आज यदि किसी बच्चे से सवाल पूछा जाए कि भारत का दुश्मन नम्बर एक कौन है तो उसका जवाब होगा चीन। चीन में क्योंकि लोकतंत्र नहीं है, इसलिए वहां शासकों की मनमानी चलती है। फिर चाहे माओ त्से तुंग हो या चाउ एन लाई हो या फिर शी जिनपिंग। विस्तारवाद चीन की फितरत में है, इसलिए भारत पर उसकी निगाह लगी रहती है। पाकिस्तान की कोई हैसियत नहीं है, इसलिए चीन ने उसे बहुत आसानी से अपने चंगुल में ले लिया है। पाकिस्तान चीन की गोद में बैठा हुआ है और चीन प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से उसके आतंकवाद का लगातार समर्थन कर रहा है। चीन पाकिस्तान में अपने हित देखता है, देर-सवेर वह पाकिस्तान के क्षेत्रों को कब्जाना चाहता है जबकि उसके लिए भारत को दबाना आसान नहीं है। भारत धूर्त्त चीन की हर हरकत का मुंहतोड़ जवाब दे रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा से चिढ़ा बैठा चीन एक के बाद एक हरकतें कर रहा है।
आतंकवाद के समर्थक और पोषक के रूप में चीन का नापाक चेहरा एक बार फिर बेनकाब हो गया है। पाकिस्तान आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर चीन ने वीटो कर रोक लगा दी है। यह जानते हुए भी की साजिद भारत का गुनहगार है और 2008 में मुंबई में हुए 26/11 हमले का मोस्टवान्डेट है। बीजिंग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अल कायदा प्रतिबंध समिति के तहत ग्लोबल टेररिस्ट के रूप में मीर को ब्लैक लिस्ट में डालने और उसकी संपत्ति जब्त करने, यात्रा प्रतिबंध और हथियार प्रतिबंध लगाने के लिए अमेरिका द्वारा पेश किए गए और भारत द्वारा सह-नामित किए गए प्रस्ताव पर नापाक हरकत करते हुए वीटो लगाया है। चीन ने ऐसी शर्मनाक हरकत कोई पहली बार नहीं की है। आतंक और आतंकवादियों पर पहले भी उसका रुख समर्थक का रहा है जिसके चलते वो आतंकियों को बचा चुका है।
इससे पहले भी वह भारत के कई गुनहगारों को बचाने की कोशिश करता रहा है लेकिन वह अपनी चालों में कामयाब नहीं हो सका। उसने हाफिज सईद, अब्दुल रहमान मकी, हाफिज सईद के बेटे और लश्कर सरगना हाफिज तल्हा सईद मोहम्मद सरवर, शाहिद महमूद, जैश-ए-मोहम्मद सरगना, अब्दुल राउफ अजहर और कई अन्य आतंकवादियों को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने में अड़ंगा डाल चुका है। अब उसने लश्कर आतंकी साजिद मीर काे कवच प्रदान किया। भारत में साजिद मीर की आडियो जारी कर चीन और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दे दिया है। इस आडियो में मुम्बई हमले के दौरान साजिद मीर को आतंकियों से यह कहते सुना जा सकता है ‘‘जहां कहीं पर लोगों की मूवमैंट नजर आती है, कोई बंदा छत पर चल रहा है या कोई आ रहा है या जा रहा है उस पर फायर ठोको। उसे नहीं पता वहां क्या हो रहा है? साजिद मीर वही है जो अजमल कसाब समेत सभी आतंकियों को फोन पर हमले के लिए लगातार निर्देश दे रहा था। जिंदा पकड़े गए आतंकी कसाब ने भी साजिद मीर का नाम लिया था। पूरी दुनिया जानती है कि मुम्बई हमले में लश्कर संस्थापक हाफिज सईद और जकीर उर रहमान लख्वी भी शामिल थे।
भारत ने चीन और पाकिस्तान की पोल खोलने के साथ-साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भी दो टूक कहा कि अगर हम ऐसे स्थापित आतंकी जिन्हें दुनियाभर में आतंकवादी करार दिया गया है। उन्हें भी कुछ देशों के भू राजनीतिक हितों के कारण सुरक्षा परिषद में वैश्विक आतंकी नहीं घोषित करवा पा रहे तो इसका सीधा मतलब है कि हम में आतंकवाद की इस चुनौती से निपटने की इच्छा शक्ति ही नहीं है। चीन और पाकिस्तान चाहे कितनी भी साजिशें रच लें वह साजिद मीर को अब ज्यादा देर बचा नहीं पाएंगे। बार-बार ऐसी हरकतों से चीन की छवि आतंकवाद समर्थक देश की बन चुकी है और भारत बार-बार यह कहता आ रहा है कि ऐसे देशों को आतंकवाद राष्ट्र घोषित कर दिया जाना चाहिए जो आतकंवाद की खेती करते हैं, बल्कि आतंकवाद का समर्थन भी करते हैं। चीन पांच फिंगर नीति से भारत को घेरना चाहता है। चीन का मकसद तिब्बत के बाद लद्दाख, नेपाल, सिक्किम, भूटान और अरुणाचल प्रदेश की जमीन कब्जाना है। यदि वह अपने इरादों में सफल होता है तो हिमालय क्षेत्र में उसका पूरा अधिकार हो जाएगा। यही कारण है कि चीन भारत के साथ सीमा विवाद बनाए रखना चाहता है और भारत पर दबाव बनाए रखता है।
भारत और चीन के संबंध इस समय बड़े बुरे दौर से गुजर रहे हैं। चीन यह भी जानता है कि भारत जिस तरह से विकसित हो रहा है, भविष्य में वह हर क्षेत्र में दुनिया का नम्बर वन देश बन जाएगा। भारत, अमेरिका, जापान, आस्ट्रेलिया और लगभग दस अन्य देश उसे घेरने के लिए हाथ मिला चुके हैं। भारत अब अपनी संप्रभुत्ता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत चीन की हर चाल का कूटनीतिक जवाब दे रहा है। चीन के भारत और ताइवान के साथ ही 16 अन्य देशों से भी क्षेत्रीय विवाद है। अगर सभी देश एकजुट हो जाएं तो यह चीन को भीतर घुसकर मार सकते हैं। चीन का वैश्विक स्तर पर मात खाना अब तय है।
आदित्य नारायण चोपड़ा
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