वूमैन-डे पर क्या नया क्या पुराना - Punjab Kesari
Girl in a jacket

वूमैन-डे पर क्या नया क्या पुराना

यह महिला दिवस जो महिलाएं आगे बढ़ रही हैं उनके ​लिए मनाने का है, जो महिलाएं शोषण का

हर वर्ष की तरह इस बार भी महिला दिवस पर मैं महिलाओं को बधाई देती हूं, साथ ही प्रभु से कामना करती हूं कि महिलाओं को हमेशा आगे बढ़ने का मार्ग मिलता रहे। सदियों से महिला या बेटी पैदा होती है तो पहले वो पिता, भाई, फिर पति उसके बाद बेटे की तरफ देखती है या यूं कह लो इनकी छत्रछाया में अपने आपको सुरक्षित महसूस करती है क्योंकि आज भी जो मर्जी कह लो महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं, परन्तु फिर भी उन्हें बराबर का दर्जा नहीं मिल पाया है। पिछले कई सालों से महिलाएं संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण की मांग कर रही हैं परन्तु अभी तक सफल नहीं हुईं।
हां एक बार महिला ठान ले तो हासिल करके छोड़ती है। जैसे ईसाई औरतों ने तलाक पाने के हक के लिए लम्बा संघर्ष किया और अपने हक को हासिल किया। इसी तरह पारसी औरतों के किसी गैर-पारसी से शादी कर लेने पर उन्हें उनके धर्म से बेदखल कर दिया जाता था। औरतों ने उसे नामंजूर करना शुरू किया, जो आसान नहीं था। उनका कड़ा विरोध भी हुआ, परन्तु वह उसे समाप्त करके ही मानीं। मुसलमान औरतों ने तीन तलाक के खिलाफ लम्बी लड़ाई लड़ी। यही नहीं हिन्दू औरतों द्वारा शनिशिंगणापुर और सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के लिए प्रयास सारी दुनिया में गूंजे। कहने का भाव है कि अगर महिलाएं ठान लेती हैं तो करके छोड़ती हैं। चाहे उन्हें कई दशक की लड़ाई लड़नी पड़े। आज भारत काफी हद तक शौचालय युक्त हो चुका है।
पिछले सप्ताह मुझे हरियाणा से बहुत ही प्रमुख महिलाएं मिलने आईं तो उनका यही कहना था ​कि आज की महिलाएं कुछ बेहतर तो हैं परन्तु अभी भी पुरुष उन्हें आगे आने या बराबर का दर्जा देने में हिचकिचाते हैं या अहमियत ही नहीं देते। कब तक पुरुष समाज, राजनीतिक औरतों की अनदेखी करेंगे जो उनसे बेहतर या उनके कंधे से कंधा मिलाकर चल सकती हैं। यह सच है कि यह सिर्फ हरियाणा की औरतों के सवाल नहीं, यह तमाम दुनिया की औरतों के सवाल हैं। जबसे वह पैदा होती है या जबसे उनका वजूद है खास बात यह है कि अब आने वाले समय में इन महिलाओं के सवालों को अनदेखा करना मुश्किल होता जाएगा। क्योंकि अब समय आ गया है कि हम कह सकते हैं आज महिलाओं से घर, समाज और देश है। यह सदी महिलाओं की सदी है और ​जिस ओहदे और मुकाम या मंजिल की हकदार हैं उन्हें ​मिलना चाहिए।
मेरा मानना है महिला चाहे वो आम हो या खास, उन्हें ​जिन्दगी में मुश्किलों का सामना करना ही पड़ता है। चाहे वो किसी रूप में हों। अगर हम हर साल महिला दिवस मनाते हैं तो हमें यह ​विश्लेषण करना ही चाहिए कि इस साल महिला कितनी बेहतर हुई, क्या हासिल किया। कितनी औरतों, बच्चियों का शारीरिक शोषण हुआ, कितनों का बलात्कार हुआ, कितनी महिलाएं रिश्तों द्वारा सताई गईं या दूसरी तरफ उनके मुकाबले कितनी महिलाएं किस क्षेत्र में आगे बढ़ीं, क्या मुकाम हासिल किए। तब पता चल सकेगा कि महिला को नया क्या मिला, कितना आगे बढ़ीं। वित्त मंत्री के पद पर निर्मला सीतारमण अगर सुशोभित हैं तो यह भी महिलाओं के खाते में एक उपलब्धि ही है। कितनी ही भारतीय महिलाएं जिन्होंने इंग्लिश चैनल को पार किया या जेट फाइटर या लड़ाकू विमान उड़ाने शुरू कर दिए या सेना में टैंक चलाए हों या फिर आज मैट्रो चला रही हों। सचमुच भारतीय महिलाएं उन्नति की राह पर हैं, लेकिन दूसरी तरफ महिलाओं की सुरक्षा, महिलाओं पर अत्याचार, रेप भी अधिक हो रहे हैं। दिल्ली की सड़कों पर अगर एक रिपोर्ट के अनुसार तीन लाख से ज्यादा लोग भीख मांगते हैं  इनमें ज्यादातर 55 प्रतिशत महिलाएं हैं। कहीं महिलाओं की चैकिंग करने के लिए नंगा भी किया जाता है। 
सो यह महिला दिवस जो महिलाएं आगे बढ़ रही हैं उनके ​लिए मनाने का है, जो महिलाएं शोषण का शिकार  हो रही हैं उनके लिए एक धिक्कार दिवस या लोगों को आह्वान करने का दिवस है कि हर आम-खास महिलाएं इज्जत, सम्मान और आगे बढ़ने की हकदार हैं। अक्सर मेरे पास बहुत सी महिलाएं आती हैं जिनके साथ सामाजिक, राजनीतिक शोषण या अपने परिवार द्वारा शोषण होता है, उन्हें सबके अनुभवों से मैं जल्दी काल्पनिक नामों से पुस्तक लिखूंगी। समाज का आइना उसमें उतारूंगी, परन्तु तब तक ऐसी महिलाओं को कहूंगी अमिताभ बच्चन की कविता द्वारा-
‘‘तू खुद की खोज में निकल, 
तूू किस लिए हताश है, 
जल्द तेरे वजूद की समय को भी तलाश है
चरित्र जब प​वित्र है क्यों है दशा तेरी
यह पापियों को हक नहीं ले परीक्षा तेरी
तू आरती की लौ नहीं, तू क्रोध की मशाल है,
तू खुद की खोज में निकल, 
तू किस लिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की तलाश है,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।’’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।