दृष्टि IAS के MD Vikas Divyakirti ने कोचिंग हादसे पर तोड़ी चुप्पी
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दृष्टि IAS के MD Vikas Divyakirti ने कोचिंग हादसे पर तोड़ी चुप्पी, छात्रों के नाराजगी को बताया जायज

Vikas Divyakirti : दृस्टि कोचिंग सेंटर के संचालक विकास दिव्यकीर्ति ने राजेंद्र नगर में हुए कोचिंग हादसे के 4 दिनों बाद अपनी चुप्पी तोड़ी और विद्यार्थियों की नाराजगी को जायज बताते हुए सफाई दी। बता दें की हादसे के 3 दिनों बाद तक विकास दिव्यकीर्ति की कोई प्रतिक्रिया नहीं आने से विद्यार्थी बहुत नाराज थे।

Highlights

  • Vikas Divyakirti ने कोचिंग हादसे पर दी प्रतिक्रिया
  • कोआर्डिनेशन की कमी और भ्रस्टाचार की तरफ किया इशारा
  • कोचिंग संस्थानों को शिफ्ट करने की बात की

Vikas Divyakirti ने कोचिंग हादसे पर दी प्रतिक्रिया

दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर के कोचिंग सेंटर में हुए 3 विद्यार्थिओं की मौत पर मंगलवार को दृस्टि आईएएस के संचालक विकास दिव्यकीर्ति(Vikas Divyakirti) ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए प्रतिक्रिया दी है। बता दें की हादसे के 3 दिनों बाद तक विकास दिव्यकीर्ति की कोई प्रतिक्रिया नहीं आने से विद्यार्थी बहुत नाराज थे। उन्होंने प्रेस रिलीज में देरी पर खेद जताकर माफी मांगते हुए कहा कि हमें खेद है कि हमने अपना पक्ष रखने में देरी की। यह उनके स्वभाव के कारण था। उन्होंने कहा, “मैं भावनात्मक मुद्दों पर इतना मुखर नहीं हूं। उनका कहना है की वो नहीं चाहते थे की अधूरी जानकारी के आधार पर कुछ कहें।

We will not work in…': Vikas Divyakirti of Drishti IAS breaks silence on  death of 3 UPSC aspirants | Latest News India - Hindustan Times

हर कोई बलि का बकरा चाहता है- Vikas Divyakirti

खुद के ऊपर निशाने साधे जाने पर उन्होंने कहा की ऐसे मामलों में हर कोई बलि का बकरा चाहता है। इससे प्रशासन के लिए चीजें आसान हो जाती हैं, उन्हें लगता है कि वे सुरक्षित हैं, एक व्यक्ति को पीड़ित होने दें, और यहां तक ​​कि समाज को भी लगता है कि उन्होंने आरोपी को पकड़ लिया है जिससे उन्हें तसल्ली मिल जाती है।

कोचिंग संस्थानों को शिफ्ट करने की बात की

विकास दिव्यकीर्ति(Vikas Divyakirti) ने इन जगहों पर भीड़ कम करने को लेकर कहा की सभी कोचिंग सेंटरों को एक साथ सर्वसम्मति से किसी बेहतर जगहों पे स्थानांतरित करना होगा। उन्होंने कहा, “इस समस्या का स्थायी समाधान यह है कि सरकार दिल्ली में तीन-चार क्षेत्रों का चयन करे और उन्हें कोचिंग संस्थानों के लिए नामित करे। अगर सरकार खुद कक्षाएं, पुस्तकालय, छात्रावास तैयार करे तो अधिक किराए या सुरक्षा की समस्या नहीं होगी। इससे संबंधित प्रावधानों का उल्लंघन नहीं होगा।”

कोआर्डिनेशन की कमी और भ्रस्टाचार की तरफ किया इशारा

कोचिंग संस्थानों के द्वारा नियमों का सही से पालन नहीं करने को लेकर दिव्यकीर्ति ने कहा की कोचिंग सेंटरों से जुड़ी समस्या जितनी दिखती है, उससे कहीं ज्यादा जटिल है। उन्होंने कहा, “कोचिंग संस्थानों से जुड़ी यह समस्या उतनी सरल नहीं है, जितनी सतह पर दिखती है। इसके कई पहलू हैं जो कानूनों की अस्पष्टता और विरोधाभास से जुड़े हैं।” उन्होंने डीडीए, एमसीडी और दिल्ली अग्निशमन विभाग सहित विभिन्न निकायों के नियमों में कई विसंगतियों और विरोधाभासों को भी उजागर किया।

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