देश की राजधानी दिल्ली में स्थित मां कालका जी का मंदिर कापी मशहूर है जहां पूरे साल लाखों भक्तों का ताता लगा रहता है । इस मंदिर की कई मान्यताएं है। कहा जाता है कि इस मंदिर में जाकर कभी पांडवों ने महाभारत युद्ध में विजय का आशीर्वाद पाया था। इसलिए इस मंदिर की अपनी लोकप्रियता भी है।
दर्शन के लिए बनाए नियम
इन सबके बीच जो भक्त मंदिर में दर्शन करने आते है।अब उनके लिए नया ड्रेस कोड जारी कर दिया गया है। ये फैसला कालकाजी मंदिर समिति की तरफ से लिया गया है। मंदिर की समिति का कहना है कि अब मंदिर परिसर के भीतर अमर्यादित कपड़ों पर किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की इजाजत नहीं होगी। ऐसे में सवाल खड़े होते है कि आखिर ड्रैस कोड जारी करने की जरुरत क्यों पड़ी।
विशेष कपड़े पहनने पर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा
मंदिर के नियमें के बारें मे बात करे तो अगर आप कालका जी मंदिर जा रहे हैं तो आपको अब कुछ विशेष कपड़े पहनने पर मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। कालका जी मंदिर समिति के अनुसार मंदिर प्रांगण में कटी-फटी जींस, मिनी स्कर्ट, बरमूडा, नाइट सूट आदि पहन कर आने वाले भक्तों को मंदिर में इंट्री नहीं मिलेगी। कपड़ों को लेकर बनाए गये नये नियम के साथ मंदिर में वीडियो रील बनाने, अमर्यादित आचरण करने आदि पर भी सख्त मनाही रहेगी।
कालकाजी मंदिर के महंत ने क्या कहा
वहीं इस नियम को लेकर कालकाजी मंदिर के महंत सुरेंद्रनाथ का कहना है कि मंदिर परिसर में प्रवेश के लिए बनाया गया नियम देवी भक्तों की मांग और मंदिर परिसर की मर्यादा को बनाए रखने के लिए बनाया गया है। यह नियम समान रूप से स्त्री और पुरुष के लिए लागू होंगे। जिसके तहत कोई भी पुरुष बरमूडा पहनकर मंदिर में अब प्रवेश नहीं कर पाएगा।
शालीनता के साथ अपने शरीर को ढंक कर आए
महंत सुरेंद्रनाथ का कहना है कि मंदिर में देवी दर्शन के लिए पहनावे के लिए कोई बाध्यता नहीं है और यदि कोई शालीनताा के साथ अपने शरीर को ढंक कर आता है तो जीन्स आदि पर कोई मनाही नहीं है, लेकिन कटे-फटे या फिर अजीबो-गरीब कपड़े पहनकर आने वालों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा।
कई मंदिरों में ड्रैस कोड का नियम
आपको बता दे एसा पहली बार नहीं है कि किसी मंदिर में ड्रैस को़ड बनाया गया है इससे पहले भी कई मंदिरो में इस तरह के नियम बनाए गए है। उज्जैन के महाकाल और कुछ मंदिरों में पुरुषों के लिए धोती और महिलाओं के लिए साड़ी जैसे नियम बनाए गये हैं। लेकिन कालका जी मंदिर में अभी ऐसा कोई नियम नहीं बनाया गया है।
इसलिए अब जो भक्त कालका मां के दर्शन करने जाएंगे उन्हें इन बातो का ध्यान रखना होगा तभी भक्तों को मंदिर में प्रवेश मिलेगा।