दिल्ली : विश्व स्वास्थ्य संगठन( डब्ल्यूएचओ) ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में रह रहे13 लाख रोहिंग्या शरणार्थियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने में अपना योगदान दें। डब्ल्यूएचओ के दक्षिण पूर्वी एशिया की क्षेत्रीय निदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह ने ढाका में इस संगठन के सहयोगियों के साथ हुई बैठक में कहा कि हाल के वर्षों का यह सबसे बड़ा मानवीय संकट है।
उन्होंने कहा, “ कोई अकेली एजेंसी या अकेली बांग्लादेश सरकार इतनी बड़ी संख्या वाले समूह के स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा नहीं कर सकती है। रोहिंग्या मुस्लिम उन इलाकों में रह रहे हैं जहां चक्रवात आने की संभावना ज्यादा रहती है और जैसे ही बारिश शुरू होगी वहां बाढ़ आ जाएगी।” सिंह ने कहा, “ इस तरह की परिस्थिति में जानलेवा बाढ़ और मच्छर जनित बीमारी होने का ज्यादा खतरा होता है।”
बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ ही100 से ज्यादा सहयोगियों के साथ मिलकर डब्ल्यूएचओ ने बारिश के महीने के लिए आपात योजना तैयार की है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में बताया कि इस योजना का लक्ष्य बारिश और बाढ़ के दौरान स्वास्थ्य सेवा को सुनिश्चित करके बीमारियों के खतरे और मौत को रोकना है।
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