त्यौहारों का सीजन-जरा सम्भल कर - Punjab Kesari
Girl in a jacket

त्यौहारों का सीजन-जरा सम्भल कर

पूरे देश और पूरी दुनिया को झंकझोर कर रख देने वाली कोरोना महामारी का असर अब खत्म हो

पूरे देश और पूरी दुनिया को झंकझोर कर रख देने वाली कोरोना महामारी का असर अब खत्म हो जाये यह दुआ हर कोई कर रहा है। भगवान से दुआ करनी भी चाहिए। लेकिन उससे भी बेहतर है कि हम खुद उपाय भी कर लें क्योंकि अब त्यौहारों का सीजन आ गया है। नवरात्रे चल रहे हैं, दशहरा और फिर दिवाली कुल मिलाकर पूरा कार्तिक महीना त्यौहारोंं  की एक लड़ी के रूप में आया है और इस शुभ अवसर पर भगवान से प्रार्थना करनी भी चाहिए कि सबकुछ शुभ हो। जैसा कि हमने पहले ही स्पष्ट किया है कि कोरोना के खात्मे के लिए तीन मंत्र देश में चलाये गये हैं। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का प्रयोग और सेनिटाइजेशन। डाक्टरों का कहना है कि इन तीनों का प्रयोग कोरोना की तीसरी लहर को खत्म कर सकता है। सरकार ने कुंभ मेले में भीड़भाड़ के बाद काफी सख्त कदम उठाये हैं। गणेश चतुर्थी पूजा पर सामूहिक प्रतिमा विसर्जन की इजाजत नहीं थी और अब भी लोगों को बार-बार यही अपील की जा रही है कि भीड़भाड़ से बचें। 
दूसरी लहर जब आई थी वह तबाही लेकर आयी थी। पहली लहर में खास तबाही नहीं हुई क्योंकि लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लगाये गये लॉकडाउन का पालन किया। मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग अपनायी गयी। दूसरी लहर में जब इसे छोड़ दिया तो तबाही सामने आयी। सांसों के लिए ऑक्सीजन के लिए लंबी कतारें दिल्ली और आसपास के इलाकों में देखी गयी। हालांकि भारत में जिस तरीके से कोरोना से लड़ने की हिम्मत लोगों ने दिखाई, डॉक्टरों, हैल्थकर्मियों और नर्सों ने इसके खात्मे के लिए जो जज्बा दिखाया उसे हम सलाम करते हैं लेकिन अब चिंता वाली बात यह है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने कई राज्यों को खबरदार किया है कि तीसरी लहर से बचने के लिए वे अपने यहां भीड़भाड़ न होने दें। 
दिल्ली में बाजारों में बहुत भीड़ है। सबसे बड़ी बात यह है कि नौवीं के बाद और कॉलेजों में माता-पिता की अनुमति से क्लासें शुरू हो गयी हैं। लेकिन कई लोग मास्क नहीं पहन रहे। अब कोरोना कुछ देर का ही है। हाथी निकल चुका है बस पूंछ बाकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने केरल, महाराष्ट्र में बढ़ते केसों पर चिंता व्यक्त की है। 
क्योंकि दिल्ली में भी भीड़ ज्यादा उमड़ रही है और अभी भी कंजकों को लेकर बड़े-बड़े संत और आचार्य लोग लोगों के नाम अपील जारी कर रहे हैं कि अगर संभव हो तो कन्या पूजन के लिए हलवा-पूरी और उपहार नन्हीं बेटियों को पैक करके दिये जा सकते हैं। सब बचाव के लिए ही किया जा रहा है क्योंकि कोरोना का खतरा बच्चों के लिए ज्यादा है। यद्यपि सरकार ने देश की लगभग 80 प्रतिशत आबादी वैक्सीनेशन के माध्यम से कवर कर ली है परंतु डब्ल्यूएचओ के मुताबिक बच्चों पर खतरा बरकरार है। जरा सी लापरवाही और चूक हुई तो समझो कोरोना को फिर जगह मिल जायेगी। हमें अब कोरोना से बचना नहीं है बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग के माध्यम से इसका खात्मा करना है। आने वाला समय सतर्कता भरा है।
वातावरण में जहरीली हवा है जो विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए सही नहीं। सरकार ने पटाखों पर बैन लगाकर एक अच्छा काम किया है लेकिन लोगों को भी चाहिए कि वे पटाखे न लायें क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस पर चिंता व्यक्त की है। पटाखे चलाने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। जितना नुकसान होना था कोराना कर चुका है। बहुत लोग अपनों से बिछड़ चुके हैं। अब हमें नई पीढ़ी को बचाना है।  इंतजार की घड़ियां खत्म हो रही हैं ट्रेन और सड़क के साधन पहले की तरह उपलब्ध हैं और हवाई यात्राएं भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर फिर से शुरू हो सकती हैं लेकिन प्रधानमंत्री का एक ही मंत्र सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजेशन है जरूरी का पालन करते हुए हम आगे बढ़ें तो सब कुछ सुरक्षित है। त्यौहारों पर यही हर किसी से अपील है कि वे सुरक्षा के साथ आगे बढ़े। अपना और सबका ध्यान रखें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

3 × 2 =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।