संसद के इस बार के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर खुब चर्चा हो रही थी। विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पूरी तैयारी की जिसके बाद सदन के सभापति को प्रस्ताव भेजा गया। सभापति ने इस प्रस्ताव पर सहमती दे दी। जिसके बाद 8 से 10 अगस्त की तारीख चर्चा के लिए तय की गई है। हालांकि विपक्ष के इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर बीजेपी लगातार हमला कर रही है उनके इस प्रस्ताव का कोई फायदा नहीं होगा क्योंकी बीजेपी बहुमत साबित कर देगी ।
विपक्ष दूसरे अविश्वास प्रस्ताव की कर रहा तैयारी
इन सबके बीच खबर है कि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ भी विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है। इसको लेकर ई विपक्ष की बैठक भी हुई थी जिसमें दूसरे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर चर्चा हुई थी।
जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव
एसे में सवाल उठ रहे है कि मोदी सरकार के बाद अब जगदीप धनखड़ के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव क्यों लाया जा रहा है। दरअसल विपक्ष का आरोप है कि विपक्ष का आरोप है कि सभापति विपक्ष की बात नहीं सुनते हैं और सत्ता पक्ष को वो ज्यादा प्राथमिक्ता देते हैं। इसी बात को लेकर विपक्ष की बैठक में कुछ दलों ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की है। कहा जा रहा है कि अभी विपक्ष ने सिर्फ बैठक में बातचीत की है। फिलहाल इसको लेकर कोई फैसला नहीं लिया गया है।
जगदीप धनखड़ हमारी बात नहीं सुनते -विपक्ष
आपको बता दें जब राज्सभा में मानसूम सत्र शुरु हुआ था तब चेयरमैन जगदीप धनखड़े ने आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह को पूरे सत्र से ही स्सपेंड कर दिया था । उस दिन संजय सिंह अपनी बात रखते हुए चेयरमैन की चेयर के पास चले गए थे इस बात से नाराज होकर जगदीप धनखड़ ने उन्हें सैशन से ही बाहर कर दिया था । जिसके बाद से विपक्ष लगातार उनके खिलाफ बाते कह रहा है विपक्ष का कहना है कि हमारी बात को सदन में नहीं सुना जा रहा है।
मणिपुर मामले में जगदीप धनखड़ के रुख से नाराज विपक्ष
दूसरी तरफ मणिपुर के मामले को लेकर भी विपक्ष बेहद नाराज है मणिपुर के मामले को लेकर विपक्ष का कहना है कि अभी तक मणिपुर को लेकर राज्यसभा के चेयरमैन का जो रुख रहा है विपक्ष उससे नाराज है। विपक्ष का मानना है कि सभापति ने मणिपुर पर एकतरफा फैसले लिए हैं। विपक्ष चाहता है कि मणिपुर पर नियम 267 के तहत चर्चा हो।
बिना सहमती के पास हुए कानून को रिजेक्ट किया जाए
इस बीच सरकार की तरफ से सदन में बिल पेश किए जा रहे हैं उसको लेकर भी विपक्ष सहमत नहीं है विपक्ष का कहना है ये पूरी तरह से गैरकानूनी और परंपरा के खिलाफ है। इसे लेकर विपक्ष सुप्रीम कोर्ट जा सकता है। वहां मांग की जाएगी की जो भी बिल इस दौरान पास कराए गए हैं उन सभी को रिजेक्ट किया जाए।
विपक्ष के रवैये से परेशान सभापति ओम बिरला
इस तरह से मानसूम सत्र में जो बिल पास हो रहे है उनको लेकर विपक्ष नाराज है। दूसरी तरफ लोकसभा में बिल पास होने को दौरान हो रहे हंगामें से परेशान होकर आम बिरला ने सभापति की चेयर बेठने से मना कर दिया है उनका कहना है जब तक सदन की मर्यादा नही रखी जाएगी तब तक सदन की चेयर पर नहीं बैठूंगा।
दोनें सदनों में बिल को लेकर नहीं हो पा रही चर्चा
आपको बता दें जबसे मानसून सत्र शुरु हुआ है तबसे ही दोनों सदनों में ठीक से किसी भी कानून को लेकर चर्चा नहीं हो पा रही है दोनों सदनों में मणिपुर को लेकर खुब हंगामा हो रहा है इन सबके बीच 11 अगस्त को पीएम मोदी अविशवास प्रस्ताव पर बात भी करेंगे जिसपे विपक्ष की नजर है।