नई दिल्ली : सचिव स्तर की महिला अधिकारी के साथ दुर्व्यवहार करने के मामले से सुर्खियों में आए नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के दानिक्स अधिकारी वाईवीवीजे राजशेखर (निदेशक लॉ एंड इस्टेट) की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रहीं। अब केंद्रीय मंत्री के ओएसडी सुरेंद्र सिंह राव ने उन पर भ्रष्टाचार सहित अन्य गंभीर आरोप लगाए हैं। भले ही राजशेखर राव अब विवादों के घेरे में हैं लेकिन जनहित के लिए उन्होंने अपनी सराहनीय सेवाएं दी हैं। इसके अलावा पालिका मार्केट में फैले अतिक्रमण पर उनका सख्त रुख रहा और कहीं हद तक इसका निदान भी किया।
सुरेंद्र सिंह राव ने एनडीएमसी चेयरमैन व सचिव को पत्र लिखकर कार्रवाई करने की मांग रखी है। राव ने अपने पत्र में कहा कि एनडीएमसी में उन्होंने 20 साल गुजारें हैं। यहां विभिन्न पदों पर काम करते हुए वह कई विभाग के निदेशक रह चुके हैं। राजशेखर के खिलाफ महिला अधिकारी के पत्र से पालिका परिषद में उनकी खूब किरकिरी हुई थी। इसके बाद एनडीएमसी के कुछ कर्मचारियों ने गेट नंबर-2 पर उनके इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन भी किया था। इस मामले को अभी एक हफ्ते भी नहीं बीता था कि एक केंद्रीय मंत्री के ओएसडी के आरोप ने राजशेखर पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।
उल्लेखनीय है कि सुरेंद्र सिंह राव एनडीएमसी में 20 साल तक विभिन्न विभागों में डायरेक्टर पद पर रह चुके हैं। वह एनडीएमसी में वर्ष 1999 से 2000 तक लॉ विभाग में निदेशक भी रहे हैं। वर्तमान में सुरेंद्र सिंह राव केंद्रीय इस्पात मंत्री राव बीरेंद्र सिंह के ओएसडी हैं। सुरेंद्र सिंह राव ने एनडीएमसी के चेयरमैन नरेश कुमार को दिए शिकायत पत्र में लिखा है कि वर्तमान में एनडीएमसी के दानिक्स अधिकारी (निदेशक लॉ एंड इस्टेट) वाईवीवीजे राजशेखर के डेपुटेशन पर चार साल हो चुके हैं जबकि उन्हें यहां केवल तीन साल के लिए ही भेजा गया था।
राव ने बताया कि जब वह एनडीएमसी में कार्यरत थे तब उन्होंने एक दिन चेयरमैन नरेश कुमार के सामने उन्हीं के चेंबर में राजशेखर को थर्ड क्लास का अधिकारी बताते हुए भ्रष्ट कहा था, लेकिन चेयरमैन ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया था। राव ने बताया कि मैं अभी भी एनडीएमसी के डेपुटेशन व अच्छे कर्मचारियों के संपर्क में हूं।
उन्होंने बताया कि एनडीएमसी का वातावरण बहुत खराब हो चुका है और पालिका परिषद की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है। इन सब का कारण राजशेखर के अनैतिक गतिविधी और गलत आचरण है। इसका खौफनाक व्यवहार भी पालिका परिषद में जाना माना है।