घाटी : आतंक की चुनौती - Punjab Kesari
Girl in a jacket

घाटी : आतंक की चुनौती

इसमें कोई संदेह नहीं कि जम्मू-कश्मीर बदलाव के दौर में है। आजादी के अमृत महोत्सव पर राज्य में

बीते 5 अगस्त को केन्द्र द्वारा जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए को निरस्त किए तीन वर्ष पूरे हो गए। 5 अगस्त, 2019 को गृहमंत्री अमित शाह ने जब 370 समाप्त करने की घोषणा की थी तब सभी आशंकित थे कि कश्मीर का क्या होगा? क्या स्थितियां बहुत ज्यादा खराब तो नहीं होंगी? लेकिन तमाम आशंकाएं खत्म हो गईं। इसमें कोई संदेह नहीं कि जम्मू-कश्मीर बदलाव के दौर में है। आजादी के अमृत महोत्सव पर राज्य में घर-घर तिरंगा फहराया जा रहा है। सुरक्षा बल तिरंगा यात्राएं निकाल रहे हैं। स्कूली बच्चे तिरंगे लेकर निकल पड़े हैं लेकिन यह सच देख कर पाकिस्तान काफी बौखलाया हुआ है और आतंकवादी ताकतें एक बार फिर सुरक्षा बलों को अपनी मौजूदगी दिखाने के लिए कायराना हरकतों पर उतर आए हैं। पिछले तीन दिन में पहले पुलवामा में शक्तिशाली आईईडी का बरामद होना, फिर राजौरी के आर्मी कैम्प पर आत्मघाती हमले में हमारे चार जवानों की शहादत और अब 19 वर्षीय बिहारी मजदूर मोहम्मद अमरेज की टारगेट किलिंग से संकेत मिल रहे हैं कि आतंकवादी कोई बड़ी वारदात करने की ताक में हैं। यद्यपि सुरक्षा बलों ने आर्मी कैम्प पर हमला करने आए दोनों आतंकवादियों को मार गिराया लेकिन हमारे चार जवानों की शहादत दुखदायी है।
शहीद हुए चार जवानों में फरीदाबाद के रहने वाले मनोज भाटी और हिसार के निशांत मलिक शामिल हैं। बाकी दो जवान राजस्थान और  तमिलनाडु के हैं। मनोज भाटी की दस माह पहले ही शादी हुई थी, वह पिता बनने वाले थे। कुछ छुट्टियां काट कर दो अगस्त को ही उन्होंने ड्यूटी ज्वाइन की थी। शहादत की खबर पाकर माता-पिता और पत्नी का बुरा हाल है। निशांत मलिक की शहादत की खबर सुनकर हिसार के डंढेरी गांव में मातम का माहौल है। हमले के एक दिन पहले ही निशांत ने वीडियो कॉल पर अपनी बहन से बात की थी। उनकी बहनों ने उन्हें गुरुवार की सुबह ही राखी बांध लेने को कहा था। लेकिन निशांत राखी बांधने से पहले ही वीरगति को प्राप्त हो गए। अब बहनों को सारी उम्र भाई का इंतजार रहेगा।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कड़ी चौकसी के बावजूद आर्मी कैम्प पर हमला दुखद है। इस हमले ने उरी कैम्पन पर हमले की याद ताजा कर दी है, जिसमें 19 जवान शहीद हुए थे। आतंकवादियों ने मधेपुरा बिहार के रहने वाले मजदूर अमरेज की हत्या कर अपने नापाक इरादे फिर जता दिए हैं कि वह किसी बाहरी को कश्मीर में देखना नहीं चाहते। पिछले सप्ताह भी चरमपंथियों ने ​बिहार के एक मजदूर की हत्या की थी। यद्यपि दो माह पहले टारगेट किलिंग रूक गई थी। मगर इस महीने फिर हमले किए  गए। इसी साल आतंकवादियों ने कश्मीरी पंडितों को भी निशाना बनाया। दो दिन पहले जब सुरक्षा बलों ने बड़गाम के वाटर हेल में आपरेशन चला कर कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट और अमरीन भट्ट तथा कई नागरिकों की हत्या में लिप्त आतंकी लतीफ राथर समेत तीन आतंकी मार गिराए थे तो दावा किया  गया था कि टारगेट किलिंग में लिप्त सभी आतंकवादियों का सफाया कर दिया गया है लेकिन ताजा वारदातों ने एक बार फिर चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं कि आतंकवाद को खत्म करने के लिए एक साथ कई मोर्चों पर काम किया जा रहा है। एक तरफ सुरक्षा बल पूरी ताकत के साथ आतंकवाद की जड़ों पर प्रहार कर रहे हैं तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय जांच एजैंसी एनआईए आतंक के ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। इस वर्ष सुरक्षा बलों ने 139 आतंकवादियों को मार गिराया  है। वहीं इस दौरान 22 भारतीय जवान भी शहीद हुए। साथ ही 20 आम लोग भी जान गंवा चुके हैं।
जम्मू-कश्मीर में हर गली, हर मुहल्ले और गांव में गूंजते भारत माता की जय के नारे पाकिस्तान और आतंकी संगठनों को बर्दाश्त नहीं हो रहे। पाकिस्तान से आतंकियों की घुसपैठ जारी है। कश्मीर में कोई नया आतंकी संगठन नहीं पनपा है। छोटे-मोटे स्थानीय स्तर पर छद्म नाम के संगठन सामने आ रहे हैं। आतंकी वारदातों के बाद पाक परस्त नाम रख लेते हैं, ताकि दुनि​या को पता चले कि पाकिस्तान किस तरह कश्मीर में आतंक फैला रहा है। पाक खुफिया एजैंसी आईएसआई की शह पर दो संगठन लश्कर और जैश ही सक्रिय हैं, दोनों तहरीके इस्लामी और रेसिस्टेंस फ्रंट बनाकर काम करते हैं। पाकिस्तान ही आतंकवाद को खाद-पानी दे रहा है। पुराने अनुभव बताते हैं कि सूर्य चाहे शीतलता देना शुरू कर दे, नदियां चाहे अपनी दिशाएं बदल दें, हिमालय चाहे उषण हो जाए परन्तु पाकिस्तान  कभी सीधे रास्ते पर नहीं आएगा। लक्ष्य बस एक ही हो पाकिस्तान मरघट बने  तभी कश्मीर में अमन होगा। अब कश्मीर में चुनावों की तैयारी की जा रही है और पाकिस्तान नहीं चाहेगा कि कश्मीर में शांतिपूर्ण चुनाव हों,  इसलिए सुरक्षा बलों को एक बार फिर आतंक की चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहना होगा।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।