नई दिल्ली : डीयू की अंडर ग्रेजुएशन प्रोग्राम में दाखिला प्रक्रिया में स्टेट बोर्ड को लेकर हो रही दिक्कतों से प्रशासन और छात्र दोनों परेशान हैं। खासकर आंध्र बोर्ड के छात्रों को लेकर अभी भी खींचतान की स्थिति बनी हुई है। इन्हीं दिक्कतों पर विराम लगाने के लिए मंगलवार को डीयू कुलपति योगेश कुमार त्यागी और डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रोफेसर राजीव गुप्ता उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मिले।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उपराष्ट्रपति ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक को केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश की सुविधा के लिए सभी राज्यों के बोर्ड ऑफ हायर सेकेंडरी एजुकेशन या इंटरमीडिएट को ग्रेड के अलावा अंक प्रदान करने के लिए एक एडवाइजरी जारी करने पर विचार करने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि जो बोर्ड ग्रेड में परिणाम जारी करते हैं, उन्हें इसके साथ ही अंक भी प्रदान करने चाहिए ताकि छात्रों द्वारा प्राप्त अंक प्रतिशत की गणना संबंधित विश्वविद्यालयों द्वारा की जा सके। उपराष्ट्रपति ने एचआरडी मंत्री से इस मुद्दे पर चर्चा की।
क्या है मामला… बोर्ड ऑफ इंटरमीडिएट एजुकेशन, आंध्र प्रदेश ने शैक्षणिक वर्ष 2017-18 में इंटरमीडिएट प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए ग्रेडिंग प्रणाली की शुरुआत की और 2018-19 से द्वितीय वर्ष के छात्रों के लिए भी यही पैटर्न जारी रखा। ग्रेडिंग पद्धति के तहत, छात्रों को प्रत्येक विषय के लिए ग्रेड अंक प्रदान किए गए थे। चूंकि डीयू में प्रवेश अंकों के प्रतिशत पर आधारित थे, इसलिए छात्रों ने इस मामले को उपराष्ट्रपति के सामने पेश किया और अपने अच्छे कार्यालयों के हस्तक्षेप की मांग की।
वहीं, कुलपति ने आश्वासन दिया कि छात्रों के हितों की रक्षा की जाएगी और प्रवेश अंकों के आधार पर होगा न कि ग्रेड और सीजीपीए के आधार पर। विवि प्रशासन ने आंध्र प्रदेश के सभी छात्रों को मेल और एसएमएस संदेश भेजकर इंटरमीडिएट बोर्ड से अंक डाउनलोड करने और उन्हें डीयू में आवेदन के समय अपलोड करने को कहा है। एडमिशन कमेटी ने कहा कि छात्रों की शिकायतों को देखते हुए उनके दाखिले का प्रोविजन डीयू द्वारा बदल दिया गया है। इसमें नोटिफिकेशन कॉलेजों को भेज दिए गए हैं।