नई दिल्ली : एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में अब दलित संगठन खुलकर सामने आ गए हैं। दलित सगठनों ने इस फैसले के विरोध में शुरू हुए आंदोलनों को गति देने का निर्णय किया है। इसी क्रम में रविवार को झंडेवालान स्थित अंबेडकर भवन में एक महापंचायत का आयोजन किया गया जिसमें दिल्ली सहित देशभर के विभिन्न दलित संगठनों और संस्थाओं के नेता, प्रतिनिधि, कार्यकर्ता और सदस्यों ने हिस्सा लिया। इस दौरान सभी ने सरकार के खिलाफ आंदोलनों को आगे बढ़ाने की चेतावानी देते हुए उनकी रूपरेखा पर चर्चा की। महापंचायत में शामिल एक वरिष्ठ दलित कांग्रेसी नेता ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार और दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार दुकानदारों-व्यापारियों के साथ तो धोखाधड़ी कर ही रही है।
अब वह दलित और पिछड़ी जातियों के साथ भी कुठाराघात कर रही हैं। दोनों सरकार दलितों के अधिकारों का हनन कर रही है। उन्होंने कहा यदि एससी-एसटी मामले पर केन्द्र सरकार का यही रुख रहा तो हम राजघाट पर राहुल गांधी के साथ उपवास पर बैठेंगे। फिर भी केन्द्र सरकार ने कोई घोषणा नहीं की तो आगामी 13 अप्रैल को देशभर के दलितों को साथ लेकर राजघाट से एक विशाल रैली निकाली जाएगी जो भाजपा मुख्यालय तक जाएगी।
महापंचायत में शामिल एक अन्य दलित नेता ने कहा कि हम इस लड़ाई को सड़क से संसद तक ले जाएंगे। उन्होंने महापंचायत में आए लोगों से अपील की कि वे इस आंदोलन के जोरशोर से आगे बढ़ाए ताकि उनके अधिकारों को खत्म करने की कोई भी कोशिश न कर सके। इस महापंचायत में भूमिहीन संघर्ष समिति, महर्षि वाल्मीकि एसोसिएशन, गुरु रविदास महासभा तथा अंबेडकर वीर सेना के प्रतिनिधि शामिल रहे।
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