सिख धर्म में पांच तख्तों को विशेष स्थान दिया गया है जिसमें श्री अकाल तख्त सबसे सर्वोच्च है। जिसका गठन छठे गुरु हरिगोबिन्द साहिब जी के द्वारा किया गया था। उसके बाद दूसरे नम्बर पर तख्त पटना साहिब आता है जो कि गुरु गोबिन्द सिंह जी की जन्म स्थली है। यहां कि मर्यादा श्री अकाल तख्त साहिब से कुछ हटकर है और यहां पर गुरु ग्रन्थ साहिब के साथ ही दशम ग्रन्थ का भी प्रकाश किया जाता है हालांकि सिख धर्म के ही कुछ लोगों को इस पर एेतराज है, मगर इतिहास के जानकारों की मानें तो किसी को भी इस पर एेतराज नहीं होना चाहिए, क्योंकि जब अमृत संचार करवाया जाता है तो उस समय जो पाठ किया जाता है उसमें से 3 बाणी दशम ग्रन्थ की रहती हैं। सिखों का अब इस तख्त के प्रति रुझान निरन्तर बढ़ता चला जा रहा है और जब से देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यहां नतमस्तक हुए हैं तब से तो हर किसी नेतागण की भी इच्छा रहती है कि वह इस स्थान के दर्शन अवश्य करें। इसी के चलते इस बार गुरु गोबिन्द सिंह जी के प्रकाश पर्व पर संगतों का मानो सैलाब ही उमड़ पड़ा जो शायद शताब्दी के बाद पहली बार देखने को मिला। सुबह अमृत वेले से लेकर देर रात्रि 1 बजे तक संगतों को दर्शनों के लिए घण्टों इन्तजार करना पड़ा। तख्त साहिब का प्रबन्ध संभाल रहे कमेटी के अध्यक्ष जगजोत सिंह सोही, महासचिव इन्द्रजीत सिंह सहित समूची कमेटी ने देश-विदेश की संगत का आभार प्रकट किया। अब सरकारों को भी चाहिए कि तख्त साहिब के आसपास का परिसर जहां काफी विकास की आवश्यकता है उसे किया जाना चाहिए हालांकि बीते दिनों एक कोरिडोर बनाने की बात केन्द्र की सरकार ने की थी उसका कार्य भी जल्द शुरू होना चाहिए ताकी दिसम्बर में आने वाले प्रकाश पर्व से पहले इन कार्यों को पूरा किया जा सके।
प्रधानमंत्री के डिजीटल इंडिया को बढ़ावा देती तख्त पटना कमेटी : देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा कुछ समय पूर्व डिजीटल इंडिया का नारा दिया गया था तब से पूरा देश ही उनके दिखाए रास्ते चलने लगा। छोटे से लेकर बड़ा व्यापारी यहां तक कि पटरी पर बैठकर सामान बेचने वाले भी इसका हिस्सा बनने को मजबूर हो गए क्यांेकि आज हर कोई पैसे का लेन-देन करने में डिजीटल प्लेटफार्म का इस्तेमाल करता है। कार्यालयों में भी कामकाज करते समय ज्यादार इसी का प्रयोग किया जाता है। इसी कड़ी में तख्त पटना साहिब गुरुद्वारा कमेटी भी पूर्ण तौर पर योगदान देती दिख रही है। गुरुद्वारा साहिब में दान राशि प्राप्त करने से लेकर पेमेंट करने में भी इसका इस्तेमाल होता है और अब एक अनोखी पहल करते हुए प्रबन्धक कमेटी की मैगजीन ‘‘गोबिन्द प्रकाश’’ जो कि पहले सिर्फ प्रकाश पर्व के मौके पर साल मंे एक बार छपा करती थी अब डिजीटल रूप में हर महीने उसका प्रकाशन किया जाएगा जिसका विमोचन बिहार में मुख्यमंत्री नितीश कुमार के द्वारा किया गया। इसके प्रकाशन की पूर्ण जिम्मेवारी प्रबन्धक कमेटी के द्वारा मुझे सौंपी गई है, मैं उसके लिए कमेटी का आभारी भी हूं। इसका एक लाभ यह होगा कि लोगों को सिख धर्म, इतिहास की जानकारी देते धार्मिक लेख पढ़ने को मिलेंगे साथ ही तख्त पटना साहिब में होने वाली गतिविधियांे की जानकारी भी हर माह प्राप्त हो सकेगी और हो सकता है कि आने वाले दिनों में अन्य कमेटियां भी इसे अपनाने लगे।
‘‘संत कश्मीर सिंह’’ कार सेवा भूरी की अन्थक सेवाएं : सिख धर्म में सेवा का खास महत्व देखा जाता है फिर वह सेवा किसी भी रूप में क्यों न की जाए। यहां तक कि सिख समुदाय के लोग अपने धार्मिक स्थलों की ईमारतों के निर्माण भी कार सेवा संस्थाओं के द्वारा ही करवाते हैं। देश-विदेश में सैंकड़ांे संत महापुरुष हैं जिनके द्वारा कार सेवा चलाई जाती है। कुछ साल पहले तक तो देखा जाता था कि गैर सिख लोग कार सेवा का नाम सुनते ही डरने लगते थे मगर धीरे-धीरे उन्हें इस बात की जानकारी मिली जिसके बाद से वह भी अपने धार्मिकों स्थलों के निर्माण को कार सेवा का नाम देने लगे। इस महान सेवा मंे एक नाम संत कश्मीर सिंह जी भूरी वालों का आता है जिनके द्वारा तख्त पटना साहिब से लेकर पंजाब, हिमाचल, दिल्ली सहित देश के अन्य राज्यों में अनेक एेतिहासिक गुरुद्वारा साहिबान की सुंदर इमारतें तैयार करवाई गई हैं और सेवा निरन्तर की जा रही है। तख्त पटना साहिब जो सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म स्थल है। यहां पर गुरुद्वारा बाल लीला साहिब सुशोभित हैं, जहां गुरु गोबिंद सिंह जी बाल अवस्था में अपने मित्रों संग खेला करते थे। यहां का प्रबन्ध संत कश्मीर सिंह जी की देखरेख में बाबा गुरुविन्दर सिंह संभाल रहे हैं। इसी प्रकार से पंजाब में बाबा सुखविन्दर सिंह और दिल्ली में बाबा हरि सिंह सेवा देखते हैं। केवल रिहाइश ही नहीं लंगर के भी पुख्ता प्रबन्ध किए जाते हैं। प्रकाश पर्व के मौके पर बाबा जी स्वयं पटना आकर अनेक स्थानो पर 24 घण्टों के लिए लंगर सेवा चलाते हैं जिसमें लाखांे की गिनती में लोग लंगर प्रशाद ग्रहण करते हैं।
ब्रिटेन में बढ़ते सामूहिक बलात्कार के मामले चिन्ता का विषय: पिछले कुछ समय से ब्रिटेन में सामूहिक बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं जो बहुत चिंता का विषय है और यह भी देखा गया है कि इनमें से अधिकतर मामलों को अन्जाम देने के पीछे पाकिस्तानी पुरुषों का हाथ रहता है लेकिन न जाने क्यों यूके पुलिस इसे हल्के में ले रही है। इससे लोग सरकार की घोर लापरवाही और मामले को छुपाने की कोशिश पर सवाल उठाने लगे हैं। एलोन मस्क, जेके राउलिंग और कई पत्रकारों के बयानों के बाद चर्चा तेज हो गई, जिन्होंने मिलीभगत और यूके प्रशासन की न्याय की कमी के लिए पुलिस की आलोचना की है। यह घटनाक्रम लेबर सरकार द्वारा ‘ग्रूमिंग गैंग्स’ मामले की राष्ट्रीय जांच के लिए ओल्डम टाउन काउंसिल के आह्वान को खारिज करने के बाद आया है। टेस्ला और स्पेसएक्स के सीईओ एलोन मस्क ने पुलिस की अकर्मण्यता, गिरोहों के खिलाफ वर्षों की निश्क्रियता और पीड़ितों और उनके परिवारों की गिरफ्तारी पर टिप्पणी करने के लिए सोशल मीडिया ‘एक्स’ का सहारा लिया है। मस्क ने कहा, ब्रिटेन में सत्ता के हर स्तर पर ऐसे लोग हैं जिन्हें इसके लिए जेल में होना चाहिए। यूके में रहने वाले सिख इस पर बेहद चिन्तित हैं, उनका मानना है कि सिख धर्म में महिलाओं को विशेष सम्मान दिया जाता है। गुरु साहिब के समय और उसके बाद भी सिखों के मुगलों के साथ अनेक युद्ध हुए मगर उनकी बहू-बेटियों को पूरे सम्मान के साथ रखा जाता, बल्कि दूसरों से भी उनकी हिफाजत करवाई जाती। बिहार सिख गुरुद्वारा प्रबन्धक कमेटी के अध्यक्ष सूरज सिंह नलवा का मानना है कि ऐसी प्रवृत्ति के लोग जो महिलाओं को मात्र अपने अन्दर की आग मिटाने का खिलौना समझते हैं उन पर सख्त कार्रवाई के साथ-साथ बचपन से ही हर माता-पिता को अपने बच्चों की काउंसलिंग करते हुए महिलाओं के सम्मान की बात समझानी चाहिए इससे निश्चित तौर पर इस तरह के मामलों पर रोक लगेगी।
संसार में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाला सिख: भारतीय मूल के जगदीप सिंह का नाम और चेहरा वायरल होता जा रहा है। वह इसलिए क्योंकि जगदीप सिंह दुनिया में सबसे ज्यादा सैलरी लेने वाले कर्मचारी बने। उनकी सैलरी दुनिया के किसी भी सीईओ से ज्यादा है। इतनी ज्यादा कि हिसाब-किताब लगाकर यदि एक दिन की कमाई निकालें तो यह आंकड़ा 48 करोड़ रुपये का बैठता है। सालाना आधार पर 17,500 करोड़ रुपये, जो गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई से भी ज्यादा सैलरी पाने वाले सीईओ की लिस्ट में गिने जाते हैं। उन्होंने 2004 में गूगल को ज्वाइन किया था। अप्रैल, 2023 के आंकड़ों के मुताबिक उनकी सालाना सैलरी 1663 करोड़ रुपये है। सैलरी के अलावा भी उन्हें कई भत्ते मिलते हैं। इन सबको मिलाकर उन्हें लगभग 1854 करोड़ रुपये मिलते हैं। प्रतिदिन के हिसाब से 5 करोड़ रुपये बनते हैं। स. हिम्मत सिंह का कहना है कि हर सिख बच्चे को जगदीप सिंह से प्रेरणा लेनी चाहिए, क्योंकि ज्यादातर सिख परिवारों के बच्चे शिक्षा की ओर ध्यान इसलिए नहीं लगाते क्योंकि उन्हें लगता है कि ज्यादा पढ़ने से क्या लाभ उन्हांेने आगे चलकर पारिवारिक व्यवसाय या फिर खेती आदि ही करनी है, पर हर माता-पिता को अपने बच्चों को जगदीप सिंह की तरह शिक्षित करना चाहिए।