दिल्ली विधानसभा चुनाव में शीशमहल का मुद्दा गर्माया रहा। भाजपा ने इसे जनता के लिए म्यूजियम बनाने की बात कही थी। अब खबर है कि दिल्ली सरकार इसे म्यूजियम न बनाने पर विचार कर रही है।
दिल्ली विधानसभा चनाव में दिल्ली सीएम का आधिकारिक आवास ‘शीशमहल’ एक बड़ा मुद्दा बना। भाजपा इसे लेकर आम आदमी पार्टी को जमकर घेरा। लेकिन सवाल यह है कि सरकार बदलने के बाद बीजेपी इस शीशमहल का क्या करेगी। दिल्ली चुनाव में भाजपा ने घोषणा की थी कि अगर उनकी सरकार आई तो वे शीशमहल यानी कि दिल्ली मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास ने रहेंगे। इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा यानी इसे म्यूजियम बना दिया जाएगा। लेकिन अब खबर आ रही है कि दिल्ली सरकार शीशमहल को म्यूजियम नहीं बल्कि गेस्ट हाउस बनाएगी।
दिल्ली के पास नहीं है कोई गेस्टहाउस
रिपोर्ट के मुताबिक एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि दिल्ली को एक गेस्टहाउस की जरूरत है जहां गणमान्य हस्तियां ठहर सकें। उन्होंने कहा दिल्ली के पास दूसरे राज्यों की तरह गेस्ट हाउस नहीं है। इसके क्षेत्र और स्थान को देखते हुए दिल्ली के आधिकारिक आवास को गेस्ट हाउस में बदलने पर विचार किया जा रहा है। यह आवास सिविल लाइंस इलाके में है, जहां राजभवन, दिल्ली विधानसभा और सचिवालय स्थित हैं। अधिकारी ने यह भी बताया कि 90 के दशक में पास की एक संपत्ति 33 शाम नाथ मार्ग को राज्य अतिथि गृह बनाया गया था। लेकिन तीन-चार साल बाद इस विचार को बदल दिया गया और तब से दिल्ली में कोई राज्य अतिथि गृह नहीं है।
33 करोड़ में हुआ नवीनीकरण
बता दें केजरीवाल 6 फ्लैग स्टाफ रोड स्थित जिस बंगले में रहते थे, उसका निर्माण 1942 में हुआ था। केजरीवाल 2015 में अपने परिवार के साथ इस आवास में शिफ्ट हुए थे। उनका परिवार अक्टूबर 2024 तक इसमें रह रहा था। कोरोना काल में इस बंगले का रिनोवेशन किया गया। आरोप है कि बंगले में सुविधाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए। कैग की रिपोर्ट का कुछ हिस्सा मीडिया में भी लीक हुआ, जिसके मुताबिक बंगले के नवीनीकरण पर 33 करोड़ से ज्यादा खर्च होने का ब्योरा मिला है। कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरुआती अनुमान 7.9 करोड़ रुपये का था लेकिन यह बढ़ता चला गया।
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