जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं हमारे स्पैशल डे भी बढ़ते जा रहे हैं। कभी फादर्स डे, मदर्स डे, चिल्ड्रन डे, जो हमारी भारतीय संस्कृति के हिसाब से तो हमारा हर दिन माता-पिता का दिन, बच्चों का दिन होता है। यह तो अंग्रेजों के बनाए दिन हैं, जो इके नहीं रहते तो वो लोग साल में एक बार मिलने का समय तय करते हैं, तो वह स्पैशल मदर-फादर डे बन जाता है। चलो अब हम भारतीयों ने भी इन दिनों को मनाना शुरू कर दिया है और इसमें चलो कोई बुराई भी नहीं। क्योंकि हमारा तो रोज होता है पर एक दिन को हम स्पैशल मानकर ज्यादा महत्व देते हैं। केक, फ्लावर, कार्ड देकर अपनी भारतीय संस्कृति के साथ पश्चिमी सभ्यता को भी जोड़ते हैं। 6 अगस्त को ऐसे ही फै्रंडशिप डे था। रात के 12 बजे से व्हाट्सएप पर बहुत से मैसेज शुरू हो गए। फिर सारा दिन चलते रहे। बहुत ही खूबसूरत मैसेज थे। सब अपने-अपने अंदाज में थे। हमारे बहुत से सदस्यों ने भी भेजे। सबसे बड़ी बात थी कि बहुत से सदस्यों ने कहा कि हम तो सारी उम्र बच्चों में लगे रहे। हमने अपने दोस्त बनाए ही नहीं, परन्तु वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब ने हमारे बहुत से मित्र बना दिए और अब हम फेसबुक और व्हाट्सएप से बहुत से मित्र बना दिए और सब हम फेसबुक और व्हाट्सऐप से बहुत से मित्रों से जुड़े हुए हैं और हमारा बहुत सा अच्छा समय बीत जाता है। वाक्य मैंने अपनी जिन्दगी के अनुभव से सीखा है कि मित्र होने जिन्दगी में बहुत जरूरी हैं, क्योंकि रिश्तेदार अच्छे होना या न होना किस्मत है और वो जैसे भी हैं आपको सहने पड़ते हैं। मित्र आपकी मनपसंद हैं और कई मित्र तो ऐसे होते हैं जो सगे-सम्बन्धियों से भी आगे होते हैं तथा खून के रिश्तों से भी बढ़कर होते हैं। वैसे सबसे बड़ा रिश्ता माता-पिता का, जिसकी कोई तुलना नहीं और फिर भाई-बहन का, फिर मित्र आते हैं। फिर रिश्तेदार आते हैं। अगर आपकी जिन्दगी में एक भी सच्चा मित्र है तो आप बहुत खुशकिस्मत वाले हो। मुझे अक्सर हमारे सदस्य कहते हैं कि हमें कोई सच्चा दोस्त नहीं मिला, तो मैं अक्सर कहती हूं दोस्त बनाने पड़ते हैं, मिलते नहीं। अच्छी दोस्ती के लिए आपको उसकी कुछ बातों को नजरंदाज करने की क्षमता भी होनी चाहिए। बाकी फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सऐप पर बहुत से दोस्त बन जाते हैं, जो आपको कॉम्पलीमेंट्स कमैंट देकर खुश रखते हैं। आपको लगता है कि यह फेक होते हैं। हां फेक तो होते हैं परन्तु कोई नुक्सान नहीं देते और आपका दिल लगा रहता है। दोस्ती में एक बात जरूर ध्यान रखें कि अगर वह सुख में है मिलें न मिलें परन्तु उसे कोई दुख हो तो उसे जरूर मिलें।
मुझे वो गीत याद आ रहा है,
सच्ची दोस्ती के लिए
तेरी जीत, मेरी जीत,
तेरा गम, मेरा गम,
सुन ले मेरे यार।
ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे,
तेरा साथ न छोड़ेंगे।
मुझे जिन्दगी में इतने अच्छे मित्र दिए हैं। अगर मैं लिखने बैठूं तो पूरी अखबार भी कम है। यहां तक कि कई ब्रांच हैड भी मेरी बहुत अच्छी प्यारी मित्र हैं। अब आपकी ब्रांचें खुलने जा रही हैं। मुझे मालूम है आप सबको अपने दोस्तों को जो वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब के सदस्यों को मिलने का इंतजार है, उनसे खुशियां बांटने का इंतजार है। कभी आप अपने बर्थडे सैलीब्रेट करोगे, कभी आप अपनी शादी की सालगिरह मनाएंगे, कभी क्लब के फंक्शन में हिस्सा लोगे। वाह! क्या बात है। चलो अब सब अपने मित्रों को मिलें और जिन्दगी के गमों का भुलाकर खुशियां मनाएं। थोड़ा अपने लिए भी जीना सीखें।
आज से आप 15 अगस्त तक देशभक्ति के गीत गाकर वीडियो भेजें, आपकी वीडियो 2 मिनट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। आपकी वीडियो फेसबुक पर अपलोड करेंगे। द्य