कानून अपना काम करेगा, कानून सबके लिए समान है और कानून के हाथ लम्बे होते हैं। यह संवाद हमें हर बड़ी घटना के बाद सुनने को मिलते हैं। धार्मिक समागमों में भगदड़ मचने की घटनाएं तो अक्सर होती रही हैं और उनमें लोगों की जानें भी जाती रही हैं। इसी वर्ष जुलाई महीने में उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 123 लोगों की जान चली गई थी। यह हादसा तब हुआ था जब कथावाचक भोले बाबा का काफिला निकल रहा था और श्रद्धालु उनकी चरण रज लेने के लिए उमड़ पड़े थे। राजनीतिज्ञों के कार्यक्रमों में भी कई बार भगदड़ मची लेकिन क्या किसी बाबा या राजनीतिज्ञ को गिरफ्तार किया गया। सुपर हिट फिल्म पुष्पा-2 के नायक और दक्षिण भारत के सुपर स्टार अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी पर सवाल उठना स्वाभाविक है। अल्लू अर्जुन की गिरफ्तारी फिल्म की स्क्रीनिंग के दौरान संध्या िथएटर में मची भगदड़ में एक महिला की मौत के बाद हुई, हालांकि कुछ देर बाद ही तेलंगाना हाईकोर्ट ने उन्हें चार हफ्ते की अंतरिम जमानत दे दी थी। इसके बावजूद उन्हें 18 घंटे हवालात में रहना पड़ा। शनिवार सुबह ही उनकी जेल से रिहाई हो सकी।
किसी भी हादसे में किसी की जिन्दगी का जाना दुखदायी होता है लेकिन क्या इस घटना के लिए अल्लू अर्जुन को गिरफ्तार करना सही है या गलत, इस पर बहस छिड़ गई है। पुलिस का कहना है कि अल्लू अर्जुन ने संध्या थिएटर जाने के बारे में पुलिस को जानकारी नहीं दी थी, इसलिए वहां भगदड़ मची। जबकि संध्या थिएटर के मालिक का कहना है िक उन्होंने हैदराबाद सिटी कमीश्नर को इस बात की जानकारी दी थी। फिलहाल हादसे के कारणों की जांच चल रही है लेकिन पुलिस द्वारा अभिनेता से किए गए व्यवहार को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं। साल 2017 में इसी तरह की एक घटना गुजरात में घटी थी। फिल्म ‘रईस’ के प्रमोशन के दौरान शाहरुख खान को देखने के लिए भारी संख्या में लोग इकट्ठे हुए थे, जहां शाहरुख लोगों पर टी-शर्ट फैंक रहे थे और उसी टी-शर्ट को लेने के चक्कर में वहां भी भगदड़ मच गई थी। इस दौरान वहां भी एक आदमी की मौत हो गई थी। ठीक अल्लू की तरह शाहरुख पर भी केस दर्ज हुआ था लेकिन गुजरात हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने शाहरुख को निर्दोष बताते हुए उन्हें बरी कर दिया था। तो सवाल ये उठता है कि जब शाहरुख खान इस तरह के मामले में बेकसूर थे तो अल्लू अर्जुन कैसे दोषी करार दिए गए? यही बात शुक्रवार को अल्लू के वकील ने भी कोर्ट में रखी थी। जहां उन्होंने जज के सामने शाहरुख वाले केस का जजमेंट भी पढ़ा, जिसमें लिखा था कि अभिनेता पर आरोप तब तय होता जब भगदड़ में हुई किसी की मौत का सीधा कोई कनेक्शन अभिनेता से होता। वैसे, अल्लू का मामला कोर्ट में है, फिलहाल हाईकोर्ट से उन्हें अंतरिम जमानत दे दी गई।
पुष्पा-2 इस समय ‘फायर’ बनी हुई है और फिल्म ने बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक गदर मचाया हुआ है और इसकी छप्पर फाड़ कमाई जारी है।
यह भी वास्तविकता है कि दक्षिण भारत में फिल्मी सितारों के प्रति जिस तरह की दीवानगी देखने को मिलती है, ऐसी दीवानगी मुम्बई फिल्म इंडस्ट्री के अभिनेताओं के प्रति देखने को नहीं मिलती। एमजीआर से लेकर रजनीकांत, कमल हसन, प्रभाष, चिरंजीवी, महेश बाबू, एनटीआर जूनियर, नागार्जुन, थलपति विजय, पवन कल्याण, रामचरण तेजा आदि सितारों की सूची काफी लम्बी है। जिनके प्रति लोगों की दीवानगी कम होने का नाम नहीं ले रही। कई प्रशंसक तो अपने प्रिय िफल्मी सितारों के मंदिर भी बना चुके हैं। लोकप्रिय सितारों की फिल्म िरलीज होने पर रात के तीन बजे से लाइनें लगनी शुरू हो जाती हैं और फिल्मी सितारों के पोस्टरों को दूध से नहलाए जाने की खबरें भी सुनने को मिलती हैं। कन्नड़ सुपर स्टार पुनीत राजकुमार के 46 वर्ष की उम्र में निधन पर सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक भावनाओं का सैलाब उमड़ पड़ा था। लोगों की आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। उनके निधन पर कुछ फैन्स ने आत्महत्या भी कर ली थी। अल्लू अर्जुन के प्रति भी लोगों की जुनून की हद तक दीवानगी देखने को मिल रही है। इस दीवानगी के पीछे भी कई कारण हैं।
सबसे बड़ा कारण तो यह है कि दक्षिण भारतीय फिल्म स्टार रील लाइफ के नहीं बल्कि रीयल लाइफ में भी हीरो हैं। बाढ़ हो, तूफान हो या फिर कोरोना महामारी हो हर आपदा में दक्षिण भारतीय फिल्मी नायक अपना योगदान देने से पीछे नहीं हटते। इनके द्वारा शुरू किए गए चैरिटेबल ट्रस्ट, स्कूल, मैडिकल सेवाएं और समाज को बेहतर बनाने के िलए किए जा रहे कार्यों से लाखों लोग लाभािन्वत हुए हैं। दक्षिण भारत का हर कलाकार समाज सेवा को अपना कर्त्तव्य मानता है। यही कारण है कि दक्षिण भारतीय हीरो सियासत में आकर भी हीरो बन जाते हैं। इनके मुकाबले बालीवुड के स्टारों में सोनू सूद, नाना पाटेकर और इक्का-दुक्का नाम ही सामने आते हैं। सोनू सूद को तो लोग भगवान का दर्जा देते हैं। अल्लू अर्जुन ने भी हादसे के तुरन्त बाद भगदड़ में जान गंवाने वाली महिला के परिवार की मदद करने की घोषणा की थी आैर कानून का सम्मान करने की बात कही थी और उन्होंने महिला के परिवार से माफी भी मांगी थी। देखना होगा कि इस मामले में कानून कैसे काम करता है।