दिल्ली में आए दिन अब अतिक्रमण को लेकर सरकार सख्त नजर आ रही है आपको याद होगा कि बीते दिनों दिल्ली में अतिक्रमण हटाया गया था। इस दौरान एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें पुलिस मंदिर को तोड़ते नजर आ रही थी। इसके बाद भी दिल्ली में अतिक्रमण को रोकने का काम रुका नहीं है। एसा हम इसलिए कह रहे है क्योंकी रेलवे ने दिल्ली में दो बड़ी पुरानी मस्जिदों को गिराने के लिए नोटिस जारी कर दिया है। जिसको लेकर खुब बवाल हो रहा है।
रेलवे ने दिया मस्जिद गिराने का नोटिस
उत्तर रेलवे ने इन मस्जिदों को हटाने का नोटिस दिया था। इस नोटिस पर लिखा था कि 15 दिनों में खुद हटा लें मस्जिद वरना रेलवे हटा देगा। रेलवे ने ये नोटिस दिल्ली के बंगाली मार्केट मस्जिद और तकिया बब्बर शाह मस्जिद पर लगाया है। इस नोटिस में रेलवे ने लिखा है कि ये उनकी जमीन पर बनी है। अब इस मामले पर दिल्ली वक्फ बोर्ड ने अपना जवाब दिया है। वक्फ बोर्ड ने कहा कि मस्जिद की जमीन साल 1945 में कानून तौर पर एग्रीमेंट के तहत ट्रांसफर की गई थी।
दिनांक 06.03.1945 को हुआ था मस्जिद का एग्रीमेंट
रेलवे के नोटिस के बाद मस्जिद कमेटी ने दावा किया है कि ये 250 और 500 साल पुरानी है मस्जिदे हैं। उनका कहना है कि ये मस्जिद जिसके अंदर हुजरे, आंगन, शौचालय, चबूतरे आदि का कुल माप 0.095 एकड़ भूमि दिनांक 06.03.1945 को एक एग्रीमेंट के माध्यम से सुन्नी मजलिस औकाफ को काउंसिल में गवर्नर जनरल के मुख्य आयुक्त के द्वारा हस्तांतरित कर दी गई थी। ये एग्रीमेंट अतिरिक्त पुस्तक संख्या 1, खंड 95 में पृष्ठ 49 से 51 पर 278 नंबर से रजिस्टर्ड है। इस एग्रीमेंट से ये भी पता चलता है कि हुजरे कमरे और एक कुआं और एक स्नानघर वाली मस्जिद समझौते की तारीख पर पहले से ही अस्तित्व में थी।
400 साल पराना है मस्जिद
बताया जा रहा है कि वक्फ संपत्ति दिल्ली प्रशासन के राजपत्र दिनांक 16.04.1970 में विधिवत अधिसूचित है। नोटिस में उल्लेख की गई संपत्ति 123 वक्फ संपत्तियों का हिस्सा है, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा दिनांक 05.03.2014 को दिल्ली वक्फ बोर्ड के पक्ष में डिनोटिफाई किया गया था। इसके साथ ही दिल्ली वक्फ बोर्ड ने इस जवाब में ये भी कहा कि मौजूदा मामले में जिस मस्जिद की बात हो रही है वह 400 साल से भी अधिक समय से अस्तित्व में है। इसलिए यह कहना कि संदर्भित मस्जिद रेलवे भूमि पर अतिक्रमण है तथ्यों और कानून के विरुद्ध है। न तो ये जमीन रेलवे की है और न ही संदर्भित मस्जिद अतिक्रमण है।
नोटिस को रद्द करने की हो रही मांग
इस तरह के दावे करते हुए वक्फ बोर्ड ने रेलव को कहा है कि उपरोक्त सामग्री और तथ्यों को ध्यान में रखते हुए रेलवे को सलाह दी जाती है कि संबंधित नोटिस को तत्काल प्रभाव से वापस लें और दिल्ली वक्फ बोर्ड को सूचित करें कि संबंधित नोटिस रद्द कर दिया गया है। तो इस तरह से रेलवे और वक्फ बोर्ड के बीच मस्जिद को लेकर बवाल हो रहा है अब देखने वाली बात होगी की रेलवे अपने नोटिस को लेकर पीछे हटता है या नहीं।