पिछले दिनों मुझे द ललित बेकल रिजोर्ट एंड स्पा में जाने का अवसर प्राप्त हुआ। दरअसल अश्विनी जी के जाने के बाद में बहुत कोशिश में थी कि नार्मल लाइफ में आऊं, क्योंकि बच्चों और काम के लिए बहुत जरूरी था, परन्तु मेरी जिन्दगी सांप-सीढ़ी की रुह्वस्रश तरह चल रही है। जैसे अपने आप को मजबूत कर 90 प्रतिशत तक पहुंचती हूं तो फिर अचानक धक्का लगता है कि मेरे साथ क्या विडम्बना हुई अश्विनी जी जो एक मिनट नहीं रहते थे वो कहां हैं, क्योंकि हम हर काम, यात्रा सब इकठी करते थे। मैं अन्दर से नार्मल फील नहीं करती। सभी कहते हैं move forward यानी आगे बढ़ो, जो एक बार चला गया उसने अब वापिस नहीं आना। यही तो समस्या है, वो कहीं गए ही नहीं he is within me all Time.. अर्थात वह हर वक्त मेरे साथ हैं।
यह मेरा दर्द मेरी 40 साल पुरानी मित्र ज्योत्सना सूरी (ललित सूरी की पत्नी जो अश्विनी जी के घनिष्ठ मित्र थे) ने समझा जो खुद भी इस दौर से गुजर चुकी हैं और अब तो आयरन लेडी, सफल Business Woman और एक अच्छी मां हैं। उसने यह पांच दिन का प्रोग्राम बनाया। मैंने इस उम्र तक भी कभी अकेले सफर नहीं किया। बच्चे और अश्विनी के साथ हमेशा सफर किया। एक महीना पहले प्रोग्राम बन गया, परन्तु बीच में दिल छोड़ देती कि नहीं जाऊंगी। तब सबने मेरा उत्साह बढ़ाया। मेरी मित्र मेरी भाभी अंजू आहूजा जो कदम-कदम पर मेरा मनोबल बढ़ाती रही हैं। अश्विनी जी के बाद वे ही मेरी एक ऐसी मित्र थी, जिसने मुझे पहली बार घर से निकाला, नहीं तो मैं बिस्तर पकड़ चुकी होती।
सो हम 15 तारीख की शाम को सभी 5 सहेलियां ज्योत्सना सूरी के साथ मंगलौर के लिए रवाना हुई। बहुत अच्छी फीलिंग थी। यहां से शुरू हुआ हमारा ऐसा सफर जो कभी भुलाया नहीं जा सकता। ज्योत्सना सूरी जो ललित होटल की सीएमडी हैं, उन्होंने हम सबको ऐसा अहसास कराया, जैसे हम किसी देश की रानियां हों। एयरपोर्ट से द ललित होटल की सेवाएं शुरू हो गई थीं। उनका शानदार स्टाफ है, हर एक का इतना ख्याल रख रहे थे। ढाई घंटे की फ्लाइट में अंजू आहूजा जी ने सबको अपने हाथ की पराठियां थेपले खिलाए-अभी की फ्लाइट में बहुत अच्छा पोहा, चाय का इंतजाम था। मंगलौर उतरते ही द ललित होटल की गाडिय़ां लेने आई थीं। हम सबका फूलों से स्वागत किया गया और जैसे ही हमने कर्नाटका से केरल में प्रवेश किया। हमें बेहद शानदार नजारे देखने को मिले। जैसे ही हमने द ललित रिसोर्ट एंड स्पा बेकल में प्रवेश किया ऐसे लगा हम स्वर्ग में पहुंच गए हैं। हरियाली के बीच बेहद सुन्दर तरीके से इसे बनाया गया है। 26 एकड़ वर्ग में फैला हुआ और अरब सागर की गोद में तीन तरफ से नोम्बिली नदी से घिरा हुआ है।
जब हमने बेकल में प्रवेश किया तो यह पूरा भरा हुआ था। युवा, बच्चे, उम्रदराज लोग अलग-अलग राज्यों और जगहों से आए हुए थे। क्यों यह एक रिसोर्ट भी है। स्पा और वेलनेस भी है। इसमें 38 बड़े-बड़े सुइटस हैं। हम सबको एक-एक अलग विला मिला, जो बहुत ही आरामदायक था। यहां लोग वजन कम करने, रिलैक्स करने, प्रकृति का आनंद उठाने के लिए आते हैं। हम पांचों का मकसद यहां रिलैक्स होना था विशेषकर मेरा तो मकसद यही था। मुझे अपने माइंड को सैट करना था। एक मेरी मित्र के घुटनों में बहुत दर्द था, वो आई हमारे साथ व्हील चेयर में थीं, परन्तु वापसी में वह सबसे आगे-आगे तेज-तेज चल रही थीं। मेरे सिवाय सबने 2 किलो वजन भी कम किया, क्योंकि मेरा तनाव का लेवल इतना ज्यादा था तो मैंने अपने आपको तरोताजा महसूस किया। तनाव भी कम महसूस किया। वहां जाकर एक भी दिन दर्दनिवारक दवाई नहीं ली। इसमें सबसे बड़ी खासियत रिज्यूव-ग्रुप का सिग्नेचर स्पा, जो 20,000 वर्ग फीट में बनाया गया है। जिसमें 8 आयुुर्वेद और 4 अन्तर्राष्ट्रीय चिकित्सा के कमरे शामिल हैं। स्पा में योग और ध्यान की सुविधाएं, परामर्श, पश्चिमी और पूर्व चिकित्सा के साथ-साथ सौंदर्य उपचार भी उपलब्ध है।
स्पा वजन घटाने का कार्यक्रम और अनेक रोग हटने वाली चिकित्सा भी प्रदान करता है। स्पा मुख्य रूप से अभ्यगम, शिरोधारा, तक्रधारा, मुखलेपम और अन्य आयुर्वेदिक चिकित्साओं में माहिर है। यहां पर केरल के स्वस्थ खाने के विकल्प से लेकर उत्तर भारतीय एवं यूरोपियन जायके के साथ विभिन्न प्रकार के भोजन उपलब्ध हैं। यहां पर समुद्र और नदी का संगम है, जो देखने लायक है। रिवर राफ्टिंग की सुविधा है। स्वीमिंग पूल है और हर दूसरे-तीसरे दिन भारतीय संस्कृति को दिखाने वाले कार्यक्रम हैं। जैसे हमने 2 प्रोग्रामों को देखा कत्थककली और ओल्ड वारियर का प्रोग्राम देखा। नदी में सैर की। मैं पानी से इतना डरती हूं परन्तु स्टाफ इतना अच्छा और भरोसा दे रहा था। मैं पानी में गई। नदी पर बने बेम्बू बांस के बड़े से प्लेटफार्म पर सैर भी की। अंतिम दिन हमने 24 व्यंजन वाला सदिया खाया और कत्थक डांस देखा। स्टाफ सारा अच्छा है परन्तु स्पेशली स्पा का डाक्टर संजय, सुमन्त सिंह, दिशांत, शालिनी, स्पा मैनेजर, दिल्ली ललित से आए सुमित और वहां के शानदार सैफ सुनील और शिब्बो, आइरिश हेयर ड्रेसर, चुलबुल और भी बहुत सारे लोगों ने मुस्कुराते हुए और अच्छे तरीके से हम सबको सेवाएं दीं। बच्चों के लिए खेलने की जगह शानदार बनाई गई है और इसमें गेम्स की व्यवस्था भी की गई है। योगा और मेडिटेशन के लिए भी व्यवस्था है।
हर कमरे में किताबें रखी गई हैं जो मिस्टर केशव सूरी (कार्यकारी अध्यक्ष) ने एलजीबीटीक्यू सोसाइटी के समर्थन में लिखी थी। ललित समूह की सीएमडी ज्योत्सना सूरी ने अपनी इस यात्रा के बारे में लिखा है कि कैसे ललित ग्रुप समूह स्पेशल चिल्ड्रन Deaf dumb अटैक लड़कियों की मदद करता है। उन्होंने दुनिया में एक मानक तय किया। आखिर में यही कहूंगी कि ललित रिसोर्ट जमीन पर एक स्वर्ग है जो ज्योत्सना सूरी की प्रबंधन और बुद्धि कौशल को दर्शाता है। यह उनके बेटे केशव सूरी की मेहनत और लगन का परिचायक भी है। द ललित रिसोर्ट सैर पर जाने वाले जन्नत की सैर कर लेते हैं और प्रकृति के दोस्त बन जाते हैं। अंत में ललित होटल में अंजू आहूजा ने किचन में जाकर पपीते के परांठे बनाए जो हम सबने बड़े स्वाद के साथ प्लेन में खाए। मैंने पहले कभी पपीते के परांठे नहीं खाए थे। और हम सब बहुत ही मीठी कभी न भूलने वाली यादें जो साथ लेकर आए। सचमुच मैं तो यही कहूंगी जिन्दगी की भागम-भाग में सबको तनाव होता है। यह तनाव कम करने के लिए वजन कम करने, आराम करने के लिए प्रकृति के सारे नजारें देखने के लिए एक जन्नत है और सब को समय निकाल कर जाना चाहिए। मेरी बातें सुनाने पर मेरे सारे बेटे और बहुत से मित्र तैयार हैं।
यह मेरा दर्द मेरी 40 साल पुरानी मित्र ज्योत्सना सूरी (ललित सूरी की पत्नी जो अश्विनी जी के घनिष्ठ मित्र थे) ने समझा जो खुद भी इस दौर से गुजर चुकी हैं और अब तो आयरन लेडी, सफल Business Woman और एक अच्छी मां हैं। उसने यह पांच दिन का प्रोग्राम बनाया। मैंने इस उम्र तक भी कभी अकेले सफर नहीं किया। बच्चे और अश्विनी के साथ हमेशा सफर किया। एक महीना पहले प्रोग्राम बन गया, परन्तु बीच में दिल छोड़ देती कि नहीं जाऊंगी। तब सबने मेरा उत्साह बढ़ाया। मेरी मित्र मेरी भाभी अंजू आहूजा जो कदम-कदम पर मेरा मनोबल बढ़ाती रही हैं। अश्विनी जी के बाद वे ही मेरी एक ऐसी मित्र थी, जिसने मुझे पहली बार घर से निकाला, नहीं तो मैं बिस्तर पकड़ चुकी होती।
सो हम 15 तारीख की शाम को सभी 5 सहेलियां ज्योत्सना सूरी के साथ मंगलौर के लिए रवाना हुई। बहुत अच्छी फीलिंग थी। यहां से शुरू हुआ हमारा ऐसा सफर जो कभी भुलाया नहीं जा सकता। ज्योत्सना सूरी जो ललित होटल की सीएमडी हैं, उन्होंने हम सबको ऐसा अहसास कराया, जैसे हम किसी देश की रानियां हों। एयरपोर्ट से द ललित होटल की सेवाएं शुरू हो गई थीं। उनका शानदार स्टाफ है, हर एक का इतना ख्याल रख रहे थे। ढाई घंटे की फ्लाइट में अंजू आहूजा जी ने सबको अपने हाथ की पराठियां थेपले खिलाए-अभी की फ्लाइट में बहुत अच्छा पोहा, चाय का इंतजाम था। मंगलौर उतरते ही द ललित होटल की गाडिय़ां लेने आई थीं। हम सबका फूलों से स्वागत किया गया और जैसे ही हमने कर्नाटका से केरल में प्रवेश किया। हमें बेहद शानदार नजारे देखने को मिले। जैसे ही हमने द ललित रिसोर्ट एंड स्पा बेकल में प्रवेश किया ऐसे लगा हम स्वर्ग में पहुंच गए हैं। हरियाली के बीच बेहद सुन्दर तरीके से इसे बनाया गया है। 26 एकड़ वर्ग में फैला हुआ और अरब सागर की गोद में तीन तरफ से नोम्बिली नदी से घिरा हुआ है।
जब हमने बेकल में प्रवेश किया तो यह पूरा भरा हुआ था। युवा, बच्चे, उम्रदराज लोग अलग-अलग राज्यों और जगहों से आए हुए थे। क्यों यह एक रिसोर्ट भी है। स्पा और वेलनेस भी है। इसमें 38 बड़े-बड़े सुइटस हैं। हम सबको एक-एक अलग विला मिला, जो बहुत ही आरामदायक था। यहां लोग वजन कम करने, रिलैक्स करने, प्रकृति का आनंद उठाने के लिए आते हैं। हम पांचों का मकसद यहां रिलैक्स होना था विशेषकर मेरा तो मकसद यही था। मुझे अपने माइंड को सैट करना था। एक मेरी मित्र के घुटनों में बहुत दर्द था, वो आई हमारे साथ व्हील चेयर में थीं, परन्तु वापसी में वह सबसे आगे-आगे तेज-तेज चल रही थीं। मेरे सिवाय सबने 2 किलो वजन भी कम किया, क्योंकि मेरा तनाव का लेवल इतना ज्यादा था तो मैंने अपने आपको तरोताजा महसूस किया। तनाव भी कम महसूस किया। वहां जाकर एक भी दिन दर्दनिवारक दवाई नहीं ली। इसमें सबसे बड़ी खासियत रिज्यूव-ग्रुप का सिग्नेचर स्पा, जो 20,000 वर्ग फीट में बनाया गया है। जिसमें 8 आयुुर्वेद और 4 अन्तर्राष्ट्रीय चिकित्सा के कमरे शामिल हैं। स्पा में योग और ध्यान की सुविधाएं, परामर्श, पश्चिमी और पूर्व चिकित्सा के साथ-साथ सौंदर्य उपचार भी उपलब्ध है।
स्पा वजन घटाने का कार्यक्रम और अनेक रोग हटने वाली चिकित्सा भी प्रदान करता है। स्पा मुख्य रूप से अभ्यगम, शिरोधारा, तक्रधारा, मुखलेपम और अन्य आयुर्वेदिक चिकित्साओं में माहिर है। यहां पर केरल के स्वस्थ खाने के विकल्प से लेकर उत्तर भारतीय एवं यूरोपियन जायके के साथ विभिन्न प्रकार के भोजन उपलब्ध हैं। यहां पर समुद्र और नदी का संगम है, जो देखने लायक है। रिवर राफ्टिंग की सुविधा है। स्वीमिंग पूल है और हर दूसरे-तीसरे दिन भारतीय संस्कृति को दिखाने वाले कार्यक्रम हैं। जैसे हमने 2 प्रोग्रामों को देखा कत्थककली और ओल्ड वारियर का प्रोग्राम देखा। नदी में सैर की। मैं पानी से इतना डरती हूं परन्तु स्टाफ इतना अच्छा और भरोसा दे रहा था। मैं पानी में गई। नदी पर बने बेम्बू बांस के बड़े से प्लेटफार्म पर सैर भी की। अंतिम दिन हमने 24 व्यंजन वाला सदिया खाया और कत्थक डांस देखा। स्टाफ सारा अच्छा है परन्तु स्पेशली स्पा का डाक्टर संजय, सुमन्त सिंह, दिशांत, शालिनी, स्पा मैनेजर, दिल्ली ललित से आए सुमित और वहां के शानदार सैफ सुनील और शिब्बो, आइरिश हेयर ड्रेसर, चुलबुल और भी बहुत सारे लोगों ने मुस्कुराते हुए और अच्छे तरीके से हम सबको सेवाएं दीं। बच्चों के लिए खेलने की जगह शानदार बनाई गई है और इसमें गेम्स की व्यवस्था भी की गई है। योगा और मेडिटेशन के लिए भी व्यवस्था है।
हर कमरे में किताबें रखी गई हैं जो मिस्टर केशव सूरी (कार्यकारी अध्यक्ष) ने एलजीबीटीक्यू सोसाइटी के समर्थन में लिखी थी। ललित समूह की सीएमडी ज्योत्सना सूरी ने अपनी इस यात्रा के बारे में लिखा है कि कैसे ललित ग्रुप समूह स्पेशल चिल्ड्रन Deaf dumb अटैक लड़कियों की मदद करता है। उन्होंने दुनिया में एक मानक तय किया। आखिर में यही कहूंगी कि ललित रिसोर्ट जमीन पर एक स्वर्ग है जो ज्योत्सना सूरी की प्रबंधन और बुद्धि कौशल को दर्शाता है। यह उनके बेटे केशव सूरी की मेहनत और लगन का परिचायक भी है। द ललित रिसोर्ट सैर पर जाने वाले जन्नत की सैर कर लेते हैं और प्रकृति के दोस्त बन जाते हैं। अंत में ललित होटल में अंजू आहूजा ने किचन में जाकर पपीते के परांठे बनाए जो हम सबने बड़े स्वाद के साथ प्लेन में खाए। मैंने पहले कभी पपीते के परांठे नहीं खाए थे। और हम सब बहुत ही मीठी कभी न भूलने वाली यादें जो साथ लेकर आए। सचमुच मैं तो यही कहूंगी जिन्दगी की भागम-भाग में सबको तनाव होता है। यह तनाव कम करने के लिए वजन कम करने, आराम करने के लिए प्रकृति के सारे नजारें देखने के लिए एक जन्नत है और सब को समय निकाल कर जाना चाहिए। मेरी बातें सुनाने पर मेरे सारे बेटे और बहुत से मित्र तैयार हैं।