लोकसभा चुनाव होने में अब काफी कम समय बचा हुआ है इसलिए सियसत भी अभी से ही तेज हो गई है। सभी पार्टियां चुनावी तैयारियों में जुट गई हैं। एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बीजेपी और उसके गठबंधन एनडीए की नजर केंद्र की सत्ता में हैटट्रिक लगाने पर है।
बीजेपी के लिए विपक्षी दल हुए एक
दूसरी तरफ ज्यादातर विपक्षी दल आपसी मतभेदको भुलाकर एकजुट हो चुके हैं। विपक्ष इंडियन नैशनल डिवेलपमेंटल इनक्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A.) गठबंधन कर चुका है । एनडीए और यूपीए दोनों ही गुटों के बैठक का दौर भी शुरु हो चुका है।
विपक्ष ने एकजुट होकर बनाई रणनीति
विपक्ष एकजुट होकर रणनीति भी बना चुका है विपक्ष के वोटों का बंटवारा रोकने के लिए बीजेपी के खिलाफ साझा उम्मीदवार खड़ा करने पर विचार हो रहा है। लोकसभा की कुल 543 सीटों में से कम से कम 450 सीटों पर I.N.D.I.A. की तरफ से एक उम्मीदवार खड़ा करने की कोशिश है। इसे जमीन पर उतारने और अंतिम रूप देने के लिए 11 सदस्यों की एक कमिटी बनाई जाएगी। एसे में बड़ा सवाल उठ राह है कि विपक्ष का I.N.D.I.A मिलकर पीएम मोदी को हरा पाएगा।
26 पार्टियां हुई शामिल
इसको लेकर बात करे तो इसका जवाब नहीं होगा क्योंकि विपक्ष के साथ केवल 26 पार्टियां शामिल हुई उसमें भी पूरा विपक्ष अभी एक नहीं हुआ है मायावती, केसीआर, जगन, नवीन अभी विपक्ष का हिस्सा नहीं है इसलिए माना जा रहा है कि विपक्ष बीजोपी को मात नहीं दे पाएगा।
2019 के चुनाव में बीजेपी ने किया था बेहतर प्रदर्शन
क्योंकी बीजेपी तो पहले ही 2019 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन कर चुकी है।
इसलिए माना जा रहा है की बीजेपी का कुनबा बड़ा है और 24 के चुनाव में बीजेपी सरकार तो बना सकती है पर उसकी भी सीटे कम होने की आशंका जताई जा रही है।
विपक्ष को हराने के लिए एनडीए ने बढाया कुनबा
विपक्षी एकजुटता की काट के लिए बीजेपी भी एनडीए का कुनबा बढ़ा रही है। मंगलवार को बेंगलुरु में विपक्ष के 26 दलों की बैठक के बाद एनडीए ने भी ज्यादातर छोटे-छोटे दलो को शामिल किया इनकी भी दिल्ली में मीटिंग हुई जिसमें 39 पार्टियां शामिल हुईं, उनमें से 25 तो ऐसी हैं जिनका लोकसभा में एक भी सांसद नहीं है।
विपक्ष की टीम सबसे ज्यादा सीएम , पूर्व सीएम
दूसरी ओर विपक्ष के I.N.D.I.A. की बात करे तो इसमें ज्यादातर बड़े क्षेत्रीय दल शामिल हैं। उन दलों के नेताओं में कुछ मुख्यमंत्री हैं तो कुछ पूर्व मुख्यमंत्री भी। हालांकि, बेंगलुरु में जुटे 26 विपक्षी दलों में से 10 ऐसे हैं जिनका लोकसभा में कोई सांसद नहीं है। विपक्ष के राष्ट्रीय महागठबंधन पर नजर डालने पर 2024 के लिए बीजेपी की राह बहुत मुश्किल दिखती है। कांग्रेस के साथ-साथ ममता बनर्जी, नीतीश, लालू, केजरीवाल, अखिलेश यादव, शरद पवार, उद्धव ठाकरे जैसे दिग्गज एकजुट हैं। हर सीट पर एक उम्मीदवार की रणनीति है तब तो 2024 का चुनाव उनके पाले में आ सकता है।
2024 में बीजेपी की राह आसान नहीं
वैसे बीजेपी ने 2019 में जिन 200 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की थी, उनमें से कुछ सीटें बिहार और महाराष्ट्र से थीं। 2024 में इन दोनों राज्यों में बीजेपी के लिए राह उतनी आसान नहीं है। तब बिहार में नीतीश उनके साथ थे। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे साथ थे। लेकिन अब दोनों बीजेपी को हराने के लिए तैयार हैं। हालांकि, बीजेपी महाराष्ट्र के संभावित नुकसान की भरपाई की तैयारी कर चुकी है। उद्धव ठाकरे अपनी पार्टी से हाथ धो चुके हैं। शिवसेना की कमान अब एकनाथ शिंदे के हाथ में है जो अब बीजेपी के साथ हैं और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं। एनसीपी भी गुटो में बंट चुकी है और अजीत पवार की अगुआई वाला गुट अब बीजेपी के साथ है। एसे में साफ है कि 2024 के नतीजे अलग आ सकते है।