बाबा मस्तनाथ मठ के मंहत बालकनाथ बने 8वें मंहत संत समाज ने मन्नोचारण के साथ बैठाया गद्दी पर - Punjab Kesari
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बाबा मस्तनाथ मठ के मंहत बालकनाथ बने 8वें मंहत संत समाज ने मन्नोचारण के साथ बैठाया गद्दी पर

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रोहतक: मंगलवार को ब्रहमलीन महंत चांदनाथ योगी की अस्थल बोहर स्थित बाबा मस्तनाथ मठ में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। श्रद्धांजलि सभा में योग गुरू बाबा रामदेव सहित राजस्थान, हरियाणा व केन्द्र के कई मंत्रियों ने स्व. महंत चांद नाथ योगी की समाधि पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। योग गुरू बाबा रामदेव ने कहा कि समाज में व्यक्ति की पहचान उसके कर्मों से बनती है। कर्म व्यक्ति का दर्पण होते हैं। अपने विचारों अपने संकल्पों को जब व्यक्ति साकार रूप प्रदान करता है तब वह सिद्ध महापुरुषों की पंक्ति में शामिल हो जाता है। सन्त धरा से कभी नहीं जाता। सन्त परम्परा का निर्वाह जब तक भारत-भूमि पर बना रहेगा तब तक सनातनी परम्परा इसी निर्बाध गति से चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि सन्त कभी भी धरा से नहीं जाता।

शरीर का आना और जाना आमजन की विचारधारा है। सन्त को केवल परमार्थी मार्ग पर, सेवार्थ भाव का अग्रदूत होता है। भगवान् राम, कृष्ण, बुद्ध, पाणिनी, स्वामी दयानन्द, स्वामी विवेकानन्द जैसे अनेकों महापुरुषों ने धरा पर अवतरण लिया और अपने कार्यों को मूर्त रूप देने के पश्चात् स्वयं को मुक्त भी कर लिया। उन्होंने कहा कि स्व. महन्त चाँदनाथ को मृत्यु का भय कभी नहीं था। बस चिन्ता थी तो केवल समाज की, उन संकल्पों की जिनको लेकर उन्होंने बड़े सपने संजों रखे हैं। सदैव सकारात्मकता का दामन सम्भाले रखा और यही शिक्षा अपने उत्तराधिकारी बाबा बालकनाथ को भी दी। एक मृत्युन्जयी पुरुष के रूप में उन्होंने अपने आने और शारीरिक चोले को छोड़कर जाने को सार्थक कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह उनका विश्वास, उनका प्यार और उनके समाज के प्रति लगाव का ही परिणाम है कि आज तपती धूप में और गर्मी के बीच सभी श्रद्धालु नतमस्तक होकर अपने श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जब तक समाज में एक भी भेख-धारी रहेगा तब तक सनातनी परम्परा इसी प्रकार चलती रहेगी। उन्होंने कहा कि एक अनासक्त महापुरुष की भाँति योगी महन्त चाँदनाथ ने नाथ सम्प्रदाय के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ अपनी विशेष शैक्षणिक भूमिका को भी समाज के सामने रखा है। उनका पूरा जीवन सन्त समाज के लिए सदैव उत्तम आदर्श के रूप में उपस्थित रहेगा। सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तरफ से तथा पूरे मंत्रिमण्डल की तरफ से अपने सन्देश में कहा कि हरियाणा ही नहीं, अपितु पूरे देश ने एक बहुमुखी प्रतिभा के व्यक्तित्व को खो दिया है। उनकी पूर्ति किसी प्रकार भी सम्भव नहीं है। आज पूरे प्रदेश को अपने मार्गदर्शक की कमी महसूस हो रही है।

उन्होंने जो ज्ञान पुँज यहां अस्थल बोहर तथा राजस्थान में लगाया है वह इसी प्रकार आगे भी समाज का मार्गदर्शन करता रहेगा। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरकार का साथ पहले रहा है, सरकार आगे भी प्रदेश हित के लिए मठ के साथ खड़ी हैं। कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने कहा कि सन्त समाज रूपी पूरे समूह में महन्त चाँदनाथ जी अँगूठी के नगीने के समान थे। उन्होंने सहजता के साथ अपने उत्तरदायित्व का निर्वाह करते हुए समाज को नई दिशा दी। उतनी ही सहजता से समाज को अपना उत्तराधिकारी भी सौंपा। सकारात्मक ऊर्जा के पुँज रूप में वे सदैव हमारे प्रेरणा स्त्रोत रहे। महामण्डलेश्वर कपिल पुरी ने कहा कि लाखों बसन्तों के बाद एक उत्तम बसन्त रूपी सन्त धरा पर अवतरित होता है जो रक्षाबन्धन के कच्चे धागे से ही पूर्ण मजबूती पाकर समाज की रक्षा करते हुए अपने दायित्व को पूर्ण करता है।

ऐसे महन्त कहीं विलुप्त नहीं होते केवल शारीरिक चौले का त्याग मात्र करते हैं। हम उनके रहते भी अनाथ नहीं थे और आज बाबा बालकनाथ के द्वारा भी हम सनाथ ही हैं। भारत-भूमि पर इनका आशीर्वाद सदैव बना रहेगा। केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत ने कहा कि महन्त चाँदनाथ दिल्ली हिन्दू कॉलेज में मेरे सहपाठी रहे तथा जब उन्होंने योगी बनने का विचार हमें बताया तो हम सभी ने उन्हें रोका, परन्तु स्वयं पर पूर्ण विश्वास रखने वाले महन्त जी ने लोक कल्याण मार्ग को अपनाया और आज उनका नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया। उन्हें सदैव अपने संसदीय क्षेत्र के लोगों का ध्यान रहा और अपने सांसद फण्ड को उन तक पहुँचाने का पूर्ण प्रयास किया। पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मेरे पूरे परिवार का जुड़ाव मठ से रहा है।

राजनीतिक मतभेद कभी भी वैयक्तिक सम्बन्धों पर हावी नहीं हुए। समाज सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में जब भी मठ को, महन्त जी को मेरी आवश्यकता रही, सरकार की सहायता की जरूरत पड़ी हमने उनका पूर्ण साथ दिया। जब कभी भी बीमारी में उन्होंने मुझसे मिलने की इच्छा जाहिर की मैं स्वयं आया और आगे भी पूर्ण समर्पण के साथ मठ की सेवा में तत्पर रहूँगा। आज एक शुद्ध सोच का व्यक्तित्व हमारे बीच नहीं रहा, परन्तु उनकी विचारधारा हमारे बीच सदैव रहेगी। स्व. महंत चांद नाथ को श्रद्धांजलि देने वालो में जोधपुर से सांसद एवं राज्यमंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, धौलपुर से सांसद मनोज राजौरिया,नंद किशोर, गंगानगर से पूर्व विधायक निहाल सिंह, महामण्डलेश्वर विश्वेश्वरानन्द, महामण्डलेश्वर चैतन्य, महामण्डलेश्वर स्वामी धर्मदेव सैकडों की संख्या में साधु संत व श्रद्धालुजन शामिल रहे।

(मनमोहन कथूरिया)

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