शगुन के मौके पर लूटपाट के ‘अपशकुन’ - Punjab Kesari
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शगुन के मौके पर लूटपाट के ‘अपशकुन’

आजकल कम्प्यूूटर युुग में डिजिटल अरेस्ट, साइबर क्राइम, बैंक खातों से मनी ट्रांसफर…

आजकल कम्प्यूूटर युुग में डिजिटल अरेस्ट, साइबर क्राइम, बैंक खातों से मनी ट्रांसफर और एप बनाकर लूटपाट के किस्से बहुत बढ़ रहे हैं लेकिन शादियों जैसे शगुन के मौके पर लुटेरे खुशी को गम में बदलते हुए कुछ ही सैकेंडों में लाखों रुपए लूट कर दूल्हा-दुल्हन वालों के यहां ज्वैलरी और महंगे सामान से भरी अटैची और सामान लेकर फरार हो जाते हैं। पुलिस ने इसे नाम दिया है-बैंड-बाजा-बारात गैंग। पुलिस के रिकाॅर्डों में इनकी लूटपाट के तरीके एफआईआर के रूप में दर्ज हैं और रिकाॅर्ड बताते हैं कि पूरे भारत में इस बैंड-बाजा-बारात के सदस्य सक्रिय हैं। जब आप सोशल मीडिया पर इसके किस्से सुनेंगे तो पिछले दिनों देश के विभिन्न हिस्सों में 8 अगस्त 2024 से लेकर 25 फरवरी 2025 तक अलग-अलग घटनाओं में एक करोड़ से ज्यादा का माल चाहे वह कैश, ज्वैलरी या महंगे कपड़े क्यों न हों इस बैंड-बाजा-बारात गैंग ने अपने हाथ साफ किए हैं। इनका लूट का तरीका बहुत ही अजीब है और बहुत ही अपनेपन और प्रेम की भावना से भरा हुआ है।

किसी भी शादी या रिसेप्शन के मौके पर गिरोह के सदस्यों ने दो या तीन सुन्दर लड़के और दो या तीन संभ्रांत महिलाएं वर या वधू पक्ष के यहां जुड़कर मुस्कुराते हुए बातें करने लगते हैं। पुलिस रिकार्ड बताते हैं कि जब स्टेज पर फोटो खिंचवाने का वक्त आता है या मिलनी के वक्त शगुन चल रहा होता या रिंग ​सैरेमनी के मौके पर दोनों पक्ष पूजा के मंच पर व्यस्त हो जाते हैं तो इस गैंग के सदस्य भी अपनी कारीगरी में जुट जाते हैं। सुन्दर-स्मार्ट संभ्रांत महिलाएं, पुरुष आैर बच्चे सबसे ज्यादा गम्भीरता से अपने टारगेट पर निगाह रखते हैं। शगुन के इस खास मौके पर ये लोग कैश, नगदी और कीमती सामान के बैग अपने पास रखने वाले लोगों से मुस्कराकर बातें करते हुए उनकी मदद में हाथ बंटाते हैं। दोनों पक्ष यह सोच रहे होते हैं कि यह हमारे शुभचिंतक हैं। लड़की वाले सोचते हैं कि लड़के वालों के यह ​िरश्तेदार बहुत अच्छे हैं जबकि लड़के वाले इन लोगों को लड़की वालों के रिश्तेदार समझकर इन पर भराेसा करते हुए अपना सामान व्यस्त रहने की वजह से सम्भालने को भी कह देते हैं। पंडित पूजा में व्यस्त होता है और दोनों पक्षों की पूजा या ​​फिर मिलन कार्यक्रम चल रहा होता है। यह बैंड-बाजा-बारात गैंग के लिए सामान पर हाथ साफ कर देने का एक शानदार अवसर होता है।

पिछले दिनों पंजाब के एक शहर में ऐसे ही लुटेरों को लोगों ने कीमती सामान से भरा बैग अपने साथ ले जाते हुए देखा तो सतर्क लोगों ने शादी स्थल के गेट पर ही धरदबोचा। इन लोगों की खूब ​पिटाई हुई तो इनके लूटपाट का अंदाज सामने आ गया। मैं आप लोगों के सामने कोई कहानी नहींं कह रही बल्कि पुलिस रिकाॅर्ड में दर्ज एफआईआर और सोशल मीडिया पर लोगों की कहानियों के आधार पर असलियत बता रही हूं जिसमें पीड़ित पक्षों ने यह भावनाएं व्यक्त की हैं।

दरअसल महिला, पुरुष और नाबालिग लड़का या लड़की यह सब बैंड-बाजा-बारात गैंग के सदस्य हैं और इनको इस सारे कांड की ट्रेनिंग मध्य प्रदेश के राजगढ़ ​िजले से 45 किलोमीटर दूर कड़िया सासी, गुलखेड़ी और हुलखेड़ी गांव से हैं, जहां पुलिस ने जांच-पड़ताल के आधार पर बताया कि यह गिरोह शादियों में लूटपाट के लिए कुख्यात है। मध्य प्रदेश में पुलिस को कई राज्यों से ​िमली शिकायत के बाद जागरूकता अभियान भी चलाए गए। पता चला है कि गिरोह के यह लोग छोटे बच्चों को व्यस्क बनने तक इस तरीके की लूटपाट के ​िलए ट्रेनिंग देते हैं। आज के समय में यह एक ट्रेंड बन चुका है कि शादियों के मौके पर बैंड-बाजा-बारात गैंग गिरोह के सदस्य देशभर में सक्रिय हैं। पुलिस रिकाॅर्ड के मुताबिक पूरे देश में 400 से ज्यादा वारदातें हो चुकी हैं। दिल्ली, पंजाब, हरियाणा या मध्य प्रदेश, राजस्थान यह लोग बड़े घरों या छोटे घर हर किसी के यहां शादी के मौके पर ही अपना दांव खेलते हैं। राजस्थान के एक फाइवस्टार होटल में महज 14 साल का एक बच्चा डेढ़ करोड़ रुपए के दो बैग वधू पक्ष के यहां से उड़ाकर ले गया। पुलिस टीम ने राजगढ़ के कड़िया गांव पहुंच कर सारा मामला हल किया। यह गैंग फाइस्टार में भी सेंध लगा सकता है।

सोशल मीडिया पर कई भुक्तभोगियों ने ऐसे लूटपाट के ​किस्से शेयर किए तो मेरी इस मामले में एक ही सलाह है कि अगर वधू या वर पक्ष के यहां कोई भी अनजान लोग घुसने की कोशिश करते हैं तो दोनों पक्षों के सदस्यों का फर्ज बनता है कि वह अलर्ट हो जाएं। आज के जमाने में सुरक्षा ही सबसे बड़ी सावधानी है। जब पता है कि किसी भी शादी, रिंग ​सैरेमनी आैर रिसेप्शन या शगुन के मौके पर ज्यादा मेहमान आ रहे हैं तो मेजबान लोगों को अपने मेहमानों पर प्रेमपूर्वक लेकिन सतर्कता से नजर रखनी होगी। बचाव में ही बचाव है, तभी आप शगुन के मौके पर लूटपाट जैसे अपशकुन से बच सकते हैं।

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पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।