चंडीगढ़ : हरियाणा के राज्यपाल द्वारा एजेएल प्लाट आबंटन मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के विरूद्ध अभियोग चलाने की मंजूरी दिए जाने के बाद अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए हुड्डा ने दोहराया कि इस आबंटन में कहीं भी कोई घोटाला नहीं हुआ है। पूरी कार्रवाई नियमानुसार की गई है।
शुक्रवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए हुड्डा ने कहा कि राज्यपाल द्वारा अभियोग चलाने की मंजूरी देना एक सामान्य कार्यवाही का हिस्सा है। हुड्डा ने कहा कि एजेएल ने इस प्लॉट की पूरी कीमत दी हुई है। कंपनी के खिलाफ किसी तरह का बकाया नहीं है। उन्होंने कहा, यह प्लॉट 1982 में अलॉट हुआ था और 1995-96 में इसे रिज्यूम कर लिया गया।
कंपनी ने रिफंड का पैसा भी नहीं लिया, वह भी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के पास ही जमा रहा। उन्होंने कहा कि 1996 के बाद बंसीलाल के साथ भाजपा गठबंधन की सरकार भी रही और फिर इनेलो-भाजपा गठबंधन की सरकार भी रही। उस दौरान की सरकारों ने इस प्लॉट का पॉजेशन तक नहीं लिया। यही नहीं, किसी दूसरी कंपनी या व्यक्ति को यह प्लॉट भी अलॉट नहीं किया गया।
पुरानी दरों पर प्लॉट को री-अलॉट करने से जुड़े सवाल पर पूर्व सीएम ने कहा, प्लॉट की कीमत तो 2 लाख रुपये ही थी, लेकिन हमने इस पर 57 लाख रुपये का ब्याज और जुर्माना वसूला। कंपनी ने जब 57 लाख रुपये जमा करवा दिए तो इसके बाद ही प्लॉट को दोबारा अलाट किया गया। पूर्व सीएम ने कहा कि कंपनी को तो इसमें नुकसान ही हुआ। एक करोड़ रुपये से अधिक का तो कंपनी के उस पैसे का ब्याज था, जो प्राधिकरण के पास जमा रहा।
पूर्व सीएम ने कहा कि अथॉरिटी के पास अलॉटमेंट के अधिकार थे। इसके लिए बाकायदा स्पीङ्क्षकग आर्डर हैं। वैसे भी यह फैसला हुडा अथॉरिटी द्वारा लिया गया था। भाजपा पर पलटवार करते हुए हुड्डा ने कहा कि अपने राजनीतिक विरोधियों को रोकने के लिए सरकार इस तरह के हथकंडे अपना रही है।
हरियाणा : पूर्व CM हुड्डा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए राज्यपाल ने दी मंजूरी
(राजेश जैन)