चंडीगढ़ : हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (एचएसएससी) की ग्रुप सी’ और डी’ पदों के लिए चल रही भर्ती प्रक्रिया में बदलाव होगा। जिन भर्तियों के लिए लिखित परीक्षा हो चुकी, सिर्फ उन्हीं के लिए साक्षात्कार लिया जाएगा। जिन पदों पर अभी लिखित परीक्षा होनी बाकी है, उनके लिए नए विज्ञापन जारी किए जाएंगे। नए सिस्टम में साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में ग्रुप डी की भर्तियों में बदलाव के मसौदे को मंजूरी दी गई। वर्तमान में इन पदों पर चयन और नियुक्ति संबंधित विभागों के अलग-अलग सेवा नियमों द्वारा होती है। अब स्वीपर, चौकीदार और स्वीपर-सह-चौकीदर को छोड़कर गु्रप डी के सभी पदों पर हिंदी या संस्कृत के साथ दसवीं करना अनिवार्य रहेगा। स्वीपर, चौकीदार और स्वीपर-सह-चौकीदार के मामले मेें शैक्षणिक योग्यता केवल पढऩे और लिखने का ज्ञान की होगी।
सीधी भर्ती के अलावा अन्य प्रकार से नियुक्ति के लिए उम्मीदवार के पास दो साल का अनुभव जरूरी है। लिखित परीक्षा 90 अंक की होगी और सामाजिक-आर्थिक मानदंड और अनुभव के लिए 10 अंक अलग से होंगे। आवेदक के पिता, माता, पति या पत्नी, भाई, बहन, बेटे और बेटी में से कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी में नहीं होने पर पांच अंक दिए जाएंगे। अन्य कैटेगरी में भी यह नियम लागू होगा। अनुभव के लिए अधिकतम आठ अंक निर्धारित किए गए हैं। बैठक में समाज के सभी वर्गों के लिए समानता और न्याय को सुनिश्चित करने के लिए हरियाणा समूह डी कर्मचारी विधेयक, 2018 के एक मसौदे को स्वीकृति प्रदान की गई।
नया विधेयक इसलिए जरूरी है क्योंकि वर्तमान में ग्रुप डी पदों पर चयन और नियुक्ति संबंधित विभागों के सेवा नियमों द्वारा संचालित होती है। विभिन्न विभागों ने समूह डी पदों की उम्र और शैक्षिक योग्यता के लिए विभिन्न मानदंड तैयार किए हैं, जो उम्मीदवारों, विशेषकर पिछड़ी वर्ग से संबंधित उम्मीदवारों पर बहुत अधिक असुविधा और वित्तीय बोझ डालते हैं। नया विधेयक उम्मीदवारों के चयन में सामान्य न्यूनतम आयु और शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ पारदर्शिता भी सुनिश्चित करता है। इसके अलावा, ग्रुप डी के पदों के मामले में सरकार साक्षात्कार को खत्म कर देगी।
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(राजेश, आहूजा)