पंजाबी और सरदार (सिख कौम) कहते हैं बंजर जमीन को भी उपजाऊ बना देते हैं। हर जगह खुशहाली ले आते हैं। भाईचारे और सहयोग का संदेश देते हैं, एक-दूसरे की बाजू पकड़ कर आगे बढ़ाते हैं। एक सरदार लाखों लोगों के बराबर काम कर सकता है। जहां कहीं भी किसी समय कोई भी आपदा आती है तो सरदारों ने पंजाबियों ने सबसे पहले हाथ मदद को आगे बढ़ाया। यही नहीं विदेशों में चले जाओ, कहीं मुश्किल आ जाए और सामने सरदार नजर आ जाए तो समझो आपको मुश्किल में साथ मिल गया या मुश्किल पार कर गए। एक छोटा सा उदाहरण देती हूं मेरे दोनों जुड़वा अर्जुन, आकाश जब 12वीं के बाद लंदन अपने ग्रेजुएशन करने गए तो उनका पहला सप्ताह था। अर्जुन गलत रूट की बस में चढ़ गया जो उसे शहर के आऊटर एरिया में ले गई और वो घबरा गया। उसके फोन की बैट्री भी चली गई तो और भी घबरा गया कि आकाश को कैसे बताएगा मैं कहा हूं। उसे वहां दूर-दूर तक कोई नहीं दिखाई दे रहा था। अचानक उसे एक टैक्सी दिखी जिसमें एक सरदार जी ड्राइवर थे, वो अपना कुछ खा रहे थे तो यह झट से उसके पास गया और अपना हाल बताया। सरदार जी ने झट से कहा, ‘‘काका जी डरो नहीं आ जाओ मेरी टैक्सी बिच, मैं तुआनू यूनिवर्सिटी बिच छड़ देना हां और पैसे दी वी लोड़ नहीं, तुसी पहले पानी पिओ, ते मेरे कोलों कुछ खा लओ।’’ अर्जुन में इतना विश्वास आ गया जैसे वो अपने घर के सदस्य को मिल गया हो। उन्होंने उसे यूनिवर्सिटी छोड़ा। पैसे भी नहीं लिए और अपना कार्ड भी दिया कि आगे भी कोई जरूरत हो तो बताना वाह! सरदारा।
आज सभी और बहुत सी संस्थाएं मदद के लिए आगे आ रही हैं, परन्तु मैं आज सरदारों की बात करूंगी। आगे फिर दूसरी संस्थाओं की। आज हम सब बहुत ही कठिन दौर से गुजर रहे हैं। सोशल मीडिया भी सरदारों की मदद, काम की तारीफों से भरा पड़ा है। मेरे वीर मनजिन्दर सिरसा और जी.के. जी और सरना जी बहुत काम कर रहे हैं और इनसे मैं भी प्रार्थना करूंगी आपका काम इतना निस्वार्थ सेवा भाव वाला है तो इस समय अपने आपसी मतभेदों को हटा दो, मेरे वीरो आप पहले ही बड़ी ताकत से काम कर रहे हो, उससे काम और भी आसान हो जाएगा। मैं वर्ल्ड पंजाबी आरगेनाइजेशन एंड इंटरनेशनल पंजाबी फोर्म दोनों की सदस्य हूं, वर्ल्ड पंजाबी की तो पैटर्न भी हूं, मैं सभी दोनों आरगेनाइजेशन के सरदारों पंजाबियों का सेवा भाव का जज्बा और जुनून देखती हूं। चाहे वो विदेशों में रहने वाले सरदार हैं या भारत में। अभी-अभी मुझे पठानकोट के डा. के.डी. सिंह जी की वीडियो मिली, जिन्होंने नारा दिया ‘आवाज दो हम एक हैं’। उन्होंने पीएम रिलीफ फंड में 111 रुपए देने को कहा और कहा कि इस समय किसी की आलोचना या बुराई न करेेेेेेेेेेे, एक-दूसरे की मदद करें।
पिछले कई कालमों में कोरोना से बचाव को लेकर श्रृंखलाबद्ध तरीके से लिख चुकी हूं, लेकिन कोरोना है कि थम नहीं रहा। यद्यपि हर कोई मानवता निभा रहा है परन्तु सिख कौम ने जिस तरह से मुसीबत और महामारी के दौर में जो परिभाषा लिखी है। अभी लिखते-लिखते हमारे पंजाब केसरी से जुड़े श्री डी.पी. पप्पू जो हमारे परिवार के सदस्य ही हैं और उनका पुत्र हनी सिंह जो कि हमारे यहां ही फोटोग्राफर जर्नलिस्ट का काम करते रहे हैं की कोरोना से दुखद मौत ने सब कुछ हिला कर रखा दिया है। सिख कौम के एक बहादुर बच्चे का यूं बिछड़ जाना बहुत दुखदायी है। गुरु महाराज हनी को चरणों में स्थान दें।
व्यक्तिगत रूप से किस-किस का नाम लूं, किस-किस संगठन के बारे में लिखूं। गुरुद्वारा बंगला साहिब में सिटी स्केन, डायलिसिस की सुविधाएं दी गई हैं। और यह सब एकदम निःशुल्क है। इसी तरह गुरुद्वारा रकाबगंज में कोविड सैंटर बनाया गया है, जहां 400 बैड हैं और सबको नि:शुल्क इलाज मिल रहा है। निःशुल्क आक्सीजन वितरण और लंगर उपलब्ध है। इसी तरह दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के मनजिन्दर सिंह सिरसा प्रतिदिन आक्सीजन कंसरटेटर निःशुल्क बंटवा रहे हैं। पिछले दिनों दिल्ली में आक्सीजन की कमी थी तो सिरसा साहब मानवता को समर्पित रहे। उन्होंने आक्सीजन प्लांट गुरुद्वारे में लगाने की योजना को लागू करने का ऐलान कर रखा है।
सिख कौम मानवता को समर्पित रहने की शिक्षा के साथ अगर आगे बढ़ रही है तो यह गुरु महाराज की देन है। इसी कड़ी में विक्रमजीत सिंह साहनी जो कि विश्व पंजाबी आरगेनाइजेशन के अध्यक्ष ने सन फाउंडेशन के माध्यम से पंजाब सरकार को आक्सीजन के 200 कंसरटेटर दिए ताकि जरूरतमंदों को मदद मिल सके। वह गुरुद्वारा के अनेक गुरुद्वारों में भी यह सेवा दे रहे हैं। इसी कड़ी में जागो पार्टी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके मोहाली और चंडीगढ़ से आक्सीजन लाकर ग्रेटर कैलाश इलाके में पहाड़ी वाले गुरुद्वारे में जरूरतमंदों को आक्सीजन उपलब्ध करवा रहे हैं। अगर इंदिरापुरम में सिंह सभा गुरुद्वारे की बात की जाए तो वहां जरूरतमंदों को पाइप लाइन से आक्सीजन दी जा रही है ताकि सबकी सांसें चलती रहें। दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना इसी सेवा में डटे हुए हैं और मानवता को धर्म मानकर तब तक डटे रहेंगे जब तक कोरोना खत्म नहीं हो जाता।
अब बात करते हैं जितेन्द्र सिंह शंटी की जिन्होंने भगत सिंह दल के सौजन्य से एम्बुलैंस सेवा हो या अस्पताल मरीजों को पहुंचाने की सेवा हो, या श्मशानघाट तक सेवा देनी हो तो वो और उनकी एम्बुलेंस 24 घंटे उपलब्ध है। इसी कड़ी में सेवा सिमरन की ओर से गुरमीत शंटी डटे हुए हैं और लोगों की सेवा में लंगर तथा एम्बुलेंस 24 घंटे प्रदान कर रहे हैं। निजामुद्दीन के प्रसिद्ध दमदमा साहिब गुरुद्वारे में आक्सीजन सप्लाई का लंगर लगा हुआ है जहां जरूरतमंदों को सेवा प्रदान की जा रही है। इसके अलावा राजौरी का सिंह सभा गुरुद्वारा हो या अन्य सिंह सभा गुरुद्वारे अनेक संगठन, अनेक व्यक्ति मानवता को समर्पित मिशन में लगे हुए हैं। हरमनजीत सिंह डायलिसिस सुविधा प्रदान कर रहे हैं। कुल मिलाकर सिख कौम ने दुख की इस घड़ी में मानव को बचाने के लिए महान गुरुओं की तरह सिर-धड़ की बाजी लगा रखी है। मुझे पूरा विश्वास है इन सबकी मेहनत, सेवा रंग लाएगी। कोरोना को हराकर छोड़ेंगे, कोरोना हारेगा।