‘बाबा’ को सजा - Punjab Kesari
Girl in a jacket

‘बाबा’ को सजा

एक समय था जब डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम का डंका बजता था। डेेरा

एक समय था जब डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख बाबा गुरमीत राम रहीम का डंका बजता था। डेेरा समर्थकों की वोटों के लिए हर राजनीतिक दल का शीर्ष नेतृत्व उसके सामने नतमस्तक होता रहा है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु उसके दर्शनों के लिए सड़कों के किनारे खड़े रहते थे। पूरी दुनिया में डेरा के 5 करोड़ समर्थक हैं। अपने अलग-अलग अंदाज के कारण पहचाने जाने वाले गुरमीत राम रहीम का नाम तीन दशक तक देश-विदेश में गूंजता रहा। उन्हें अपने अनुयाइयों के बीच एक संत, फकीर, धर्मगुरु, कलाकार, स्टंटमैन, गीतकार, संगीतकार, गायक, रॉक स्टार, प्रवचनकार इत्यादि नामों से पुकारा जाता रहा। यही कारण है कि उनके हर रूप और अंदाज पर श्रद्धालु झूम उठते थे। अपने कई कारनामों को लेकर सुर्खियों में बने रहना उनका शौक रहा। कभी रॉक स्टार के अंदाज में हिपहॉय गीत गाना तो कभी फिल्मों के जरिये हैरतअंगेज स्टंट करके वह श्रद्धालुओं के बीच छाये हुए थे लेकिन अब गुरमीत राम रहीम अंतिम सांस तक जेल में रहेगा। उसे और आरोपियों को डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। गुरमीत राम रहीम हत्या और रेप के मामले में पहले ही आजीवन कारावास काट रहे हैं। रंजीत सिंह के परिवार को 19 वर्ष बाद इंसाफ मिला। अब राम रहीम का सारा तिलिस्म टूट चुका है। 2002 में तथाकथित बाबा पर आश्रम की साध्वियों के साथ बलात्कार का आरोप लगा। सिरसा के पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति की हत्या का मामला सामने आया। डेरा प्रमुख पर 400 साधुओं को नपुंसक बनाने का मामला खुला। डेरा में यह कहकर साधुओं को नपुसंक बनाया गया था कि वे लोग डेरा प्रमुख के जरिये प्रभु को महसूस करेंगे।
डेरा की रहस्यों में लिपटी दो तरह की दुनिया थी। एक दुनिया वह थी जो लोगों को नजर आती थी, जिसमे लोगों की भलाई के कार्यक्रम चलते थे। धर्मशालाएं बनीं, अस्पताल बने, प्राकृतिक आपदा में लोगों की मदद करना, स्वच्छता अभियान चलाना, पौधारोपण करना, भ्रूण हत्या और नशे के खिलाफ मुहिम चलाने समेत कई जनहित के कार्य हुए। दूसरी ओर गुरमीत राम रहीम ने जो अपनी दुनिया बसाई उसमें हर वो चीज मौजूद थी जिसके बारे में आम आदमी कभी सोच भी नहीं सकता। लग्जरी गाड़ियां भी ऐसी कि आंखें चौंधिया जाएं। डेरे में स्पोर्ट्स की वो सुविधाएं जो बड़े-बड़े सरकारी स्टेडियम में भी न दिखें।  डेरे में एक ऐसी रहस्यमय गुफा थी जिसमें केवल खास सेवादारों को ही जाने की इजाजत थी। यही नहीं गुफा में बाबा की सेवा सुरक्षा में 24 घंटे महिला सेवादार तैनात रहती थीं। जब जाने के दौरान गुफा के कपाट खोले गए तो वह किसी सात स्टार होटल से कम नहीं थी। 
गुरमीत राम रहीम का जेल जाना कोई आश्चर्यजनक घटना नहीं, कई ढोंगी साधू जेलों में बंद हैं। जिन्होंने लोगों की आस्था और धर्म से खिलवाड़ किया है। हर तरह से प्रभावशाली बाबाओं से टक्कर लेना आसान नहीं होता। यौन शोषण का ​शिकार साध्वियां हों या पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति और रंजीत सिंह के परिवारों ने इंसाफ के लिए जो जंग लड़ी उसे देखकर उनके हौसले को सलाम करना होगा। कोई और होता तो कब का मैदान छोड़ गया होता। गुरमीत राम रहीम को अपने दुर आचरण और ​निर्मम हत्याओं की सजा मिलने से न्यायपालिका पर लोगों का विश्वास और दृढ़ हुआ कि कानून सर्वोपरि है। 
कभी एक ऐसा दौर भी था जब ऋषि-महात्मा और संन्यासी सब कुछ छोड़कर सत्य की तलाश में जंगल और पर्वतों पर निकल जाते थे। वह हमेशा सत्य और ईश्वर की तलाश में लगे रहे लेकिन कभी सुख नहीं भोगा। नए जमाने के बाबाओं को जंगल, पहाड़ों पर बिना गए ही इतना कुछ मिल गया कि उन्होंने विलसत की अपनी ही एक दुनिया रचा ली। किसी भी व्यक्ति को गुरु या महान लोगों की आस्था ही बनाती है। वैसे भी देश में अंधविश्वास का अब तक दबदबा बना हुआ है। भगवान की परिकल्पना ही इसलिए की गई थी जिससे लोगों का जब खुद पर भरोसा टूटने लगे तो किसी तीसरी शक्ति पर भरेेसा करके अपना काम पूरा करने की​ हिम्मत कर सके। पहले यह शक्ति दुख, तकलीफ के वक्त ही याद की जाती थी लेकिन अब भगवान को धरती पर उतारने का दावा करके सैंटर खोल दिए गए हैं। अगला कदम भगवान के सैंटरों में काम करने वालों ने उठाया और पाखंड का तिलस्मी संसार खड़ा किया।
भगवान से सीधा कनैक्शन होने के दावे किये जाने लगे। जिन लोगों का आकर्षण भगवान था वह पाखंड बाबाओं के प्रति आकर्षित होते गए। लोगों की अंधभक्ति के चलते बाबाओं ने नए-नए रूप बदल कर ऐसा ढोंग रचा की शिक्षित लोग भी इनके जाल में फंसते चले गए। फखड़ बाबाओं के कुकर्मों का भांडाफोड़ होने के बावजूद लोगों की आस्था का बरकरार रहना आश्चर्यजनक था। बेहतर होगा समाज इनके तिलस्म से बाहर निकले और ईमानदारी से स्वयं अध्यात्म को अपनाएं अन्यथा ढोंगी बाबा उनकी आस्था से खिलवाड़ करते रहेंगे। गुरमीत ​राम रहीम की सजा एक जीता जागता उदाहरण है।
आदित्य नारायण चोपड़ा
Adityachopra@punjabkesari.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × one =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।