चौपाल - Punjab Kesari
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चौपाल

जैसा कि मैं समय-समय पर लिख रही हूं कि इस समय देश की बहुत सी सामाजिक संस्थाएं एनजीओ

जैसा कि मैं समय-समय पर लिख रही हूं कि इस समय देश की बहुत सी सामाजिक संस्थाएं एनजीओ और सामाजिक लोग आगे बढ़कर काम कर रहे हैं। ऐसे में अगर मैं चौपाल के कामों के बारे में आप सबसे सांझा न करूं तो गलत होगा। मैं बहुत सी संस्थाओं से जुड़कर काम कर रही हूं, परन्तु सबसे ऊपर वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब और चौपाल हैं। वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब सम्पन्न और जरूरतमंद बुजुर्गों के लिए काम करता है और चौपाल सेवा, बस्ती में रहने वाली या जरूरतमंद महिलाओं के लिए काम करता है। जो कामकाजी महिलाओं को स्वावलम्बी बनाया जाता है। हम सब जानते हैं कि देश की आधी आबादी महिलाओं की है और तब तक देश खुशहाल, विकासशील नहीं बन सकता जब तक देश की हर महिला खासकर सेवा बस्ती, कलस्टर, झुग्गी-झोपड़ी या गांवों में रहने वाली महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त न हों, इसलिए चौपाल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त कर  आत्मनिर्भर बनाता है और उन्हें स्वाभिमान से जीना सिखाता है। इससे हजारों महिलाएं सशक्त हो चुकी हैं।
यह कार्य नागपुर से शुरू हुआ था। फिर यह आदरणीय माननीय मदनदास देवी जी, माननीय बजरंग लाल जी और स्वर्गीय केदारनाथ साहनी और स्वर्गीय भोलानाथ ​विज जी के निर्देशन में दिल्ली में शुरू हुआ और जब इनके प्रोग्राम में अश्विनी जी को बुलाया गया तो वह भी बड़े प्रभावित हुए। उन्होंने मुझे आकर सारा हाल बताया और कहा कि तुम्हें भी इसके लिए काम करना है, तो मैंने कहा कि मैं पहले  ही बहुत काम कर रही हूं, परन्तु स्वर्गीय केदारनाथ साहनी जी कहां मानने वाले थे। वह अपने स्वर्गवास होने से एक महीना पहले आफिस आए तो उन्होंने अश्विनी जी से वायदा लिया कि किरण इसके ​लिए काम करेंगी और मुझे मुख्य संरक्षिका बनाया। उसके बाद मैंने स्वर्गीय भोलानाथ जी के निर्देशन में काम करना शुरू किया। फिर पीछे मुड़ कर नहीं देखा। 
चौपाल के रूप में मुझे एक परिवार, एक सशक्त टीम मिली, जो 24 घंटे काम करने को तैयार रहती है। अब इसके पांच डायरैक्टर हैं रवि बंसल जी, जितेन्द्र महाजन (एमएलए), अंकुश विज (भोलनाथ जी का बेटा), विनोद गोयल और सुनील सेठी और मजबूत स्तम्भ हैं विकेश सेठी, राजकुमार भाटिया, प्रवीण बंसल और सौरभ नैय्यर। इन सबके ऊपर आदरणीय प्रेम जी गोयल, ओ.पी. कोहली जी का आशीर्वाद है। वैसे तो बहुत से लोग दिल से जुड़े हैं, जिनका नाम लिखूं तो बहुत स्थान चाहिए।
हां यह बताना जरूर उचित समझती हूं कि चौपाल की पूरी टीम इस समय पूरी दिल्ली में अपने कार्य कर रही है। कोरोना जैसे ही शुरू हुआ स्वर्गीय भोलानाथ जी के निर्देशन में राशन, खाना, मास्क, सैनेटाइजर बांटे गए। एक-एक सदस्य ने खुद अपने-अपने क्षेत्र में जाकर काम किया और अभी भी कर रहे हैं। जिसमें आदरणीय भोलानाथ जी खुद कोरोना की चपेट में आ गए और हम सबको छोड़ कर ईश्वर के पास चले गए। वो चौपाल की इतनी मजबूत नींव थी और या यूं कह लो वो नींव बना गए और उनकी मिसाल और बलिदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकेगा।
चौपाल की टीम ने दूसरी लहर में और भी बढ़कर काम किया और कर रहे हैं। मेरे सारे छोटे भाई हैं और दीदी-दीदी कहते मुंह नहीं थकता और हर काम सलाह से करते हैं। चाहे वो विकेश सेठी हों, प्रवीण बंसल, राजकुमार भाटिया, अंकुश ​िवज, जितेन्द्र महाजन, रवि बंसल जी सबने ठान लिया है कि हमारे क्षेत्र का कोई भी व्यक्ति भूखा न सोये। यही नहीं रवि बंसल जी, राजकुमार जी के ​निर्देशन में क्योंकि वो सीनियर हैं। आदरणीय भोला नाथ जी के नाम पर सैनेटाइजर, काहवा, थर्मामीटर, मास्क और ओक्सीमीटर और स्टीमर बांटे गए। जितेन्द्र महाजन जो रोहताश नगर के एमएलए भी हैं, वे तो डा. हरीश गुप्ता के सहयोग से जब से दूसरी लहर शुरू हुई रोज शाम को 7 से 8 बजे तक प्रसिद्ध डाक्टरों के साथ वेबिनार किये ताकि भयभीत लोग जो कोरोना से डर रहे थे या जिनको कोरोना हो गया था या कइयों के सवाल थे उनको मुफ्त परामर्श और सहायता की, जिससे पूरे देश के लोग जुड़े। यही नहीं चौपाल के सहयोगी और वरिष्ठ नागरिक के ईस्ट दिल्ली के हैड खन्ना ब्रदर्स बताते हैं कि वो तो दिन-रात लगातार कभी खाना बांट रहे, कभी काहवा। जितेन्द्र महाजन और उनकी टीम दिन-रात काम करती है, बिल्कुल आराम नहीं करती। यही नहीं राजकुमार भाटिया भी चौपाल का काम तो करते ही हैं साथ ही वह रोटी बैंक भी चला रहे हैं और उनकी कोशिश यह है कि  कोरोना काल में कोई भी भूखा न रहे।
तो मुझे अपनी सारी चौपाल की टीम पर नाज है। मुझे पूरी उम्मीद है अगर कोरोना की तीसरी लहर (वैसे तो अगर सारी जनता ध्यान रखे, दूरी बनाए, मास्क पहनें तो नहीं आएगी) तो चौपाल की सशक्त टीम डटकर मुकाबला करेगी कोरोना को भगाने के ​लिए। चौपाल की तरफ से सबको हाथ जोड़ कर प्रार्थना है कि स्टे होम, स्टे सेफ। दूरी बनाए रखें, मास्क पहनें, जरूरी हो तो ही घर से बाहर निकलें तभी कोरोना की तीसरी लहर को रोक पाएंगे।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।