शोएब और दानिश ने दिखाया पाक को आइना - Punjab Kesari
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शोएब और दानिश ने दिखाया पाक को आइना

भारत में रहने वाले मुसलमान अन्य मुस्लिम देशों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में हैं। इस्लामिक सहयोग

भारत में रहने वाले मुसलमान अन्य मुस्लिम देशों की तुलना में काफी बेहतर स्थिति में हैं। इस्लामिक सहयोग संगठन के लगभग 57 सदस्य देश हैं। इन देशों की पहचान कट्टर मुस्लिम देशों के रूप में होती है लेकिन इनमें से कुछ गिने-​चुने देशों को छोड़ दें तो ज्यादातर देश आपसी या आंतरिक कलह, आतंकवाद और भयंकर अपराध के गढ़ बन चुके हैं। मिडिल ईस्ट के अधिकांश मुस्लिम देशों में जनता रोज मरती है। 
इसके अलावा अफ्रीका में मौजूद मुस्लिम राष्ट्र भयंकर आतंकवाद, भुखमरी और अपराध से ग्रस्त हैं। मुसलमानों के लिए भारत से बेहतर कोई देश नहीं। यहां रहने वाले मुसलमान पूरी तरह सुरक्षित हैं। भारतीय राजनीति में भी मुस्लिम सर्वोच्च पद पर पहुंचे हैं। पाकिस्तान, जो मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप लगाकर कश्मीर घाटी की अवाम को जिहाद के लिए भड़काता रहता है, भारत पर  लगातार अनर्गल आरोप लगाता रहता है। 
पाक प्रधानमंत्री इमरान खान नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर भारत की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे लेकिन फिलस्तीन और चीन में मुसलमानों पर अत्याचार पर खामोश क्यों हैं? पाकिस्तान में जितने जुल्म दूसरे धर्मों के लोगों के ऊपर किए जाते हैं, उतने कहीं और नहीं होते। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचारों की दास्तान काफी पुरानी है। पाकिस्तान में हिन्दुओं की जनसंख्या कुल जनसंख्या का 1.6 फीसदी है। 90 फीसदी हिन्दू देश छोड़ चुके हैं। उनके पूजा स्थल नष्ट किए जा चुके हैं। 
हिन्दुओं की सम्पत्ति पर जबरन कब्जे ​किए जा रहे हैं। हिन्दू लड़कियों की इज्जत लूटी जाती है, उनका जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह कराया जाता है। पाकिस्तान के हिन्दू भारत आकर शरण मांगते हैं तो उन्हें नागरिकता दी ही जानी चाहिए। हिन्दुओं के लिए भारत ही एक मात्र देश है जहां वे रह सकते हैं। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है उसका खुलासा पाकिस्तान के शोएब अख्तर ने स्वयं एक चैट शो में कर दिया है। 
शोएब अख्तर ने कहा है ​कि पाकिस्तान के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया को हिन्दू होने की वजह से भेदभाव का शिकार होना पड़ा। शोएब अख्तर के खुलासे के बाद दानिश कनेरिया भी साहस जुटा कर सामने आ गए हैं। उन्होंने अपना दर्द यूं बयां किया है-‘‘जब मैं खेल रहा था तो मुझमें हिम्मत नहीं थी लेकिन शोएब के बयान के बाद मैं भी बोलूंगा। मैं उन लोगों का नाम दुनिया के सामने लाऊंगा, जिन्होंने मेरे साथ भेदभाव ​किया।’’ 
दानिश कनेरिया के हिन्दू होने के चलते पाक क्रिकेट टीम के ​खिलाड़ी उससे बात तक नहीं करते थे। कुछ खिलाड़ियों को इस बात पर भी आपत्ति थी कि दानिश उनके साथ बैठकर खाना क्यों खाता है। दानिश को टीम में शामिल करने को लेकर कुछ खिलाड़ियों की शोएब से लड़ाई भी हुई। दानिश कनेरिया पाकिस्तान से क्रिकेट खेलने वाले दूसरे हिन्दू थे। उनसे पहले अनिल दलपत ने भी पाक के लिए क्रिकेट खेली थी। कौन नहीं जानता कि दानिश कनेरिया का नाम दिनेश प्रभाशंकर कनेरिया था। दानिश नाम भी उसने दबाव में बदला था। 
दानिश कनेरिया ने 61 टैस्ट में 34.79 की औसत से 261 विकेट लिए थे, वहीं उन्होंने 18 वनडे भी खेले थे। दानिश जैसे खिलाड़ी का अपमान का खुलासा साबित करता है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यक कैसे घुट-घुट कर जिन्दगी जीते होंगे। शोएब अख्तर और दानिश ने पाकिस्तान को आइना दिखा दिया है। इसके बिल्कुल विपरीत भारत में मुस्लिम खिलाड़ियों, कलाकारों, गायकों और राजनीतिज्ञों काे बहुत सम्मान दिया जाता है। 
हाल ही के दशकों में शायद ही किसी भारतीय को इस कदर लोकप्रियता हासिल हुई हो, जितनी लोकप्रियता पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम को मिली थी। उन्हें भारत का मिसाइल मैन कहा जाता है। डा. कलाम तो राजनीतिज्ञ नहीं थे लेकिन भारत ने उन्हें सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर आसीन कर ​दिया। इससे पहले डा. जाकिर हुसैन भी राष्ट्रपति पद पर पहुंचे थे। एम. हिदायतुल्ला, मो. हामिद अंसारी भी उपराष्ट्रपति पद पर रहे। 
डा. कलाम राजनीतिज्ञ से ज्यादा शिक्षक, प्रशासक और बतौर वैज्ञानिक थे। वह एक किस्म की बौ​द्धिक सेलिब्रिटी थे। उनकी बातें सुनी जाती थीं, उनके शब्दों को ब्रह्म वाक्या की तरह सुना जाता था। भारत ने प्रसिद्ध गायक अदनान सामी और पाकिस्तानी अभिनेत्री सलमा आगा को भी भारतीय नागरिकता प्रदान की थी। भारत ने अल्पसंख्यकों पर कभी कोई पाबंदियां नहीं लगाईं, ​बल्कि भारत में तो उन्हें आरक्षण दिया जाता है ताकि वह शिक्षा के मामले में दूसरों से पिछड़ न जाएं। उनके कल्याण के ​लिए अनेक योजनाएं चलाई जाती हैं। 
अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न और बड़ी संख्या में लोगों के मारे जाने सहित वहां अल्पसंख्यकों की स्थिति पर ​चिंता जताई थी। पाकिस्तान की सरकार अब भारत के नागरिकता कानून को लेकर बेवजह हल्ला मचा रही है। उन्हें खुद आइने में झांक कर देखना चाहिए कि जो कुछ उसके अपने यहां हो रहा है वह मानवाधिकारों का खुला उल्लंघन नहीं। जहां तक दानिश कनेरिया का सवाल है, वह तो महज एक घटना है, पूरे पाकिस्तान में क्या हो रहा है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है।

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