मणिपुर में हालात बेकाबू होने के बाद राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगाया गया - Punjab Kesari
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मणिपुर में हालात बेकाबू होने के बाद राष्ट्रपति शासन क्यों नहीं लगाया गया

मणिुपुर में करीब दो महीनों से हिंसा जा रही है। मणिपुर इन दिनों हिंसा की आग में ज

मणिुपुर में करीब दो महीनों से हिंसा जा रही है। मणिपुर इन दिनों हिंसा की आग में जल रहा है। यहां कुकी और मैतई समुदाय के लोगों के बीच संघर्ष इतना बढ़ गया कि इसमें अब तक 140 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इन सबके होते हुए भी वहां एक एसा मामले सामने आ गया जिसके बाद से हालात और बेकाबू हो गए है।     
 मणिपुर में महिला का वीडियो वायरल होने से बवाल
दरअसल मणिपुर से एक वीडियो सामने आया है जो इंसानियत को शर्मसार करने वाला  है  इस वीडियो में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराते हुए देखा जा सकता है। वीडियो सामने आने के बाद से हर तरफ इस घटना को लेकर लोगों मे  गुस्सा है और लोग पूछ रहे हैं कि आखिर मणिपुर कब शांत होगा । इस मामले के बाद से ही मणिपुर में हिंसा और ज्यादा बढ सकती है वहां हालात  बेकाबू हो चुके है।
3 मई से मणिपुर में हिंसा जारी
बता दें मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा में अब तक 120 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 50 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। हिंसा रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार की ओर से अब तक कई प्रयास किए गए, लेकिन वहां के बिगड़े हालात ने सब पर पानी फेर दिया है।
सुरक्षा बढाने के बाद भी हुई घटना
यहां इसलिए सुरक्षा बढा दी गई है। सेना की तैनाती  वहां कर दी गई है। हिंसा करने वालोे को देखते ही गोली मारने के आदेश  है लेकिन इसके बावजूद मणिपुर में हिंसा जारी है।
पुलिस-प्रशासन से लोगों का भरोसा खत्म हुआ
इस मामले को लेकर आदिवासी संगठन टिपरा मोथा के प्रमुख प्रद्युत देव बर्मन का कहना है कि मणिपुर में पुलिस-प्रशासन पर से लोगों का भरोसा खत्म हो गया है। प्रशासन की शह पर ही सारे कुकृत्य हो रहे हैं।  
विपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप
विपक्ष हालात कंट्रोल नहीं कर पाने के लिए केंद्र को भी जिम्मेदार ठहरा रहा है।  कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग की है। वहीं विपक्ष मांग कर रहा है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए ।
 नग्न अवस्था में महिलाओं से कराई थी परेड
आपको बता दे महिलाओं को नग्न अवस्था में दौड़ाया गया उनसे परेड कराई गई ये सारा तमाशा कई लोगों के सामने होता रहा पर किसी महिलाओं पर हो रहे अत्यचार को रोकने की कोशिश नहीं की ।
सुप्रीम कोर्ट के वकीलों ने कहा ठोस कार्रवाई हो
ममाला इतना गंभाीर हो गया है कि  सुप्रीम कोर्ट ने  भी इस मामले पर टिप्पणी की है
चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि यह संवैधानिक अपमान है। अगर सरकार मणिपुर हिंसा के इस मामले में ठोस कार्रवाई करने से विफल रहती है, तो हम हस्तक्षेप करेंगेष  चंद्रचूड़ ने कहा कि हिंसा के वक्त महिलाओं को साधन बनाना अस्वीकार्य है। हम केंद्र और राज्य को नोटिस जारी कर रहे हैं कि इस मामले में अपना जवाब दाखिल करे।  
पीएम मोदी ने कहा दोषी बख्शे नहीं जाएंगे
इसके साथ ही मणिपुर वीडियो पर पीएम ने भी चुप्पी तोड़ी है संसद के बाहर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह घटना देश को शर्मसार करने वाली है। 140 करोड़ लोगों का अपमान हुआ है जो भी मामले में दोषी होंगे वो बख्शे नहीं जाएंगे।
महिला के वीडियो को हटाने के दिए आदेश
वीडियो को लेकर केंद्र सरकार ने वीडियो को सभी प्लैटफार्म से हटाने की मांग की है। इस घटना को लेकर आरोप भी लग रहे  है कि पुलिस और आर्मी के साथ-साथ सेंट्रल फोर्स  और  40 हजार जवानों को मणिपुर में तैनात किया गया लेकिन फिर भी इतनी बड़ी घटना हो गई जिसपर तमाम तरह के सवाल उठाए जा रहे है

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