अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एक के बाद एक कानूनी विवाद में फंसते जा रहे हैं। अमेरिका के इतिहास में यह पहला मौका है जब संघीय सरकार पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ आपराधिक आरोप लगा रही है। ट्रम्प के खिलाफ कानूनी विवाद उस समय सामने आ रहे हैं जब ट्रम्प व्हाइट हाऊस के दूसरे कार्यकाल के लिए दौड़ में शामिल हैं। अगर आरोप साबित होते हैं तो ट्रम्प की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी को ग्रहण लग सकता है। यद्यपि ट्रम्प अपने ऊपर लगे आरोपों को राजनीतिक साजिश करार दे रहे हैं और अपने समर्थकों को कट्टरपंथी, वामपंथियों के सामने आत्मसमर्पण नहीं करने की अपील कर रहे हैं। इससे साफ है कि ट्रम्प राजनीतिक लामबंदी के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने पहले से ही राजनीतिक लामबंदी का दृष्टिकोण अपनाया हुआ है। ऐसा लगता है कि आने वाले दिनों में अमेरिका की राजनीति में जबरदस्त ध्रुवीकरण देखने को मिलेगा। ट्रम्प की छवि एक बड़े व्यापारी, दम्भी और बात-बात पर धमकी देने वाले नेता की है लेकिन इस सच को स्वीकारना पड़ेगा कि विवादस्पद होने के बावजूद वह पहले भी राष्ट्रपति बन गए थे और अब भी अमेरिका में उनके समर्थकों की संख्या में कमी नहीं आई है। पहले भी ट्रम्प पर राष्ट्रपति चुनाव से पहले अक्तूबर 2016 में पोर्न स्टार स्टार्मी को 1.30 लाख डालर का भुगतान करने का केस दर्ज है। इस धन के बदले ट्रम्प के साथ अफेयर पर स्टार्मी काे चुप्पी साधनी थी। कानूनन यह भुगतान अवैध नहीं था क्योंकि ट्रम्प ने अपने वकील माईकल कोहेन के जरिए स्टार्मी को यह फंड दिया था तो कोहेन ने इसे लीगल फीस के रूप में दर्ज किया। ऐसे में यह ट्रम्प की ओर से दस्तावेजों में हेरफेर का मामला है जिसे न्यूयार्क में अपराध माना जाता है। अब ट्रम्प पर सरकारी दस्तावेजों की चोरी का आरोप लगा है। ट्रम्प पर अमेरिकी फैडरल कोर्ट में कैपिटल हिल्स पर हमले के लिए अपने समर्थकों और अमेरिकी लोगों को उकसाने से लेकर इन्कम टैक्स फ्राड करने, न्यायपालिका को अवैध तरीके से प्रभावित करने की कोशिश करने समेत कुल 34 मामलों में आरोप लगाए गए हैं।
20 जनवरी, 2021 को संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में ट्रम्प का कार्यकाल आधिकारिक रूप से समाप्त हो रहा था। उस देश के ‘प्रेसिडेंशियल रिकार्ड्स एक्ट’ के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने के बाद कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी दस्तावेज को अपने पास नहीं रख सकता है लेकिन ट्रम्प कथत तौर पर व्हाइट हाऊस से निकलते वक्त निजी दस्तावेजों के साथ अहम और गोपनीय सरकारी दस्तावेज भी साथ ले गए। फ्लोरिडा के पाम बीच में मार-ए-लागो रिसार्ट में अपने महलनुमा घर में उन दस्तावेजों को रखा। अगर यह आरोप साबित हो जाता है तो ट्रम्प 2024 का राष्ट्रपति चुनाव नहीं लड़ पाएंगे।
अगस्त 2022 में मियामी की एक अदालत में दायर 32 पन्नों के हलफनामे में एफबीआई ने ट्रम्प पर गोपनीय सरकारी दस्तावेजों को बिना अनुमति के अपने पास रखने का आरोप लगाया था। कुछ दिनों सूचना मिलने के बाद एफबीआई ने ट्रम्प के घर फिर से छापा मारा। इस बार 33 बक्सों में भरे करीब 11 हजार सरकारी दस्तावेज बरामद किए गए। जिनमें से 100 ‘गोपनीय’ हैं। इनमें राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज भी थे। कुल मिलाकर जांचकर्ताओं का दावा है कि ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित घर से 300 ‘कांफिडेंशियल’, ‘टाॅप सीक्रेट’ और ‘क्लासिफाइड’ फाइलें बरामद की गईं।
सत्ता में रहते हुए ट्रम्प ने किसी की नहीं सुनी। यहां तक कि न्याय विभाग की आपत्तियों के बावजूद उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्ताक्षेप से संबंधित एफबीआई के गुप्त दस्तावेजों के एक बैच को लीक कर दिया था। अब भले ही ट्रम्प खुद को मासूम और निर्दोष बताए लेकिन प्रथम दृष्टि में अपराध गंभीर दिखाई देते हैं। ट्रम्प पर सबसे गंभीर कानूनी खतरा मंडराने लगा है। उनकी स्थिति जटिल होती जा रही है। फिलहाल अमेरिकी लोगों की जुबां पर एक ही चर्चा है कि ट्रम्प का अखिर होगा क्या? ट्रम्प पर अगर आरोप साबित होते हैं तो उन्हें 10 साल तक की कैद हो सकती है। इसके अलावा न्याय में बाधा डालने और जांचकर्ताओं से झूठ बोलने के आरोप साबत होने पर भी उन्हें कैद हो सकती है लेकिन विधि विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रम्प पर मुकद्दमें ऐसे नहीं हैं जिससे उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने से रोका जा सके। रिपब्लिकन पार्टी का उम्मीदवार बनने की दौड़ में वह अन्य दावेदारों से आगे चल रहे हैं। मुकद्दमा कई महीनों तक चलता रहेगा तब तक ट्रम्प चुनाव लड़ने को स्वतंत्र होंगे। देखना होगा आगे क्या होगा?
आदित्य नारायण चोपड़ा
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