एक और ‘व्यापमं’ घोटाला? - Punjab Kesari
Girl in a jacket

एक और ‘व्यापमं’ घोटाला?

NULL

दिल्ली में कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) कार्यालय के बाहर छह दिन से चल रहे छात्रों के प्रदर्शन के मामले को संज्ञान में लेते हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एसएससी पेपर लीक कांड की जांच सीबीआई से कराने के आदेश दे दिए हैं। गृहमंत्री ने छात्रों को आश्वस्त किया है कि उनके साथ कोई नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में पिछले पांच वर्षों के दौरान हुई भर्ती परीक्षाओं की जांच कर रही सीबीआई के निशाने पर आयोग के कई पूर्व सचिव भी हैं।

वर्ष 2012 से 2014 तक आयोग में कुल आठ सचिवों की तैनाती रही और कुछ की तैनाती पर काफी विवाद रहा। यहां तक कि एक सचिव को हाईकोर्ट के आदेश पर पद से हटाया गया। दो सचिवों के कार्यकाल में भर्ती परीक्षाओं से जुड़े सबसे अधिक मामले सामने आए। एसएससी अध्यक्ष असीम खुराना भी अपनी जवाबदेही से बच नहीं सकते। प्रदर्शनकारी छात्रों ने एसएससी द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं को मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले से बड़ा घोटाला बताया और कहा कि क्लर्क से लेकर आफिसर तक नियुक्ति के लिए हर पद का रेट तय है।

न्यूनतम रेट 8 लाख आैर सर्वाधिक रेट 50 लाख है। पैसे दो नौकरी लो। छात्रों का आरोप गंभीर है तो फिर सरकार को एसएससी की सभी परीक्षाओं की जांच सीबीआई से करानी होगी। इस बात की जांच करानी होगी कि क्या एक और व्यापमं घोटाला तो नहीं हो गया। 17 से 22 फरवरी तक हुई कंबाइंड ग्रेजुएट लेबल परीक्षा की दूसरे चरण की आनलाइन परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर लीक हो गए थे। छात्रों का आरोप था कि लीक में एसएससी के अधिकारी और आनलाइन परीक्षा संचालन करने वाली एजैंसी भी शामिल है।

पहले तो एसएससी ने छात्रों के आरोप को खारिज किया लेकिन जब परीक्षार्थियों ने पेपर का स्क्रीनशाट दिखाया तो अधिकारियों का मुंह बंद हो गया। उनका सवाल था कि जब परीक्षा देने वाले ही प्रश्नपत्र देख सकते हैं तो इसका स्क्रीनशाट बाहर कैसे आया? परीक्षा केन्द्र में परीक्षार्थियों के जूते तक उतरवा लिए जाते हैं परन्तु परीक्षा केन्द्रों की जांच होती है या नहीं, ये पता नहीं है। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच चुका है।

भले ही सरकार यह कहे कि परीक्षार्थियों से अन्याय नहीं होने दिया जाएगा लेकिन अन्याय तो हो चुका है। देशभर के हजारों छात्रों ने परीक्षा की तैयारी दिन-रात की होगी, अब परीक्षा रद्द हो जाने पर उनकी मेहनत पर पानी फिर चुका है। एक अवसर हाथ से खो चुका है, अब उन्हें नए सिरे से तैयारी करनी होगी। छात्र अब भी उबल रहे हैं। यक्ष प्रश्न यह है कि छात्रों के भविष्य के साथ इस तरह का मजाक कब तक चलता रहेगा? कभी इंजीनियरिंग की, कभी मेडिकल की और कभी अकादमिक परीक्षाओं में सेटिंग और पेपर लीक मामले सामने आते रहे हैं।

कोई नहीं सोचता कि इस धांधली की मारक क्षमता कितनी अधिक है। भारत इस समय युवाओं का देश है, देश की 65 फीसदी आबादी की आयु 35 वर्ष से कम है। युवा शक्ति के सही इस्तेमाल की बजाय अगर उनके साथ ऐसे ही होता रहा तो उनके सामने आंदोलन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता, अगर आंदोलन शांत नहीं होते तो फिर युवा ​शक्ति में भटकाव आना स्वाभाविक है। युवा शक्ति के आंदोलन हिंसक भी हो जाते हैं। देश बड़े-बड़े छात्र आंदोलनाें का चश्मदीद रहा है। छात्र आंदोलन में देश की राजनीति की दिशा और दशा बदलने की क्षमता होती है।

अगर युवा प्रतियोगी परीक्षा पास करके सरकारी विभागों में अपनी सेवाएं देना चाहते हैं लेकिन उन्हें वहां भी बेइमानों का सामना करना पड़ता है तो वे निराश होने के साथ-साथ उग्र भी हो सकते हैं। देश की वास्तविक ताकत युवा ही होते हैं लेकिन अगर क्लर्क की नौकरी के लिए भी आठ-दस लाख देने पड़ते हैं तो यह अन्याय नहीं तो और क्या है? पेपर लीक मामलों में अक्सर दोषी बच निकलते हैं और कुछ देर शांत बैठ कर फिर गोरखधंधा शुरू कर देते हैं। बार-बार पेपर लीक होना भ्रष्टाचार की ओर स्पष्ट संकेत करता है।

जाहिर है कि लूट-खसोट जारी है, ऐसी परीक्षाओं में मुन्नाभाई काम करते हैं, कभी पकड़े जाते हैं तो कभी निकल जाते हैं। युवा शक्ति रोजगार मांगती है, सरकार इसे गंभीरता से ले, अगर युवा शक्ति को गंभीरता से नहीं लिया तो इसके परिणाम काफी घातक हो सकते हैं। एसएससी और ऐसी परीक्षाएं लेने वाली सरकारी संस्थाओं को परीक्षाओं की पद्धति को बदलना होगा। केवल बयानबाजी से बात नहीं बनेगी। भ्रष्टाचारियों का नेटवर्क कितना बड़ा होता है इसका अनुमान व्यापमं घोटाले से लगाया जा सकता है। परीक्षाओं को इस जंजाल से भी मुक्ति दिलानी होगी। युवाओं के मन की बात काे समझना बहुत जरूरी है, इसे समझने में विलम्ब करना वर्तमान पीढ़ी से अन्याय करने जैसा होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × one =

Girl in a jacket
पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।