देश की महान शख्सित, समर्पित देशभक्त और बेहद ईमानदार और कर्त्तव्यपरायण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी इस समय 125 करोड़ देशवासी आपकी तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं कि किस प्रकार दो दिन पहले पुलवामा में आतंकवादी हमले में शहीद हुए 40 जवानों की शहादत का बदला लिया जाये। पूरे देश में हाहाकार है और उन-उन गांवों में उन-उन घरों में मातम है जिनके घरों के चिराग हमेशा-हमेशा के लिए बुझ गए। देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान कर देने वाले ये महज 40 सैनिक नहीं हैं बल्कि 40 परिवार हैं जो अब उजड़ गए हैं।
पूरा देश इन शहादत देने वाले जवानों के परिजनों के साथ खड़ा है। कितनी ही महिलाओं के सुहाग उजड़ गए, कितनी ही बहनों के भाई आतंकवाद की भेट चढ़ गए, कितने माता-पिता के बेटे देश के नाम कुर्बान हो गए, कितने बच्चों के पिता राष्ट्र की रक्षा में शहादत की परंपरा को आगे बढ़ा गए। ये सब सवाल जहां पूरे देश के जहन में उठ रहे हैं वहीं लोग अब सरकार से एक ही चीज की मांग बुलंद कर रहे हैं जिसका नाम है आतंकवादियों से प्रतिशोध अर्थात उनसे बदला। राष्ट्र को गर्व करना चाहिए कि एक शहीद का पिता कह रहा है कि दूसरा बेटा भी फौज में भेजूंगा, आप बदला लो, शहीद की मां को अपने बेटे के बलिदान पर गर्व है, शहीद की विधवा साजिशकर्ताओं को फांसी पर चढ़ाने की बात कहती हैं।
समूचा राष्ट्र कह रहा है कि अब ‘‘केवल न हो निन्दा, कोई भी आतंकी बचे न जिन्दा।’’ भारत का स्वाभिमान तभी बचेगा जब हमलावर सजा भुगतेंगे। इन जवानों की लाशें सम्मान पूर्वक उनके घरों में पहुंच रही हैं। पूरे परिवार, गांव और शहरों में हर तरफ आंखों में आंसू, दिमाग में सवाल और सरकार से उम्मीद भरी मांगें बदले को लेकर उठने लगी हैं। छातियां पीटते और सिर पटकते रिश्तेदारों और संबंधियों के मार्मिक विलाप के बीच देश के नाम शहादत देने वाले सैनिकों की राजकीय सम्मान के बीच अंतिम विदाई हो रही है लेकिन जवानों के परिवार, उनके गांव और उनके शहर के लोग एक ही मांग कर रहे हैं जिसका नाम है बदला।
मेरे पास सैकड़ों दोस्तों के चाहे वह विभिन्न राजनैतिक पार्टियों से जुड़े हों या अन्य मित्र यही कह रहे हैं कि इतने बड़े पैमाने पर हुए अटैक को लेकर भी राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित नहीं किया गया बल्कि इसे तो राष्ट्रीय बलिदान दिवस घोषित किया जाना चाहिए और देशवासियों की इच्छा के मुताबिक आतंकवादियों से बदला लिया जाना चाहिए जिनका प्रमोटर केवल और केवल पाकिस्तान है। मोदी जी आपकी सरकार से देश जवाब मांग रहा है क्योंकि आज की तारीख में इस आतंकवाद के नाग पाकिस्तान को जवाब नहीं दिया गया तो लोगों का इस सरकार से विश्वास उठ जायेगा। आप देश के सर्वाधिक ईमानदार प्रधानमंत्री के रूप में जाने जाते हैं।
राष्ट्रभक्ति, कर्त्तव्य परायणता के मामले में आप उस आरएसएस से आते हैं जिसमें देश और दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इसीलिए लोग आपसे एक्शन की उम्मीद कर रहे हैं। कहने वाले कह रहे हैं कि जब आप कभी विपक्ष में थे तो आप कहा करते थे कि कांग्रेस चिट्ठी-पत्री लिखने में अपना वक्त गुजारती है जबकि जरूरत एक्शन की है। मैं इस समय देशवासियों की भावना की बात कर रहा हूं कि वो क्या चाहते हैं। उनकी एक ही मांग, एक ही हसरत इस समय पाकिस्तान से बदला लेने की है।
अब इस बदले का स्वरूप कैसा होगा इससे हमें मतलब नहीं। यह आपको तय करना है देश के स्टेटमैन से और आप जैसे जुझारू प्रधानमंत्री से लोग उम्मीदें तो रख ही सकते हैं। एक्शन कब और कैसे होगा यह सरकार को तय करना है। इस देश में जवानों की शहादत का सिलसिला आजादी के बाद से लेकर अब तक खत्म नहीं हुआ और सबसे ज्यादा तबाही हमने पाकिस्तान की तरफ से पूरे देश में झेली है। जितने नागरिक आतंकवादियों के हाथों मारे गए उससे कहीं ज्यादा जवानों की शहादत आजाद भारत में हो रही है।
मुंबई ब्लास्ट हो या ट्रेन धमाके, दिल्ली ब्लास्ट हो या संसद और लालकिले पर हमला हो, बेंगलुरु अटैक हो या पठानकोट एयरबेस अटैक, उड़ी अटैक या फिर अब इसमें पुलवामा हमले को जोड़ दिया जाए तो भी जवानों काे ही शहादत देनी पड़ रही है तो क्यों यह सवाल देश कर रहा है। सोशल मीडिया पर लोग एक-दूसरे से शेयर करके कह रहे हैं कि पुरानी सरकारें तो जब एक्शन लेती थी तो सर्जिकल स्ट्राइक का इतना महिमा मंडन नहीं किया गया जितने अब किया जा रहा है।
लोग कह रहे हैं कि इस मामले पर राजनीतिक ड्रामेबाजी नहीं होनी चाहिए हालांकि वे मोदी जी की कर्त्तव्य परायणता और उनकी दहाड़ के भी कायल हैं जिसमें पीएम ने चेतावनी दी है कि आतंकवादी हमला करने वाले बख्शे नहीं जायेंगे और उन्होंने बहुत बड़ी गलती की है तथा हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा फिर भी तुरंत एक्शन ही देश की मांग है।
ऐसी ही बातें शेयर करते हुए लोग यह भी कह रहे हैं कि अब तुरंत बदला नहीं लिया गया तो लोगों का इस सरकार से विश्वास उठ जायेगा और सरकार को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। कई लोग सोशल साईट्स पर यह भी कह रहे हैं कि आतंकवादियों के प्रमोटर मुफ्ती महबूबा जैसों की सरकार बनाकर भाजपा ने अच्छा नहीं किया और दु:ख इस बात का है कि भाजपा शासन के दौरान ज्यादा सेना तैनाती के बावजूद सेना के खिलाफ ही आतंकी हमले बढ़ते जा रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मोदी जी ने पाकिस्तान को बेनकाब किया और बौखलाहट में आतंकवादी ऐसे कदम उठा रहे हैं लेकिन जवान कीमत चुका रहे हैं। यह तथ्य सरकार को याद रखना होगा अगर तुरंत बदला न लिया गया तो इसकी कीमत सरकार को चुकानी पड़ सकती है। ऐसी बातें शेयर करके लोग बदला लेने को ही एकमात्र और आखिरी विकल्प बता रहे हैं। सर्जिकल स्ट्राइक की बजाये अब तो बार्डर पर खुले में पाकिस्तान से निपटने का वक्त आ गया है। सवाल वही है कि एक्शन कैसे और कब लेना है? देश को तो अब सिर्फ और सिर्फ बदला चाहिए।