देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्य बारिश से प्रभावित हुए है। एक तरह से बारिश ने बड़े स्तर पर तबाही मचाई है। हिमाचल यूपी पंजाब हरियाणा उत्तराखंड में कई लोगों की मौत हो चुकी है।कई कई लोगों के घर बाढ में बह चुके है। इसलिए पांच राज्यों में रेड अलर्ट जारी किया गया है। वहीं अब दिल्ली में बाढ जौसे हालात बन गए है।
दिल्ली के कई इलाकों मे बाढ
सबसे पहले मिंटो रोड से पानी भरना शुरु हुआ था जो धीरे धीरे कई इलाकों में फैल गया । वहीं दूसरी तरफ यमुना में पानी खतरे के निशान तक पहुंच चुका है । इसलिए वहां के आसपास के इलाके में यमुना का पानी भर चुका है। दिल्ली के सीएम ने भी इमरजेंसी बैठक बुलाई थी। दिल्ली के कई इलाकों में पानी भरता ही जा रहा है । बताया जा रहा है कि इस बार कि बारिश दिल्ली का 1978 वाला इतिहास दौहरा सकती है। आज से पहले 1978 में भी ऐसा नजारा देखने को मिला था। तब भी यमुना ने कई इलाके को प्रभावित किया था। आज का ये नजारा देख लोगों को उस दौर की याद आ रही है।
1978 जैसी आ सकती है बाढ
1978 मे जब यमुना का पानी उफान में था तब जल स्तर 207.49 को पार कर चुका था। उस वक्त चारों तरफ पानी ही पानी था। कई लोगों की मौत हुई थी। लोगों के घर पानी में ढह गए थे। लोगों के खेतों में कई फुट पानी भर गया था। कई लोगों को पानी की वजह से कई दिनों तक छतों पर रहना पड़ा था।
1978 में इमरजेंसी जैसे हुए थे हालात
शहर में इमरजेंसी जैसे हालात थे टेलिफोन लाइनें ठप हो गईं थी। यमुना नदी के ऊपर बने सारे पुल भी बंद कर दिए गए थे। आलम यह था कि बाढ़ प्रभावित सभी इलाकों में सेना तैनात करनी पड़ी थी। लोगों को स्कूलो में रखा गया था।
हेलीकॉप्टर से बांटी गई थी डबल रोटिया
पीड़ित बुजुर्ग बताते है कि उस समय मौजूदा सरकार द्वारा बाढ़ में फंसे लोगों के लिए हेलीकॉप्टर द्वारा आसमान से खाने के लिए डबल रोटिया फेंकी गई थी। वो भी सब को नहीं मिल पाती थी। उन्होंने अपने बच्चों को जैसे तैसे भूखे-प्यासे रहकर कर उस भयानक बाढ़ से निकाला था। इस बाढ़ की वजह थी हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से लगभग 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा जाना। उसके बाद 2010 में भी देखने को मिला था।
खतरे के निशाने के पार पहुंची यमुना
इसी तरह इस बार भी हथिनीकुंड से पानी छोड़ने के बाद यमुना का स्तर बढ गया है।
यमुना नदी के आसपास के इलाके में पानी भर गया है। कई साल पुराना रिकार्ड टूट चुका है क्योंकी ताजा रिकार्ड के मुताबिक यमुना का स्तर 208 फीट पहुंच चुका है।
जिस तरह से यमुना का पानी उफान मारते हुए 1978 के जल स्तर 207 को पार कर गया था उसी तरह दिल्ली वालों को डर है कही
यमुना इतिहास को दोहराने जा रही है।
1978 तरह 2023 में बाढ न आ जाए। जिस तरीके से यमुना का स्तर बुधवार शाम 10 बजे208.05 मीटर दर्ज किया गया था। वर्तमान में दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 3 मीटर ऊपर पहुंच चुका है। कई रास्तों को बंद कर दिया गया है। रुट को डायवर्ट भी किया गय़ा है भारी ट्रको की आवाजाही को रोक दिया गया है। दिल्ली सरकार को भी डर है कि अगर यही हाल रहा तो दिल्ली को कैसे संभाला जाएगा।