शाखाएं बंद करने के लिए क्षमा... - Punjab Kesari
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शाखाएं बंद करने के लिए क्षमा…

मुझे मालूम है कि आप सभी घर बैठकर तंग हो रहे हों परन्तु मेरी पूरी कोशिश है कि

मुझे मालूम है कि आप सभी घर बैठकर तंग हो रहे हों परन्तु मेरी पूरी कोशिश है कि आपको वर्चुअल प्रोग्राम के साथ व्यस्त और मस्त रखूं क्योंकि अभी नए वेरियंट का मालूम नहीं पड़ रहा कि इसका क्या असर होगा। क्योंकि खबरों के मुताबिक यह आ चुका है इसलिए आपकी सुरक्षा बहुत आवश्यक है। हो सकता है यह बहुत हल्का हो और एक साधारण बुखार की तरह निकल जाए। हमें घबराना नहीं क्योंकि पुरानी कहावत है बच्चा, बूढ़ा एक समान तो मैं स्कूल को देखकर चल रही हूं। स्कूल खुले तो आपकी शाखाएं खोल दीं। स्कूल बंद तो आपकी शाखाएं भी बंद कर दी हैं और अब हम सब नए वेरियंट के बारे में जानने के लिए 20 तारीख को देश के प्रसिद्ध डाक्टरों से मेरा डॉक द्वारा जानकारी लेंगे कि हमें क्या-क्या सावधानियां करनी हैं। जब तक हमें शाखाएं खोलने का ग्रिन सिंग्नल नहीं मिल जाता तब तक हम सभी प्रोग्राम चाहे वो डाक्टर के साथ है या मनोरंजन के हैं या सीखने-सिखाने के हैं तब तक वर्चुअल करेंगे।
आजकल हमारे वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब फेसबुक पेज पर हमारे सदस्यों के इंटरव्यू चल रहे हैं। बहुत ही आनंद आ रहा है, देखकर बहुत खुशी होती है कि हमारे सदस्य बहुत दिल से जुड़े हुए हैं और कितनी खुशियां पाते हैं। पहले हमने ब्रांच हैड फिर को-हैड और अब हम मैम्बर के इंटरव्यू कर रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि सभी इंटरव्यू को एंज्वाय कर रहे होंगे। आप सभी अक्सर राजनीतिज्ञों, हीरो-हीरोइन, समाजसेवी या बड़े-बड़े लोगों को इंटरव्यू देते देखते होंगे। आपका मन भी करता होगा। काश हम सभी नेता होते, हीरो हीरोइन होते। तो लो दिल से इंटरव्यू दीजिए, परन्तु मर्यादा में रहकर जिसका भी दिल करता है वो मधू और राधिका (पी.ए.) को फोन कर सकते हैं। बेेहतर है अपने ब्रांच हैड को फोन कर या उनसे सम्पर्क कर इजाजत ले लें बहुत ही अच्छा होगा। 92 वर्षीय नरेला की दादी ने अपने इंटरव्यू में कितनी शान से बताया कि जब हम मीटिंग में जाते हैं तो घरवालों को कहते हैं हम मीटिंग में जा रहे हैं। सबसे बढिय़ा बात मुझे लगी नरेला की 92 वर्षीय दादी की जिसका इस उम्र में भी बहुत जोश है और वो कैसे सबको बता रही हैं कि यह कोरोना फिर आ गया और हमें मीटिंग बंद करनी पड़ी और उन्हें बड़ा दुख है कि हम मीटिंग में नहीं जा सकेंगे। ऐसे ही 91 वर्षीय शांति वोहरा जी बहुत खुशी मान रही हैं। सभी सदस्यों की बातें सुनकर हर कठिनाइयों से लडऩे का जोश आता है और बहुत बढ़-चढ़कर काम करने को मन करता है। मुझे पूरी आशा है आप मुझे अभी थोड़े समय पर शाखाएं बंद करने के लिए क्षमा करेंगे और घर पर रह कर सभी नियम पालन करेंगे।

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