नई दिल्ली : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदन लाल खुराना को दिल्ली का पुजारा कहा जाता था। अब अगर केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल को दिल्ली की राजनीति का डॉक्टर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। एक बार गोयल ने साबित कर दिया कि उन्हें दिल्ली की जनता की नब्ज पकड़नी आती है। दिल्ली की जनता की कोई तकलीफ होते ही वह तुरंत उसका इलाज में जुट जाते है। भाजपा से छिटक रहे व्यापारियों को एकजुट करके उन्होंने अपनी ताकत तो दिखाई ही, उसके साथ ही एक ही तीर से कई और शिकार भी कर डाले। शुक्रवार को तालकटोरा स्टेडियम में व्यापारियों के सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संवाद किया।
भाजपा के संकल्प पत्र में व्यापारियों के लिए की गई घोषणाओं को व्यापारियों से जोड़ने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। यह आयोजन तमाम व्यापारी संगठनों ने मिलकर किया था। इस आयोजन के लिए विजय गोयल पिछले कई दिनों से जुटे हुए थे। पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी और सीलिंग से दिल्ली के व्यापारियों में भाजपा के प्रति रोष झलक रहा था। दिल्ली की राजनीति के डॉक्टर विजय गोयल ने इस रोष को बहुत पहले ही भांप लिया था। इसी कारण व्यापारियों के लिए कल्याणकारी आयोग बनाने के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार कराई थी।
गत 24 अक्टूबर को विजय गोयल ने यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री को देकर मांग की थी कि व्यापारियों के लिए कुछ कदम उठाए जाए। उसी रिपोर्ट का असर है कि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में छोटे दुकानदारों को पेंशन, जीएसटी रजिस्टर्ड व्यापारी को दस लाख का दुर्घटना बीमा, एक लाख का व्यापारी क्रेडिट कार्ड जैसी बात रखी गई। यह राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड का हिस्सा बनेंगे। इस संकल्प पत्र के आते ही शाम को गोयल ने व्यापारियों को अपने घर बुलाकर पीएम का धन्यवाद जता दिया। फिर एक बड़े कार्यक्रम की रूपरेखा लेकर वह लगातार दिल्ली में व्यापारियों से संवाद करने लगे। इसके लिए उन्होंने जहां भाजपा से जुड़े व्यापारी संगठन के साथ मीटिंग की, वहीं अन्य व्यापारियों के बीच भी वह पहुंचे। लगभग सौ मीटिंग की गई।
इसी की नतीजा था कि शुक्रवार को तालकटोरा स्टेडियम खचाखच भरा था। व्यापारी दो घंटे तक बैठे रहे। उनकी भीड़ ने यह भी दिखा दिया कि व्यापारी भाजपा के साथ है। इसके साथ ही एक तीर से कई शिकार करते हुए पार्टी में उनके विरोधियों को भी नजर आ गया कि वह अकेले दम पर बहुत कुछ कर सकते है। इससे पहले भी केजरीवाल के ऑड-ईवन सहित तमाम मामलों पर दिल्ली में सबसे आगे दिख चुके है। सरकारी स्कूलों में जाकर केजरीवाल की पोल खोलनी हो या फिर प्रदूषण पर साइकिल रैली और पार्कों में मॉर्निंग वॉक। वह हर माध्यम से दिल्ली की जनता से जुड़ने में लगे रहते हैं।
– सतेन्द्र त्रिपाठी