भिवानी : देश में कई ऐसे बॉक्सर्स हैं जिन्होंने देश का नाम रौशन किया। जिन्हे बॉक्सिंग वर्ल्ड में किसी को खूब शौहरत मिली तो कोई गुमनाम ही रह गया ऐसा ही एक खिलाड़ी है जिसने अपने देश को 17 गोल्ड जिताए लेकिन वो पहचान हासिल नहीं हो पाई जो बाकि बॉक्सर्स को मिली। अर्जुन पुरस्कार विजेता दिनेश शर्मा आइसक्रीम बेचने को मजबूर,हरियाणा भिवानी के रहनेवाले इंटरनैशनल बॉक्सर और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित दिनेश कुमार अब आइसक्रीम बेचने को मजबूर हैं।
दिनेश की माली हालत खराब होने के कारण उसको मुक्केबाजी छोड़ कुल्फी का ठेला लगाना पड़ रहा है। उन्होंने कुल 17 स्वर्ण, 1 रजत और 5 कांस्य पदक जीते हैं और अब सरकार की मदद चाहते हैं। दिनेश का कहना है कि मेरे पिता ने ऋण लिया था ताकि मैं अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में खेल सकूं। ऋण चुकाने के लिए, मुझे खेल के साथ-साथ कुल्फी बेचनी पड़ती है। उन्होंने सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है।
दिनेश ने इस बारे में कहा, मेरे पिता ने इसलिए कर्ज लिया क्योंकि वो चाहते थे कि मैं अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में भाग ले सकूं। अब मैं उस कर्ज को चुकाने के लिए पिता के साथ आइसक्रीम बेच रहा हूं। न ही मौजूदा और न ही पिछली सरकारों ने उनकी कोई मदद नहीं की। मेरा सरकार से अनुरोध है कि वो मेरी मदद करें और किसी स्थाई नौकरी का मेरे लिए इंतजाम करें। 30 वर्षीय दिनेश ने साल 2010 में ग्वांगजू एशियाई खेलों में बाक्सिंग के लाइट हैवीवेट वर्ग स्पर्धा में रजत पदक भी जीता था।