‘राष्ट्र की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना देश से गद्दारी' : रामदेव - Punjab Kesari
Girl in a jacket

‘राष्ट्र की संपत्ति को नुकसान पहुंचाना देश से गद्दारी’ : रामदेव

योग गुरू बाबा रामदेव ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का समर्थन किया है। बाबा रामदेव ने इसे

नारनौल : योग गुरू बाबा रामदेव ने नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का समर्थन किया है। बाबा रामदेव ने इसे देशहित में बताया है। गांव बीगोपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि देश में एक भी अवैध नागरिक न रहे। यह सारे देश का और देश के सारे राजनीतिक दलों का सामूहिक उत्तरदायित्व है और यदि पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान में कोई हिंदू प्रताड़ित होता है तो वह आखिर जाएगा कहां। 
उसको भारत की नागरिकता मिले। इसके लिए ही यह नागरिकता बिल है। बाबा रामदेव ने कहा कि इसके लिए बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि नागरिकता बिल किसी की नागरिकता छीनने के लिए नहीं, यह तो किसी को नागरिकता देने के लिए है। अब इसमें कुछ लोगों ने मजहबी तौर पर भ्रम फैलाया है। अब इसका निवारण होना चाहिए। 
उन्होंने कहा कि यह देश हम सबका देश है और इस देश को हमारे पूर्वजों ने बनाया है। देश में आग लगाने का अधिकार किसी को नहीं है। किसी भी तरह से आगजनी करना व राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाना यह एक तरह से देश के साथ गद्दारी है। यह नहीं होना चाहिए। स्वामी रामदेव शुक्रवार को अपने घनिष्ठ राव हरीशचंद्र आर्य की श्रद्धांजलि सभा में भाग लेने बीगोपुर आए हुए थे। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली समेत देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन हो रहे हैं। 
अभी हाल में ही यूपी और दिल्ली में इसको लेकर हिंसक प्रदर्शन हुए थे। प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था। दिल्ली के कई इलाकों में भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान कई पुलिसकर्मियों को चोटें भी आयी थी। प्रदर्शन की वजह से लोगों को रोड जाम से भी परेशानी हो रही है। इसके अलावा दिल्ली में मेट्रो के कई स्टेशन भी बंद होते रहे रहे हैं। इससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।