नई दिल्ली : दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाती मालीवाल ने सोमवार को सैकड़ों महिलाओं के साथ हाथ में सैनिटरी नैपकिन लेकर सड़क पर उतरी। महिला सुरक्षा यात्रा के नौवें दिन दिल्ली महिला आयोग ने माहवारी से संबंधित निषेधों के खिलाफ मार्च निकाला। अपने हाथों में सैनिटरी पैड लेकर यात्रा के दौरान महिलाएं नारे लगाई। लोगों को सैनिटरी पैड के इस्तेमाल के बारे में और माहवारी पर चुप्पी तोड़ने के लिए जागरूक किया।
महिलाओं ने नारे लगाये, ‘स्कूल और काम पे जाएंगे, पीरियड से नहीं शर्माएंगे’ और ‘मंदिर-मस्जिद जाएंगे, पीरियड से नहीं घबराएंगे’। इस मौके पर आयोग की सदस्या फिरदौस खान और वंदना सिंह भी यात्रा में शामिल हुई। स्वाति मालीवाल अपने कुछ सदस्यों के साथ रविवार रात आरके पुरम स्थित रविदास कैंप की झुग्गियों में रुकीं। उन्होंने ट्वीट कर सरकार को क्षेत्र में स्वच्छ सार्वजनिक शौचालयों के लिए बधाई दी।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल को कुछ स्कूली लड़कियों ने बताया कि सैनिटरी पैड पर मिलने वाली टैक्स छूट उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही है। इसके बाद स्वाति मालीवाल ने तुरंत सैनिटरी पैड बनाने वाली बड़ी निर्माता कंपनियों को नोटिस जारी किया।
इस बाबत उनसे पूछा कि सैनिटरी पैड पर 0 प्रतिशत जीएसटी होने के बावजूद इसका फायदा उपभोक्ताओं को क्यों नहीं दिया जा रहा है। आयोग ने निर्माता कंपनियों से एमआरपी न घटाने की वजहों की जानकारी मांगी। उनसे पूछा है कि अगर एमआरपी में कमी की गई है तो उसके बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं।
करोड़ों महिलाएं व लड़कियों को सैनिटरी नैपकिन जरूरी
स्वाती मालीवाल ने कहा कि सैनिटरी नैपकिन भारत की करोड़ों महिलाओं और लड़कियों के स्वास्थ्य और सफाई के लिए बहुत जरूरी हैं। सरकार का यह कर्त्तव्य है कि सैनिटरी पैड को आर्थिक रूप से कमजोर लोगों तक पहुंचाया जाए। नोटिस में कहा गया है कि देश में सैनिटरी नैपकिन तक आसानी से पहुंच न होने के कारण 80 प्रतिशत से ज्यादा महिलाएं अपने स्वास्थ्य के साथ समझौता करती हैं और माहवारी के दौरान गंदे तरीकों का इस्तेमाल करती हैं।