मुझे मालूम है आप सबको यह सूचना सुनकर बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगेगा क्योंकि आपकी खुशियां, आपकी व्यवस्थाएं वरिष्ठ नागरिक क्लब से जुड़ी हैं, परन्तु मेरी खुशियां आपके स्वास्थ्य से जुड़ी हैं क्योंकि सबसे बड़ा सुख निरोगी काया है। इतनी शीत लहर चल रही है और ठंड बहुत है और मेरे लिए आपकी सेहत, आपकी सुरक्षा बहुत जरूरी है। मुझे मालूम है जब मैंने यह संदेश दिया तो बहुत से ब्रांच हैड और सदस्यों के फोन आए कि प्लीज बंद न करें, हमें ठंड नहीं लगती, हम अपना ध्यान रखेंगे, परन्तु मेरा दिल है कि मानता ही नहीं जो अपने सभी सदस्यों के लिए एक मां की तरह धड़कता है और इस मां को अपने बच्चों की जिद के आगे झुकना नहीं और रुकना भी नहीं, इसलिए आपको सर्दी में व्यस्त रखने के लिए आपके लिए नया आनलाइन प्रोग्राम लेकर आ रही हूं। क्योंकि अभी कोरोना का संकट भी नहीं टला इसलिए घर में रहकर कुछ रचनात्मक कार्य करेंगे। हां एक आप सबसे प्रार्थना करूंगी कि आप अपने गर्म कपड़े अच्छे से पहन कर रखिये। अपने घर के कर्मचारियों और फिर कोशिश कीजिए सड़क पर या आसपास कोई भी जरूरतमंद जिसके पास जुराबें नहीं, स्वेटर नहीं, रजाई, कम्बल नहीं कोशिश कीजिए उन्हें दीजिए। कहते हैं न बूंद-बूंद से घड़ा भरता है तो अगर हम सब मिलकर एक-एक वस्त्र भी बांटे तो सबका भला हो सकता है। कई बार अगर हम अपनी अलमारियां खोलें तो उसमें वो वस्त्र नजर आएंगे जो हमने कभी पहने नहीं या हम कभी पहनेंगे नहीं। कोई तंग, टाइट हो गए, कई खुले हो गए, कोई फैशन के अनुसार नहीं हैं तो उसे जल्दी से निकालिये और बांटिये। मैं सच में आपको एक बात बताती हूं कि अश्विनी जी के जाने के बाद मैंने उनके वस्त्रों को नहीं हिलने दिया था। वैसे के वैसे अल्मारियां सजी हुई थीं। बहुत ही इमोशनल हूं कि उनकी हर वस्तु ऐसे ही रहनी चाहिए जैसे होती थी। कभी-कभी कपड़ों से उनकी खुशबू महसूस करती, कभी देखती, कभी रोती। तीन साल हो रहे हैं परन्तु इस सर्दी को देखकर यही सोचा कि क्यों न मैं उनके कपड़ों से किसी का तन ढक दूं, किसी की सर्दी रोक दूं, उनको भी सुकून मिलेगा। क्योंकि वो तो ऐसे थे किसी को भी अपने कपड़े उतार कर भी पहना देते थे। वो बहुत ही बड़े दिल के इंसान थे तो मैं क्यों न उनके कपड़ों से किसी की सर्दी रोक दूं। अभी मेरे लिए यह काम बहुत ही मुश्किल था परन्तु मैंने उनके 70प्रतिशत कपड़े देकर किया। सच में पूछो तो बहुत पीड़ा महसूस हो रही थी, अन्दर से सुकून भी मिल रहा था कि आज वह खुश हो रहे होंगे। असल में मुझे लगता है क्योंकि वो हमेशा मेरे साथ रहते हैं तो उन्होंने ही यह काम मुझसे कराया। आप सबको भी यही कहती हूं कि आप सब भी ऐसा करें और किसी की भी मदद करते हुए चाहे एक जोड़ा जुराबों का ही दो। फोटो भेजें, आपकी फोटो बुधवार को आपके पेज पर लगेगी। यह कार्यक्रम हम 18 जनवरी तक चलाएंगे, साथ ही क्योंकि अश्विनी जी देशभक्त और समाजसेवी थे तो आप अपनी 2 मिनट की वीडियो देशभक्ति का गीत या भलाई, समाज सेवा का गीत गाकर भेजें या कोई पुराने फिल्मी गीत के साथ एक्शन करके भेजें। पुराना फिल्मी गीत भी देशभक्ति या समाज सेवा या भलाई करने वाला होना चाहिए।18 जनवरी को अश्विनी जी की तीसरी पुण्यतिथि है, उस दिन सारा दिन सबसे बढिय़ा भावना वाली हर ब्रांच की 5 वीडियो चलाई जाएंगी जो उनके ब्रांच हैड ही सलैक्ट करके भेजेंगे, परन्तु आप हर रोज जो वीडियो भेजेंगे वो सब लगेंगी, तो फिर कल से भेजना शुरू कर दीजिए। तो व्यस्त रहें, मस्त रहें, वरिष्ठ नागरिक केसरी के फेसबुक पेज पर जुड़े रहिये, सर्दी से बचे रहिये। द्य