आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य के दर्जे की मांग का मामला अब और बढ़ता जा रहा है। और इस मामले में वाईएसआर कांग्रेस के 5 सांसदों ने लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन को इस्तीफा सौंप दिया। बजट सत्र के दौरान सत्ताधारी तेलगुदेशम पार्टी (TDP) और विपक्षी दल वाईएसआर कांग्रेस आंध्र के विशेष दर्जे की मांग को लेकर संसद के बाहर लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने केंद्र की एनडीए सरकार पर आंध्रे प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने में विफल रहने का आरोप लगाया है।
इस बीच वाइएसआर कांग्रेस पार्टी ने पीएम नरेंद्र मोदी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर लोकतंत्र को अपमानित करने का आरोप लगाया है। इस्तीफा देने वालों में वी. वारा प्रसाद राव, वाई. वी. सुब्बा रेड्डी, पी.वी. मिधुन रेड्डी, वाई. एस. रेड्डी, मेकापति राजामोहन रेड्डी सांसद शामिल हैं। बता दें कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर सत्ताधारी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) और विपक्षी दल वाइएसआर कांग्रेस के बीच होड़ मची हुई है।
दोनों ही पार्टियों ने संसद से लेकर सड़क तक अपनी मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। यहां तक की दोनों पार्टियां सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस भी ला चुकी हैं। बता दें कि लोकसभा में वाईएसआर कांग्रेस के कुल 9 सांसद हैं, जो घटकर अब 4 ही रह जाएंगे। वहीं राज्यसभा में वाईएसआर के दो सांसद हैं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडु ने राज्य और आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 को लेकर केंद्र के रवैये के विरोध में अपने मंत्रियों और टीडीपी विधायकों की एक साइकल रैली का नेतृत्व किया।
नायडु ने केंद्र पर अधिनियम को लागू करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उस पर प्रदेश के विकास को बाधित करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में प्रदेश से किए गए वादों को भी पूरा नहीं किया गया। इससे पहले अपनी पार्टी के सांसदों और वरिष्ठ नेताओं को टेलीकॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए टीडीपी ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब देश के लोग बीजेपी को खारिज कर देंगे। उन्होंने आरोप लगाया, ” बीजेपी बांटो और राज करो की नीति अपना रही है। वह विपक्ष को बांटने का प्रयास कर रही है। वाईएसआर कांग्रेस के अपने सांसदों का इस्तीफा दिलवाने के फैसले के संदर्भ में नायडु ने कहा कि यह कुछ और नहीं बल्कि समस्या से भागना है।
हमारी मुख्य खबरों के लिए यहां क्लिक करे।