पहलगाम आतंकी हमले के बाद पूरे देश में पाकिस्तान और आतंकियों के खिलाफ गुस्से का माहौल है। पीएम मोदी ने सार्वजनिक मंच और मन की बात में आतंकियों और उनके संरक्षकों को सख्त से सख्त और अकल्पनीय सजा दिए जाने का वायदा देशवासियों से किया है। देशवासियों को पीएम मोदी के वायदे पर पूरा भरोसा भी है। सुरक्षा एजेंसियां इस घटना की जांच में दिन- रात एक किये हैं लेकिन देश में चंद ऐसे लोग भी हैं जो अपनी हरकतों से जानबूझकर या अनजानें में देश के दुश्मनों का हाथ मजबूत कर रहे हैं। देशभर में ऐसे तमाम मामले सामने आए हैं जिसमें कथित रूप से देश-विरोधी और पाकिस्तान-समर्थक आचरण के लिए या तो लोगों को गिरफ्तार किया गया है या कड़ी से कड़ी कानूनी धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। यह कोई पहला मौका नहीं है जब देश के अंदर से ही दुश्मन के हाथ मजबूत करने वालों की आवाजें सुनाई दी हैं। पूर्व भी ऐसे मामले प्रकाश में आ चुके हैं। आज के दौर में लड़ाई केवल युद्ध के मैदान में नहीं लड़ी जाती, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म भी इस लड़ाई में अहम भूमिका निभाते हैं।
वास्तव में देश के अंदर एक तबका ऐसा है जो खाता तो यहां की है लेकिन गुणगान देश विरोधियों का करता है। पाकिस्तान अपने दस्तावेजों में भारत के नेताओं के बयान शामिल कर चुका है। ऊपरी तौर पर ऐसा लगता है कि ये सरकार की नीतियों का विरोध कर रहे हैं लेकिन अगर थोड़ा ध्यान से देखे तो ये गैंग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में सरकार की नीतियों की बजाय देश विरोध करता है। इन देश विरोधी मानसिकता वाले लोगों का कई राजनीतिक दलों और संगठनों का खुला समर्थन प्राप्त है। उन्हीं के दम पर ये लोग सोशल मीडिया और प्रचार के अन्य माध्यमों से देश विरोधी विचारों का फैलाव करके दुश्मनों के दावों और हाथों को मजबूत करते हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद से सोशल मीडिया पर ये गैंग सक्रिय है। लगातार सरकार के फैसलों पर निशाना साधा जा रहा है।
इस गैंग का मकसद मुद्दे को भटकाना और अपने हिसाब से नैरेटिव सैट करना है। जगजाहिर है कि आतंकियों ने धर्म पूछकर हत्याएं कीं लेकिन देश विरोधी गैंग यह साबित करने में जुटा है कि ऐसा नहीं हुआ। यह हालात तब हैं जब पीड़ितों के परिवार वालों ने कैमरों के सामने स्वीकार किया है कि आतंकियों ने धर्म पूछकर गोली मारी। पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार पाकिस्तान के खिलाफ लगातार कड़े कदम उठा रही है। पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने लगाने के लिए भारत सरकार ने सिंधु जल संधि रद्द करने से लेकर तमाम दूसरे कड़े फैसले लिए हैं। जिनका असर जमीन पर दिखाई भी देने लगा है। सिंधु जल समझौते को रद्द करने के बाद से पाकिस्तान की हालत पतली हो चुकी है। सिंधु जल समझौता रद्द होने के बाद पाकिस्तान के हालात बद से बदतर होंगे, यह लिखकर रख लीजिए लेकिन देश विरोधी गैंग इस मामले में भी पाकिस्तान की हिमायत करता दिख रहा है। वो इस फैसले के बरक्स सवाल उठा रहा है।
पानी रोक तो लेंगे लेकिन इस पानी का रखा कहां जाएंगा? भारत के पास पानी रोकने की कोई व्यवस्था ही नहीं है? रोके हुए पानी का क्या होगा? भारत विश्व बैंक की सहमति के बिना पानी रोक ही नहीं सकता? कुछ लोगों की गलती की सजा पूरे पाकिस्तान को नहीं मिलनी चाहिए आदि आदि। ताजा फैसले में केंद्र सरकार ने भारत, उसकी सेना और सुरक्षा एजेंसियों के खिलाफ भड़काऊ झूठे, भ्रामक बयान और गलत सूचना प्रसारित करने वाले 16 पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों पर बैन लगाया है। देश विरोधी गैंग को दर्द इस बात से भी है कि सरकार ने पाकिस्तानियों का वीजा रद्द कर दिया है। इसे लेकर भी तमाम पोस्ट सोशल मीडिया के मंचों पर दिख रहे हैं। ये सारे वीडियो और पोस्ट उन भारतीयों के हैं जो देश की सरकार से सवाल पूछने की आड़ में दुश्मन के हाथों को मजबूत करने में दिन-रात पसीना बहा रहे हैं।
ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी हो रही है। इनमें से कई प्रभावशाली लोग भी हैं जिन्हें पता है कि उनकी हरकतों से देश की लड़ाई कमजोर हो सकती है। ऐसे लोगों को देशद्रोही कहना सही है? जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर देशभर में गुस्से का माहौल है। हमले का विरोध करते हुए कुछ लोग सड़क पर पाकिस्तानी झंडे का स्टीकर चिपका रहे हैं। पाक झंडे को रोड पर चिपका देने से वहां से गुजरते वक्त लोग उस पर पैर रखकर चलते हैं लेकिन आपको ये जानकर हैरानी होगी कि कुछ लोगों को इससे भी परेशानी है। सोशल मीडिया पर कर्नाटक का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में दिख रहा है कि सड़क पर चिपकाए गए पाक झंडे के स्टीकर को कुछ मुस्लिम महिलाएं उखाड़ रही हैं। वीडियो में साफ दिख रहा है कि दो-तीन मुस्लिम महिलाएं आती हैं और कहती हैं, यह गलत है हमारा दिल दुखता है और वह पाकिस्तानी झंडे को सड़क से उखाड़ती हैं और अपने साथ लेकर चली जाती हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि हिंदुस्तान से ज्यादा इन्हें पाकिस्तान से प्यार है। भारत में रहने वाले समुदाय विशेष के पाक प्रेम को लेकर लोग तंज कस रहे हैं।
पाक समर्थित आतंकवाद का दंश दशकों से भारत झेलता आ रहा है लेकिन आम आदमी यह भावना है कि बचे-खुचे आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का वक्त आ गया है। देश की भावनाओं और उत्साह के मद्देनजर प्रधानमंत्री मोदी ने सार्वजनिक तौर पर आंतकियों को कठोर सजा देने का वायदा देशवासियों से किया है लेकिन रक्षा मामलों के जानकार देशद्रोही गैंग के अलावा ‘कश्मीर के जयचंदों’ को, आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में बड़ी बाधा मानते हैं। वे संख्या में भी काफी हैं और ताकतवर भी हैं। जब तक इन जयचंदों को मिट्टी में नहीं मिलाया जाएगा तब तक भारत आतंकवाद का समूल विनाश नहीं कर सकता। ये ‘जयचंद’आतंकियों के स्थानीय गिरोह हैं, स्लीपर सेल हैं और पनाहगाह भी हैं। पहलगाम हादसे के बाद सोशल मीडिया पर अपुष्ट सूचनाओं की बाढ़ सी आ गई है। ऐसे लोग व्हाट्सएप, फेसबुक, एक्स और यूट्यूब पर अपने गलत उद्देश्य को सही सिद्ध करने के लिए गलत तर्क रखकर आम लोगों का ब्रेनवाश करने में लगे हुए हैं।
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि हम इन्हें बिना सोचे-समझे सच मान लेते हैं। एक समझदार और सभ्य नागरिक होने के नाते वर्तमान परिस्थिति ही नहीं, बल्कि हमेशा हमें सोशल मीडिया पर सूचनाओं को साझा करने और उन पर विश्वास करने से पहले उनकी सत्यता की जांच करनी चाहिए। वहीं अपुष्ट समाचारों को प्रकाशित- प्रसारित होने से रोकने के लिए ठोस रीति-नीति अपनाने की आवश्यकता है। वही देश के अंदर बैठे देशद्रोहियों का उचित कानून और विधायी इलाज भी जरूरी है। अगर देश के प्रति आपको प्यार, वफादारी और अपनापन नहीं है तो आप देश के नागरिक कहलाने के हकदार भी नहीं हैं। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की आड़ में देश विरोधी एजेंडा किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं है।