अब खुलेंगे बाबा के दफ़न राज - Punjab Kesari
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अब खुलेंगे बाबा के दफ़न राज

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सर्च आपरेशन के लिए हाईकोर्ट ने दी मंजूरी आपरेशन के दौरान करार्ई जाएगी

डेरा सच्चा सौदा के मुखी गुरमीत सिंह राम-रहीम के सिरसा के मुख्यालय की जांच अब रिटायर्ड सेशन जज ए.के.एस.पवार की निगरानी में करवाए जाने के हाईकोर्ट ने आदेश दे दिए हैं जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस ए.जी. मसीह एवं जस्टिस अवनीश झिंगन की फुल बेंच ने इन आदेश के साथ ही हरियाणा सरकार को आदेश दिए हैं कि वो रिटायर्ड सेशन जज ए.के.एस. पवार जिनकी निगरानी में डेरे की सम्पत्ति सहित अन्य सभी जगहों की जो जांच की जानी हैं उसके लिए उन्हें पुलिस, केंद्रीय सुरक्षा बलों सहित अन्य सभी विभागों का पूरा सहयोग दिया जाए जिनकी उन्हें इस जांच में जरुरत पड़ेगी इसके साथ ही हाईकोर्ट ने रिटायर्ड सेशन जज ए.के.एस. पवार को स्टाफ, कार्यालय और अन्य सुविधाओं सहित सिरसा में ही रहने के लिए आवास दिए जाने के भी आदेश दिए हैं।

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साथ ही सरकार इस पूरी जांच के लिए उन्हें डेढ़ लाख रुपए लम्प सम्प अदा भी करेगी इस जांच की वीडियोग्राफी करवाए जाने के भी हाईकोर्ट ने आदेश दिए हैं जांच पूरी कर इसकी सीलबंद रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी जाएगी। हरियाणा सरकार ने ही गत दिवस हाईकोर्ट में अर्जी दायर कर मांग की थी कि, वो अब तक डेरे के 134 नाम घरों में से 133 की जांच कर चुकी है और इन जगह से होने वाले संदिग्घ खतरे से बाहर कर दिया गया है अब सिर्फ सिरसा का डेरा मुख्यालय ही रह गया है।

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सरकार ने अर्जी में कहा था कि, सिरसा का डेरा मुख्यालय सैकड़ों एकड़ में फैला है यहां न सिर्फ रिहाइशी कालोनी ही है बल्कि कई व्यवसयिक संसथान भी हैं डेरा मुख्यालय की जांच में पूरी पारदर्शिता बरती जाए और सरकार की इस प्रक्रिया पर कोई भी सवाल न उठे इसके लिए सरकार यह जांच किसी निष्पक्ष न्यायिक अधिकारी की निगरानी में करवाना चाहती है। मंगलवार को इस अर्जी पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता रविंदर ढुल्ल ने सरकार की इस अमंग पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने यह अर्जी सिर्फ खुद को पाक-साफ दिखने के लिए ही दायर की है ताकि सरकार कह सके कि यह जांच हाईकोर्ट के आदेशों पर ही की जा रही है। सरकार खुद कुछ नहीं करना चाहती और इस पूरे मामले से बचने का प्रयास किया जा रहा है।

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इस पर हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने कहा कि सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है बल्कि सरकार चाहती है कि डेरे की जांच के दौरान सवाल न उठाये जाएं। न्यायिक अधिकारी की निगरानी में जांच की मांग इसलिए की जा रही है ताकि जांच निष्पक्ष तौर पर की जा सके हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा की पूरे डेरे की जांच कितने समय में पूरी की जा सकती है इस पर महाजन ने इसके लिए दो सप्ताह का समय मांगा है। हाईकोर्ट ने सरकार को समय देते हुए जांच की सीलबंद रिपोर्ट 27 सितम्बर को मामले की अगली सुनवाई पर हाईकोर्ट को दिए जाने के आदेश दे दिए हैं।

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