हम से है जमाना... नरेला ब्रांच ग्रामीण - Punjab Kesari
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हम से है जमाना… नरेला ब्रांच ग्रामीण

हमारी ग्रामीण ब्रांच नरेला के रूपचंद दहिया जी (90 वर्षीय) ने साबित कर दिया कि हमसे ही है

हमारी ग्रामीण ब्रांच नरेला के रूपचंद दहिया जी (90 वर्षीय) ने साबित कर दिया कि हमसे ही है जमाना। कमाल के व्यक्ति हैं, बहुत पढ़े-लिखे हैं और इनके विद्यार्थी वेद प्रकाश जी गांच कतलूपुर ब्रांच के अध्यक्ष हैं। दहिया जी कोई भी फंक्शन हो उसमें वह और उनकी ब्रांच के सदस्य बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। हर तरह का हौंसला रखने वाले, हौंसला देने वाले, बहुत ही ज्ञानी रूप चंद दहिया जी सही मायने में सबके लिए मिसाल हैं, प्रेरणा हैं। हर समय अपनी पगड़ी पहन कर तैयार मिलते हैं। उन्हें जरा सा जुकाम भी लग जाए, थोड़ा ढीला बोलें तो हमें बहुत चिंता हो जाती है, क्योंकि नरेला ग्रामीण क्षेत्र के हजारों बुजुर्गों की खुशियां उन पर निर्भर करती हैं। कोरोना काल है, हम सब पर हर समय भय का साया बना रहता है।प्रोग्राम की शुरूआत रूप चंद दहिया जी ने वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के कार्यकलाप के बारे में बताते हुए की।
 उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि क्लब के माध्यम से वह किन स्थानों पर गए। विज्ञान भवन, अक्षरधाम, दुबई, सिंगापुर आदि। उन्होंने बड़े गर्व से बताया कि हमारे ग्रामीण क्षेत्र  की महिलाएं घरों से बाहर नहीं निकलती थीं, वे अब निकलने लग गईं। प्रोग्रामों में हिस्सा भी लेती हैं और 1 अक्तूबर को ऑनलाइन कम्पीटीशन में भी हिस्सा लिया, ईनाम भी जीते और मांगे राम जी ब्रांड अम्बेसडर भी बने। मांगे राम अत्री जी ने अपनी प्रस्तुति दी। उन्होंने सारा गीत मेरे ऊपर गा डाला। मैं हमेशा हाथ जोड़ कर सबसे प्रार्थना करती हूं कि मेरी प्रशंसा में न बोलें, न गाएं क्योंकि यह हम सबका टीम वर्क है। हम सब मिलकर मेहनत कर आगे बढ़ रहे हैं, परन्तु फिर भी मेरी प्रार्थना सभी नहीं सुनते। डी.एस. डागर जी ने बहुत ही अच्छा भजन मेरे भोले नाथ सुनाया। उसके बाद सुभाष स्वामी जी ने बहुत अच्छा भक्ति गीत सुनाया। क्या चुटकी बजा रहे थे। पहले तो मैंने सोचा किसी वाद्य यंत्र की आवाज है परन्तु फिर समझी कि यह ग्रामीण सुभाष जी की ताकतवर चुटकी है, जो सुर-ताल के साथ बज रही है। कितने गर्व की बात है। वाह! सुुभाष जी, बहुत ही गर्व हुआ।90 वर्ष की वेदवती जी, जिन्होंने पहले ऑनलाइन पर भी प्राइज जीता, गांव की शान हैं। उन्होंने बहुत ही शानदार गीत सुनाया। 
वाक्या ही असली भारत गांवों में बसता है। फिर कृष्णा दहिया जी ने गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभक्ति का जोशीला गीत गाकर सब में जोश भर दिया। खुद भी ऐसे जोशीले एक्शन किए कि हम सब देखने वालों में जोश भर गया।
 उसके बाद श्याम लाल जी ने बहुत शानदार भजन या यूं कह लो आरती गाकर सुनाई: अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में, मुझ में तुझ में बस भेद यही मैं नर तुम नारायण हो। राम कृष्ण वर्मा जी, जो दहिया जी के राइट हैंड हैं, ने हार्ट अटैक के बारे में बताया कि किस तरह हमें बिस्तर से उठना चाहिए। बड़ी काम की बातें थीं। 
उनके बाद राम दया मलिक ने बहुत अच्छा भजन सुनाया कि मेरा कोई सहारा न तुम बिना, वाक्या ही इस समय प्रभु ही सहारा हैं। एडवोकेट आई एस शर्मा जी ने तो जो शायरी बोली कमाल ही कर दिया।
कुल मिलाकर नरेला ब्रांच छा गई और ग्रामीणों का सिर बहुत ऊंचा हो गया। जय हो नरेला ब्रांच और दहिया जी की, स्टे होम-स्टे सेफ।

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