ट्रंप-किम नौटंकी जारी रहेगी - Punjab Kesari
Girl in a jacket

ट्रंप-किम नौटंकी जारी रहेगी

NULL

वियतनाम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया के सनकी तानाशाह किम जोंग उन के बीच हुई शिखर वार्ता बेनतीजा रही और ट्रंप को बड़े बेआबरू होकर वियतनाम से लौटना पड़ा। इसे इत्तेफाक ही माना जाना चाहिए कि दोनों नेताओं में मुलाकात वियतनाम में उसी जगह हुई जहां करीब 46 वर्ष पहले 18 दिसम्बर 1972 को अमेरिका के दो बी-52 लड़ाकू विमानों ने बम गिराए थे। इससे लगभग 8 महीने पहले ट्रंप और किम की मुलाकात सिंगापुर में हुई थी। उसके बाद से उत्तर कोरिया ने कोई मिसाइल या परमाणु परीक्षण नहीं किया है। पहली मुलाकात से पहले किम जोंग हाइड्रोजन समेत 6 परमाणु परीक्षण कर चुके थे। ट्रंप ने यद्यपि यह उम्मीद जताई थी कि परमाणु हथियार छोड़ देने पर उत्तर कोरिया को भविष्य में वैश्विक आर्थिक विकास केन्द्र और महान बनने का मौका मिलेगा। उत्तर कोरिया का भविष्य काफी शानदार होगा।

उत्तर कोरिया के एकमात्र सहयोगी देश चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भी कहा था कि दोनों के बीच बातचीत परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में आगे बढ़ने और कोरियाई प्रायद्वीप में शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इस मुलाकात में भी चीन की अहम भूमिका है। किम जोंग उन क्योंकि सब कुछ चीन की सलाह से ही करते हैं। किम जनवरी के महीने में चीनी राष्ट्रपति से चौथी बार मिले थे। दुनिया किसी बड़े समझौते की उम्मीद भले ही कर रही थी लेकिन चीन की भूमिका को लेकर हमेशा ही संदेह में रहे हैं। जब दोनों नेताओं की पहली मुलाकात हुई थी तो किम आैर ट्रंप ने इस आडम्बरपूर्ण मुलाकात को भुनाने का पूरा प्रयास किया था लेकिन उस बैठक के बाद बातें उम्मीद के मुताबिक आगे नहीं बढ़ी।

उत्तर कोरिया को परमाणु हथियारों से मुक्त करने के अमेरिकी लक्ष्य के मुताबिक कोई ठोस नतीजा नहीं निकलता दिखा। उत्तर कोरिया इस बात को लेकर निराश है कि अमेरिका उस पर लगाए गए प्रतिबंधों में छूट देने को तैयार नहीं है। समस्या यह भी है कि दोनों नेताओं ने परमाणु मुद्दे को व्यक्तिगत बना दिया। ट्रंप और किम एक-दूसरे से सीधे बात करना पसन्द करते हैं। उनके बीच खतों और गर्मजोशी भरे शब्दों के आदान-प्रदान भी हुए। हनोई बैठक में उत्तर कोरिया ने सभी प्रतिबंधों से छूट मांगी तो ट्रंप ने साफ इन्कार कर दिया। हालांकि उत्तर कोरिया ने यंगबियम परमाणु अनुसंधान केन्द्र को अमेरिकी पर्यवेक्षकों की निगरानी में पूरी तरह बन्द करने का प्रस्ताव भी दिया था। प्रतिबंधों के चलते उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था कमजोर हो रही है और वहां के लोगों का जीवन असहज होता जा रहा है।

अमेरिका चाहता है कि उत्तर कोरिया एकतरफा तरीके से अपने सारे परमाणु हथियार हटाए और अंतर्राष्ट्रीय जांचकर्ताओं को इसकी पुष्टि करने की अनुमति दे लेकिन उत्तर कोरिया चाहता है कि अमेरिका भी इस क्षेत्र से अपने परमाणु हथियार हटाए ताकि उसे कोई खतरा नहीं रहे। ट्रंप भी साफ कर चुके हैं कि वह चाहते हैं कि दक्षिण कोरिया से अपने सैनिक हटाए। उत्तर कोरिया का कहना है कि वह परमाणु बम के संयंत्र नष्ट करने को तैयार है लेकिन ट्रंप प्रशासन भी जवाबी उपाय करे। किम जोंग उन अमेरिका से रियायत के तौर पर प्रतिबंधों में ढील और सुरक्षा की गारंटी चाहते हैं।

उत्तर कोरिया ने परीक्षणों पर रोक लगा दी है लेकिन अभी उत्पादन बन्द नहीं किया है। तानाशाह किम जोंग का नजरिया यही है कि अपने शासन को बनाए रखने के लिए परमाणु हथियार बेहद जरूरी हैं, खासकर उस स्थिति में जब अमेरिका उनकी सत्ता को उखाड़ फैंकने की कोशिश करता है। किम जोंग उन ऐसा कूटनीतिक माहौल तैयार करने की कोशिश में हैं जहां उत्तर कोरिया को परमाणु हथियार सम्पन्न देश के तौर पर मान्यता मिल जाए। कई विश्लेषकों की राय है कि जब तक उत्तर कोरिया का शासन खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करेगा तब तक परमाणु हथियार हटाने की दिशा में प्रगति सम्भव नहीं। पेंटागन के कुछ अधिकारी भी यही तर्क दे रहे हैं कि हथियार पूरी तरह खत्म करने की बजाय हथियारों के नियंत्रण पर बातचीत ज्यादा तर्कसंगत होगी।

यही कारण रहा कि बैठक बेनतीजा रहने के बावजूद ट्रंप ने कहा कि उन्हें कोई जल्दबाजी नहीं। कई बार ऐसा मौका आता है कि आपको चल देना पड़ता है और यह ऐसा ही मौका था। ट्रंप ने जापान, दक्षिण कोरिया को भरोसा दिलाया है कि उत्तर कोरिया के साथ बातचीत आगे भी जारी रहेगी। यानी दोनों नेताओं की नौटंकी आगे भी जारी रहेगी। उत्तर कोरिया भी पूरे मोल-तोल पर उतर आया है। उसे भी पता है कि अमेरिका से बातचीत जारी रखने में ही उसकी भलाई है। अमेरिका से उसे काफी कुछ हासिल हो सकता है जिससे देश के आर्थिक हालात सुधारने में मदद मिल सकती है। काफी तनातनी के बाद दो दुश्मन करीब आए और बातचीत हुई। जब तक कोई ठोस परिणाम नहीं निकलता तब तक दोनों की नौटंकी जारी रहेगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *


Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।