एक तरफ बिहार के सीएम नीतीश कुमार विपक्ष को एक करने के लिए तमाम दलों को अपने साथ जोड़ रहे है इनकी कोशिश है की वो हर हाल में बीजेपी को आने वाले चुनाव में करारा जवाब दें । इसलिए बीते दिनों पटना में बैठक भी हुई थी। कांग्रेस की इस चाल को देखते हुए बीजेपी ने भी अपनी चाल चल दी बीजेपी भी चुनाव को ध्यान में रखते हुए कई दलों के साथ गठबंधन कर रही है।
चिराग पासवान राजभर हुए शामिल
जिसमें ओपी राजभर और चिराग पासवान तो NDA से गठबंधन कर चुके हैं। इन सबके बीच सवाल उठ रहा है कि अचानक से छोटे दल NDA क्यों शामिल हो रहे है। क्योंकि अभी खबर आ रही है की माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे भी बीजेपी शामिल हो सकते है। बीजेपी नेताओं के शामिल होने को लेकर विपक्ष का कहना है कि ईडी सीबीआई से बचने के लिए राजनीतिक दल एनडीए के साथ गठबंधन कर रहे है। तो दूसरी तरफ कहा जा रहा है कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए इन सबके साथ गठबंधन कर रहै है। राजभर के गठबंधन से ये बात साफ हो जाती है।
NDA में मुख्तार अंसारी का बेटा शामिल होगा
इसमें पहले सुहेलदेव पार्टी की बात करें तो राजभर ने गठबंधन में शामिल होने के लिए तीन सीटों की मांग की है कहा जा रहा है कि उनकी बात मानी जा सकती है
इसी तरह मुख्तार अंसारी के बेटे अब्दुल्ला अंसारी को भी NDA ने स्वीकार कर लिया है जिसके बाद से लगातार अंसारी की चर्चा हो रही है।
अंसारी परिवार का कई सीटों पर दबदबा बरकरार
अंसारी परिवार का सवाल इसलिए भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि सुभासपा के टिकट पर मऊ से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्दुल्ला अंसारी विधायक हैं। फिलहाल वो जेल में हैं, लेकिन पार्टी से अलग नहीं हुए हैं। वहीं NDA घटक की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी की नीतियां मुख्तार अंसारी के परिवार के राजनीतिक रसूख को खत्म करने की दिखाई दे रही है ऐसे में ये सवाल लाजमी हो जाता है कि क्या सुभासपा के साथ बीजेपी ने अब्दुल्ला अंसारी को भी कबूल लिया है?
अंसारी परिवार के समर्थन से सीटें जीती जा सकती है
अंसारी परिवार के बिना सुभासपा पूर्वांचल में कैसे चुनाव जीतने का दंभ भर रही हैष। पूर्वांचल के मऊ, बलिया, चंदौली और गाजीपुर इलाके में अंसारी परिवार का रसूख माना जाता हैष यहां ऐसी सीटें हैं जहां से इस परिवार के लोग कभी चुनाव नहीं हारे हैंष विधानसभा हो या लोकसभा हर चुनाव में पूर्वांचल की इन सीटों पर बिना अंसारी परिवार के समर्थन से लड़ना नामुमकिन सा दिखाई देता है। इसलिए बीजेपी ने इन्हें शामिल किया है।
मऊ से अब्बास अंसारी विधायक हैं
बता दें मऊ से अब्बास अंसारी विधायक हैं तो गाजीपुर लोकसभा सीट पर पिछले चुनावों में मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी सांसद चुने गए थे। हालांकि चार साल की सजा मिलने के बाद उनकी ये सीट छिन गई। लेकिन परिवार का दबदबा और राजनीतिक रसूख अभी बरकरार है। यहां से सीधा फायदा एनडीए को होगा। बीजेपी किसी तरह की लापरवाही नहीं करन चाहती इसलिए वो चुनाव जीतने के सारे प्रयास कर रही है।