बीते दिनों महाराष्ट् की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिला जिसके बारे में किसी नहीं सोचा था। सब तब हैरान हो गए थे जब अजीत पवार एनडीए के साथ मिलकर डिप्टी सीएम बन गए। उन्होंने अपना सपना तो पूरा कर लिया पर क्या शिंदे कैंप का सपना धरा का धरा रह गया। शिंदे कैंप के 30 विधायकों को मंत्री बनना था पर अजीत पवार के आने से उनका सपना धरा का धरा रह गया।
अजित पवार को बीजेपी में ज्यादा अहमियत
उनके आने से विभागों के बंटवारे के बाद अजित पवार गुट की महत्तवती सरकार में बढ गई है लेकिन एकनाथ शिंदे की मुश्किलें सरकार और पार्टी दोनों में कई गुणा ज्यादा बढ़ती दिख रही है। वो इसलिए कि पिछले एक साल से शिंदे कैंप के 30 विधायकों का मंत्री बनने का सपना धरा का धरा ही रह गया है। जाहिर है कि शिंदे कैंप के विधायक सपना देखते रहे और एनसीपी एनडीए ने मिलकर शिंदे के साथ खेला कर दिया। बीजेपी ने अजित पवार गुट को अहम विभाग देकर शिंदे गुट के साथ सियासी खेल पूरी चतुराई से खेल दिया है।
एकनाथ शिंदे के विधायकों के मंत्री बनने का सपना टूटा
राजनीति में अवसर का बड़ा रोल होता है। यही वजह है किए एकनाथ शिंदे बीजेपी के पास 105 विधायक होने के बावजूद सीएम बना दिए गए । बीजेपी उस समय हर हाल में महाराष्ट्र में सरकार बनाना चाहती थी।
बीजेपी का मिशन लोकसभा चुनाव
इस कड़ी में उद्धव की शिवसेना को धता बताकर बीजेपी एकनाथ शिंदे की ताजपोशी का मन बना चुकी थी। लेकिन अब बीजेपी का मिशन लोकसभा चुनाव में 45 सीटें जीतने का है। इस मिशन में शिंदे से ज्यादा फायदा नहीं मिल रहा है। इसलिए बीजेपी ने एनसीपी का चुनाव कर लिया है जो एकनाथ शिंदे की तुलना में बीजेपी के लिए कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है।
बीजेपी को 145 विधायकों की जरूरत
वैसे भी राज्य में सरकार बचाने के लिए बीजेपी को 145 विधायकों की जरूरत है। ये जरूरत अजित पवार गुट के 42 विधायकों के दावों के बाद पूरी हो जाती है। आपको बता दें बीजेपी के अपने 105 विधायक हैं और अजित पवार 42 विधायकों का दावा कर रहे हैं। जाहिर है की बीजेपी को सरकार चलाने के लिए शिंदे गुट के 40 विधायकों पर अब निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। यही वजह है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व शिंदे गुट की मांग को खारिज कर रहा है।
बीजेपी महाराष्ट्र में लोकसभा की 45 सीटें जीतना चाहती है
बीजेपी सारा दांव लोकसभा चुनाव में 45 सीटें जीतने को लेकर खेल रही है। जाहिर है महाराष्ट्र में कुल 48 लोकसभा सीटें हैं और यूपी के बाद लोकसभा सीट के लिहाज से ये दूसरा अहम राज्य है।
बीजेपी के सियासी गणित में अजीत पवार फिट बैठ रहे
बीजेपी के सियासी गणित में अजीत पवार कहीं ज्यादा फिट बैठ रहे हैं। इसलिए बीजेपी शिंदे के गुट को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं है। पहले मानसून सत्र से पहले कैबिनेट एकस्पेंशन की बात बीजेपी कर रही थी। लेकिन अजित पवार के खेमे के मंत्रियों के बीच विभाग का बंटवारा कर बीजेपी ने अपने इरादे जाहिर कर दिए हैं। वैसे भी आंकड़ों के खेल के हिसाब से भी सरकार महाराष्ट्र में शिंदे गुट पर निर्भर नहीं है। इसलिए लक्ष्य की प्रप्ति के हिसाब से अंजित पवार गुट बाजेपी के लिए काफी मैटर करता है। इसलिए बीजेपी शिंदे को इतनी अहमियत नहीं देना चाहती