आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल वैसे तो लोकसभा का चुनाव दिल्ली के विकास मॉडल के आधार पर लड़ रहे हैं लेकिन दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का मुद्दा जोर-शोर से उठाए हुए हैं। इस लोकसभा चुनाव में इस तरफ केजरीवाल कांग्रेस के साथ गठबंधन न होने पर जहां राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं तो वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच रिश्तों को लेकर हमलावर हैं। कांग्रेस से गठबंधन न होने की स्थिति में केजरीवाल ने दिल्ली की सातों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, उनका दावा है कि वह सातों सीटों पर जीत हासिल करेंगे। जीत के पीछे उनके अपने तर्क हैं, उनका कहना है कि दिल्ली के लोगों को उनका विकास मॉडल खासा पसंद आ रहा है।
मसलन सरकारी स्कूलों का कायाकल्प करना, प्राइवेट स्कूलों द्वारा निरकुंश फीस बढ़ोत्तरी पर लगाम लगाना, मोहल्ला क्लीनिक आदि ऐसी योजनाएं जिसने दिल्ली के लोगों की जिंदगियां बदल दी है। केजरीवाल कहते हैं कि इन चुनावों में जहां मोदी के उनके नाम पर वोट पड़ रहे हैं तो आप पार्टी को उनके काम पर वोट किया जा रहा है। उन्होंने दिल्ली में फैले गंदगी के लिए जहां केन्द्र सरकार द्वारा संचालित नगर निगम को जिम्मेदार ठहराया है, साथ ही कहा कि दिल्ली में सीलिंग के लिए भाजपा के सातों सांसद जिम्मेदार हैं, जिन्होंने सीलिंग रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
उनका आरोप है कि इन सांसदों ने दिल्ली में पांच साल तक कोई काम नहीं किया। केजरीवाल ने ‘मोदी भक्तों’ पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जो लोग मोदी को पसंद करते हैं कम से कम यह तो देखें कि उन्होंने पांच साल तक किया क्या है, आज बेरोजगारी चरम पर है, कारोबारी खून के आंसू रो रहे हैं। उन्होंने साफ कर दिया है कि अगर देश में गठबंधन की सरकार बनने की स्थिति बनती है तो वह उस पार्टी को इसी शर्त पर समर्थन देगी कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दें। बहरहाल केजरीवाल कहते हैं कि उन्हें भी आम खाना पसंद है। इन्हीं सब मुद्दों पर आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से पंजाब केसरी के मेट्रो एडिटर सतेन्द्र त्रिपाठी व डिप्टी चीफ सुरेन्द्र पंिडत की खरी-खरी…
देश में इस समय भाजपा राष्ट्रवाद का मुद्दा उठाए हुए है। पुलवामा अटैक के बाद एयर स्ट्राइक, फिर स्पेस स्ट्राइक जैसे मुद्दों को लेकर भाजपा चुनावी मैदान में है, क्या इससे भाजपा को फायदा होगा?
मुझे लगता है कि कुछ लोग इस भुलावे में आ गए हैं, लेकिन यहां एक बात समझने वाली है कि पिछले पांच साल में प्रधानमंत्री जी ने कोई काम नहीं किया है। आज उन्हें अपना काम गिनाने के लिए कोई काम नहीं है। रोजगार नहीं दिया। महंगाई चरम पर है। अर्थव्यवस्था बिगड़ी हुई है। इसलिए वह हर जगह जाकर सिर्फ एक ही बात कह रहे हैं कि आतंकवादियों को घर में घुस कर मारा। अभी कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान का बयान आया कि पाकिस्तान चाहता है कि भारत की जनता मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाएं। मैं पूछना चाहता हूं कि जिन आतंकवादियों को उन्होंने घुस कर मारा, वही मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं, आखिर यह चल क्या रहा है? पाकिस्तान के साथ क्या सेटिंग चल रही है प्रधानमंत्री की।
14 फरवरी को चुनाव से 2 महीने पहले पाकिस्तान आतंकवादी भेजकर हमारे 40 जवानों को शहीद कर देता है, फिर 26 फरवरी को हमारी सेना ने पाकिस्तान में घुसकर उनके सैकड़ों आतंकवादियों को मार देती हैं, लेकिन इसके बाद भी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कहते हैं कि मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाया जाना चाहिए। 23 मार्च को पाकिस्तानी-डे था, सभी डिप्लोमेटिक चैनल बंद थे, लेकिन उसके बाद भी मोदी जी ने सीक्रेट मैसेज भेजकर पाकिस्तान के पीएम को बधाई दी। ऐसा उन्होंने क्यों किया और की तो वह चोरी-छिपे क्यों दी? ये क्या चल रहा है। यही नहीं पठानकोट में पाकिस्तानी आतंकवादियों ने एयरफोर्स स्टेशन में घुस कर तबाही मचा दी। स्टेशन को तहस-नहस कर दिया।
जब जांच की बात आई तो उसके लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर कहा गया कि आकर वह जांच करें। जांच पाकिस्तान की जांच एजेंसियों ने किया, जहां से आतंकवादी आए थे। बाद में वापस लौट कर उन्होंने खुद को क्लीन चिट दे दी। ये क्या चल रहा है मोदी जी और पाकिस्तान के बीच। 70 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ कि पाकिस्तान को कहा गया हो कि वह आकर जांच कर लें। बिना बुलाए हमारे प्रधानमंत्री पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को जन्मदिन देने की बधाई देने पहुंच गए। क्या रिश्ता है मोदी जी का पकिस्तान से। मोदी जी पकिस्तान से मिले हुए हैं? मोदी जी को देश को यह बताना चाहिए कि उन्होंने इमरान खान को सीक्रेट मैसेज क्यों किया, क्यों पाकिस्तान की जांच एजेंसी को जांच करने के लिए दिया? अगर मोदी जी इन सवालों का जवाब नहीं देते हैं तो यह उनके राष्ट्रवाद पर सबसे बड़ा सवाल है?
आखिर क्या वजह रही कि दो महीने तक गठबंधन की कवायद चलने के बाद भी आप और कांग्रेस का गठबंधन नहीं हुआ?
इसके लिए पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है। कांग्रेस ने कभी भी गठबंधन को गंभीरता से नहीं लिया। वह बार-बार अपनी शर्तें बदलती रही। पहले उनके दिल्ली के साथ-साथ पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ सहित कुल 18 सीटों पर गठबंधन की बात हुई थी, जिसके लिए वह तैयार भी थे। हम लोग भी तैयार हो गए, लेकिन जब संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस की बात आई, उससे पहले कांग्रेस पलट गई। उन्होंने नई शर्त रख दी। हम इस शर्त पर भी समझौता करने के लिए तैयार थे लेकिन बाद में वह सिर्फ दिल्ली में सात में चार सीटों पर आ गए। वास्तव में कांग्रेस पार्टी को खुद नहीं मामूल था कि उन्हें क्या करना है। कांग्रेस उन्हीं लोगों के साथ मजबूती से लड़ रही है, जो उनके साथ थी, मसलन पश्चिमी बंगाल में ममता बनर्जी के साथ, उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा के साथ तो केरल में लेफ्ट के साथ। लेकिन जहां भाजपा है वहां पर कांग्रेस ने सरेंडर (गिवअप) कर दिया है।
अभी एक रैली में पीएम मोदी ने कहा है कि पश्चिम बंगाल के 40 विधायक भाजपा के सम्पर्क में हैं। उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी कल कहा कि उनके सात विधायकों को 10-10 करोड़ का लालच देकर तोड़ने की कोशिश की जा रही है?
दुनिया के इतिहास में मोदी जी पहले ऐसे प्रधानमंत्री होंगे, जो खुलेआम कह रहे हैं कि किसी राज्य की चुनी हुई सरकार के 40 विधायक उनके सम्पर्क में हैं। पहले यह बातें चोरी-छिपे होती थीं, अब प्रधानमंत्री जी खुले आम यह कह रहे हैं। क्या यह एक प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देती है। इसी तरह हमारे सात विधायक हमारे पास आए और बताया कि उन्हें भाजपा की ओर से 10-10 करोड़ का ऑफर मिल रहा है। क्या आप को लगता है कि यह संविधान के लिए सही है। अब तो लगता है कि कोई भी सरकार देश में सुरक्षित नहीं है।
जब आप की सरकार आई तो अभूतपूर्व 67 सीटें जीत कर आए, लोगों को लगा कि नई क्रांति आएगी, लेकिन ऐसा दिखा नहीं?
ऐसा बिल्कुल नहीं है। दिल्ली की शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जबदस्त क्रांति आई। सरकारी स्कूलों की कायाकल्प हो गई। प्राइवेट स्कूलों के तानाशाही रवैये पर अंकुश लगाया गया। मोहल्ला क्लीनिक के कॉन्सेप्ट ने दिल्ली के स्वास्थ्य क्षेत्र को बदल कर रख दिया। आज दिल्ली में अमीर-गरीब को मुफ्त इलाज मिल रहा है। मुफ्त टेस्ट हो रहे हैं। स्कूलों में बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल रही है। दिल्ली में जो 70 साल में किसी की सरकार ने नहीं किया वह आम आदमी पार्टी ने किया। आम आदमी पार्टी की सरकार ने पिछले चास साल में दिल्ली का पूरा नक्शा बदल कर रख दिया है। दिल्ली एक मात्र ऐसा राज्य है जहां 24 घंटे बिजली दी।
घर-घर में पानी पहुंचाया। देश के ऐसे राज्य जहां 15-15 साल तक भाजपा का शासन रहा, लेकिन फिर भी ऐसी सुविधाएं राज्य की जनता को नहीं मिली। हमारे काम में केन्द्र सरकार ने खूब रोड़े अटकाए, उसके बाद भी आप पार्टी की हमारी सरकार ने शानदार काम करके दिखाया है। अब अगर दिल्ली की जनता चाहती है कि केन्द्र रोड़ा न अटका सके इसके लिए जरूरी है कि वह हमारे सातों प्रत्याशियों को जिता कर संसद में पहुंचा दे, ताकी अगर केन्द्र की सरकार उनके किसी काम में रोड़े अटकाए तो उनके सातों सांसद संसद में उनकी आवाज को बुलंद कर सकें। हमारे हाथ मजबूत होंगे, दिल्ली के हाथ मजबूत होंगे।
लेकिन दिल्ली में जो कैम्पेन चलाया जा रहा है, उसमें पूर्ण राज्य को मुद्दा बनाया गया है, आप अपने काम क्यों नहीं बता रहे हैं?
नहीं, हम दोनों बातें कह रहे हैं। हम अपना काम भी जनता को बता रहे हैं। हम दिल्ली को एक शानदार सिटी बनाना चाहते हैं दिल्ली को विश्व में सबसे मॉडल सिटी बनाना चाहते हैं, अभी दिल्ली क्राइम सिटी, रेप सिटी के नाम से जानी जाती है, क्यों… क्योंकि दिल्ली की पुलिस दिल्ली दिल्ली सरकार के अंडर में नहीं आती है, पुलिस सीधे गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के अंडर में आती है। अब अगर किसी को पुलिस से प्रॉबलम है तो वह प्रधानमंत्री या गृहमंत्री के पास तो जा नहीं सकते, स्थानीय विधायक के पास जाते हैं, लेकिन विधायक पुलिस का कुछ कर ही नहीं सकते हैं। ऐसे में अगर दिल्ली पुलिस सरकार के अंडर में होगी तो देखते हैं कि कैसे दिल्ली में क्राइम कंट्रोल नहीं होता?
आप का बहुत मजबूत कुनबा था, लेकिन धीरे-धीरे बहुत सारे लोग छोड़ गए, क्या इससे पार्टी कमजोर हुई है?
नहीं ऐसा बिल्कुल नहीं है। मात्र कुछ लोगों के चले जाने से पार्टी पर कोई फर्क नहीं पड़ता है। आज दिल्ली की जनता आप पार्टी के काम से खुश है।
हाल ही में फिल्म स्टार अक्षय कुमार पीएम मोदी का एक गैर-राजनीितक इंटरव्यू किया था। उसमें एक सवाल था कि मोदी जी को आम बहुत पसंद है। क्या आप आम खाते हैं?
हंसते हुए बोले, हां बिल्कुल खाते हैं, जैसा मिल जाए वैसा ही खा लेते हैं। लेकिन यह नहीं की यह सब दिनभर टीवी पर चलता रहे। मैं सूटबूट में रहूं, फैशन दिखाऊं, काम बोलना चाहिए और जनता के लिए यह जरूरी है।
अभी जो माहौल बन रहा है और अगर दिल्ली में आपकी सातों सीटें आती हैं और मोदी की सरकार नहीं बनती है तो आप किसे सपोर्ट करेंगे और आपकी क्या शर्त होगी?
देखिए मोदी-अमित शाह के अलावा जिसकी भी सरकार बनेगी उसे इस शर्त पर सहयोग करेंगे कि पहले दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दो। कोई भी पार्टी हो बेशक हम उन्हें दिल्ली की ओर से सहयोग करेंगे। मेरा दिल कहता है कि इस बार 70 साल के बाद दिल्ली के लोगों की इच्छा पूरी होगी। विपक्ष की सरकार बनने की काफी संभावना है। मोदीजी की वह स्थिति नहीं है, जो कि मीडिया दिखा रहा है। उन्होंने सभी को मैनेज कर लिया है। सीएजी, इलेक्शन कमीशन को मैनेज कर लिया, आज न्यायपालिका घबराई हुई है मोदी जी से, मीडिया तो बहुत छोटा है। उनके पास पावर है, इनकम टैक्स है, ईडी या विज्ञापन दे देते हैं।
इनकम टैक्स के अधिकांश मामले विपक्ष पर चल रहे हैं, मेरे पर ही 33 मामले चल रहे हैं। मैं इतना बड़ा शातिर या गुंडा लगता हूं। सीबीआई रेड करवा दी गई मुझ पर और पुलिस मेरे बेडरूम तक पहुंच गई। जिंगदीभर ब्लैकमेल करना चाहते थे। पहले मेरे कार्यालय गए और बाद में घर गए। लोग सब देख रहे हैं। हमारी छोड़िए पूरे देश के छोटे-छोटे व्यापारियों के लिए इनकम टैक्स छोड़ रखी है।
हर दुकानदार घबराया हुआ है और सभी डर के साये में जी रहे हैं। जीएसटी से हर दुकानदार-कारोबारी घबराया हुआ है और डर कर तो देश आगे नहीं बढ़ सकता है। देखिए दो किस्म की राजनीति है। मोदी जी की राजनीति में एक तरफ नफरत है, मोब लिंचिंग हो रही और डर ही डर चारों तरफ। दूसरी तरफ दिल्ली में हमारी सरकार है, हम स्कूल बनवा रहे हैं, अस्पताल खोल रहे हैं। लोगों को रोजगार दे रहे हैं। सड़क-सीवर बनवा रहे हैं जिससे देश आगे बढ़ेगा। ये लोग तोड़ने और डराने की राजनीति कर रहे हैं।
कालेजों में 85 फीसदी दिल्ली के लिए रिजर्व होगा…
ऐसे ही दिल्ली के कालिजों में दाखिला का मसला है। अभी पूरे देश के बच्चे यहां आते और दाखिला पर कब्जा कर लेते हैं। दिल्ली के बच्चों को बाहर जाना पड़ जाता है तो हमने केन्द्र सरकार से कहा कि दिल्ली में ऐसी व्यवस्था की जाए कि किसी भी कालेज में 85 फीसदी बच्चे दिल्ली के होने चाहिए। 85 फीसदी का आरक्षण मिलेगा। मैंने चार साल पहले इसकी परमिशन के लिए मोदी जी को पत्र लिखा था लेकिन आज तक परमिशन नहीं मिली। लेकिन अगर पूर्ण राज्य होगा तो इसके लिए हमें परमिशन की जरूरत नहीं होगी। हम दिल्ली में इतने कॉलेज और यूनिवर्सिटी खोल देंगे कि 60 फीसदी नम्बर पाने वाला बच्चा भी अच्छे कालेज में पढ़ सकेगा।
रोजगार में भी दिल्ली के युवाओं को पहले मौका मिलेगा…
ऐसे ही रोजगार में भी बाहर के युवा दिल्ली में नौकरी पा जाते हैं लेकिन जब पूर्ण राज्य का अधिकार होगा तो दिल्ली में 85 फीसदी आरक्षण यहां के युवाओं का होगा। यह करने वाले हम पहले नहीं होंगे। लगभग सभी राज्यों ने यह किया हुआ है। दिल्ली सरकार की नौकरियों में दिल्ली के युवाओं का ही अधिकार नहीं है। यह गलत है।
दिल्ली को साफ करना राकेट साइंस नहीं है…
दिल्ली में चारों तरफ गंदगी फैली हुई है, इनको साफ करने की जिम्मेदारी नगर निगम की है लेकिन नगर निगम केन्द्र से संचालित है, जो सफाई पर ध्यान ही नहीं देती है। दिल्ली को साफ करना कोई राकेट साइंस नहीं है। हम दिल्ली को साफ-सुधरा शहर बनाना चाहते हैं।
1.5 लाख करोड़ टैक्स देते हैं दिल्ली के लोग…
मैं आपको एक बात बता दूं कि दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ रुपए का टैक्स हर साल देते हैं, लेकिन बदले में दिल्ली को सिर्फ 325 करोड़ रुपए ही मिलते हैं। हमने कहा भी कि दिल्ली के टैक्स का पैसा गरीब राज्यों में भी जाता है लेकिन कम से कम दिल्ली के 50 हजार करोड़ को दिया जाए, बाकी का एक लाख करोड़ अन्य राज्यों को दें। अब अगर 50 हजार करोड़ दिल्ली को मिलेगा तो आप सोच सकते हैं कि दिल्ली कितनी तेजी से डवलप होगी। फ्लाईओवर, अस्पताल, कालेजों की कोई कमी नहीं रह जाएगी। दिल्ली वर्ल्ड क्लास सिटी होगी। यह तभी संभव है जब दिल्ली पूर्ण राज्य होगा। अभी तो केन्द्र सरकार कहती है कि यह पूर्ण राज्य नहीं है।
आज तीन सीट वाले दिल्ली चला रहे हैं…
दिल्ली के लोगों ने हमें चुन कर भेजा। हमें 67 सीट देकर हम पर विश्वास जताया। हम भी उनके विश्वास पर खरे उतरे। लेकिन यहां तो उल्टा ही हो रहा है। यहां पर तीन सीट कर आने वाली भाजपा सरकार चला रही है। यह जनतंत्र नहीं है। हमने एंटी करप्शन ब्रांच के सहारे दिल्ली में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहीम चलाई थी। लेकिन केन्द्र सरकार को यह रास नहीं आया। उन्होंने 40 साल तक दिल्ली के अधीन काम करे वाली एंटी करप्शन ब्रांच को हमसे छीन कर अपने अंडर में कर लिया। चलो एंटी करप्शन ब्रांच ले लिया तो आप करप्शन को ठीक कर लो, लेकिन नहीं मोदी जी ने ये नहीं किया। उल्टा उन्होंने एंटी करप्शन ब्रांच को मेरे पीछे, मेरे परिवार और विधायकों के परिवार वालों के पीछे लगा दिया है। एक भी भ्रष्टाचारी को आज तक नहीं पकड़ा। आज भी मोदी जी अगर एंटी करप्शन ब्रांच को हमारे हवाले कर दें तो एक महीने में भ्रष्टाचार खत्म करके दिखा दूंगा।
अभी विपक्ष ने आप पर आरोप लगाया कि आप मुसलमानों की राजनीति कर रहे हैं। हिन्दू या जैन के गरीब पंडित को मदद क्यों नहीं दी जाती है। ये आखिर क्या माजरा है?
देश में वक्फ बोर्ड बने हुए हैं और वो मुसलमानों की मुगलकालीन प्रॉपर्टी है। उन वक्फ की प्रॉपर्टी से जो आय आती है उससे मुसलमानों के विकास पर खर्च किया जाता है। ये राज्य नहीं, बल्कि केन्द्र का कानून है। हम चुनाव के मौके पर नहीं हर माह उन्हें वेतन देते हैं। दिल्ली में हिन्दू-मुसलमान नहीं चलेगा। हमने स्कूल बनाए वहां सभी वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं। अस्पताल में सभी का उपचार होता है। दिल्ली में भाईचारे का माहौल है।
यदि लगता है कि कांग्रेस-आप का जो खेल है, एक-दूसरे पर बी-पार्टी का आरोप लगता है, आखिर बी-पार्टी कौनसी है?
दिल्ली में आज आम आदमी पार्टी की सीधी लड़ाई भाजपा से है। कांग्रेस कहीं नहीं है और पांच फीसद से नीचे है। मेरा मानना है कि कांग्रेस को चुनाव आते-आते दो फीसद से भी ज्यादा मत फीसद नहीं मिलेगा। कांग्रेस पूरे देश के अंदर अलग-अलग तरीकों से फायदा पहुंचा रही है और कौन किसकी बी-पार्टी है यह जनता जानती है।
आपका ईवीएम पर हमला क्यों रहता है, क्या इस बार उम्मीद है कि रिजल्ट सही आएगा?
ईवीएम मशीन में छेड़छाड़ की जा सकती है। हमने यह करके दिखाया है। ऐसा हो रहा है या नहीं या किस हद तक छेड़छाड़ होती है, ये देखने वाली बात है। लेकिन जहां भी मशीन खराब होती है, वहां भाजपा को ही वोट देती मिलती है। इससे शक पैदा होता है कि मशीनें खराब नहीं हैं, उनकी प्रोग्रामिंग ऐसी की गई है कि वे भाजपा को ही वोट दें। पकड़े जाने पर खराब बता देते हैं।
आम आदमी पार्टी कहती है जाति की राजनीति नहीं करते, लेकिन आतिशी को लेकर क्या कहेंगे?
ये लोग कभी कहते हैं कि आतिशी क्रिश्चयन, कभी कहते है की यहूदी है। कभी ये है कभी वो है। वह जाति-पाती के खिलाफ थी तो उन्होंने सर नेम हटा दिया।
दिल्ली के लोगों से आपकी क्या अपील होगी?
दिल्ली के लोगों से कहना चाहूंगा कि उनका वोट दिल्ली को बदल सकता है। चार साल में हमने बहुत काम किए। अब हम बड़े स्तर पर काम करना चाहते हैं। दिल्ली को खूबसूरत बनाना चाहते हैं, स्कूल-अस्पताल खोलना चाहते हैं और लोगों को रोजगार देना चाहते हैं। उसके लिए हमें पावर चाहिए। केन्द्र सरकार हर काम अड़चन लगाती है। इस बार आप वोट देकर उस अड़चन को दूर कर सकते हैं।
नगर निगम में आपका जादू क्यों नहीं चल सका?
नगर निगम चुनाव में कई कारण थे। एक तो हम पंजाब में चुनाव हार गए और वहां हमारी 20 सीटें रह गईं। हार का असर कई दिनों तक रहता है। मोदीजी यूपी जीत गए, उसका दिल्ली पर प्रभाव था। हर समय टीवी पर योगी-योगी चलता रहा दो माह तक। हर तरफ नाकारात्मक माहौल था। यदि दो-तीन माह बाद नगर निगम के चुनाव होते तो माहौल दूसरा होता।
आपका उपराज्यपाल से विवाद चलता रहता है, ये कब दूर होगा?
हमें जब पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाएगा तो सारी चीजें खुद ही समाप्त हो जाएंगी। इसीिलए तो हम लगातार पूर्ण राज्य की मांग कर रहे हैं। दिल्ली की जनता हमें सातों सांसद जिताकर देगी तो उसके उपराज्यपाल की मनमानी बंद हो जाएगी। दिल्ली में विकास बिना बाधा हो सकेंगे।