‘सैनिकों को पत्थर मारे जा रहे थे तब शांति की अपील करने वाले कहां थे’ - Punjab Kesari
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‘सैनिकों को पत्थर मारे जा रहे थे तब शांति की अपील करने वाले कहां थे’

मनोज तिवारी ने शनिवार को जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘एक शाम शहीदों

नई दिल्ली : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने शनिवार को जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) विश्वविद्यालय के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित ‘एक शाम शहीदों के नाम’ कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस कार्यक्रम का आयोजन कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के मोदी सरकार के ऐतिहासिक निर्णय की खुशी मनाने व सरहद की रक्षा करने वाले वीर शहीदों को नमन करने को लेकर किया गया। 
तिवारी ने कहा कि देश के 73 वें स्वतंत्रता दिवस पर हम सभी ने मिलकर भारत माता की सर्वोच्च सेवा करने वाले वीर शहीदों को याद किया और यह महीना ही नहीं हमें साल भर अपने वीर शहीदों के बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देनी चाहिए। मर कर भी जो अमर हो गए ऐसे वीर शहीदों ने अपना सर्वस्व देश के लिए कुर्बान कर दिया। जेएनयू में एकत्रित लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लालकिले की प्राचीर से कही गई बातों का अनुसरण करते हुए जल संकट, जनसंख्या विस्फोट व पॉलीथिन के इस्तेमाल पर रोक लगानी चाहिए। 
उन्होंने कहा कि देश सेवा करने के लिए सेना में जाने के अलावा अपने-अपने क्षेत्र में ईमानदारी के साथ काम करेंगे तो वह भी एक प्रकार से देशभक्ति ही है। उन्होंने कहा कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वो काम किया जो अब तक नामुमकिन था। विदेशों में लोगों तक यह संदेश पहुंच गया है कि मोदी है तो मुमकिन है। 
तिवारी ने कहा कि कश्मीर में अमन शांति की बात जो नेता अब कर रहे हैं, वो उस दिन कहां थे जब हमारे सैनिकों को पत्थरों से मारा जाता था। अखण्ड भारत की कल्पना की सबसे बड़ी चुनौती कश्मीर थी, जहां पाकिस्तान द्वारा भड़काए जाने के कारण कश्मीरी युवा सेना पर पत्थरबाजी करते थे। 

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