रशासन को जब इसकी भनक लगी तो मौके का मुआयना करने पर पाया कि आश्रम के अनुयायियों ने पूरे साढे तीन एकड में दीवार उठाने के लिए 3-3 फुट नीव खोद डाली थी। जिला योजना अधिकारी ने इस मामले में बीस नवंबर को इन्हें नोटिस देकर निर्माण कार्य रोकने के लिए भी कहा था, लेकिन इसके बावजूद भी नोटिस की परवाह ना करते हुए अनुयायियों ने निर्माण कार्य बदस्तूर जारी रखा, जिसके बाद आज प्रशासन ने यह कार्यवाही की।
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– मनमोहन कथूरिया