भोपाल : मध्यप्रदेश की राजनीति में आठ साल बाद वो वक्त आया जब उमाभारती भाजपा के किसी बड़े आयोजन में दिग्गजों के साथ मंच पर नजऱ आईं। आठ साल बाद मंच पर आकर उमा ने कहा कि शिवराज ने खुद के लाभ का हवाला देते हुए बुलाया तो मैं आई। तो क्या माना जाए कि आने वाले चुनावों में उमाभारती को प्रदेश में फायदे के लिहाज़ से उपयोग किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो उत्तरप्रदेश छोड़ उमा इस बार मध्यप्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ सकती हैं। इसमें सिर्फ पार्टी का ही स्वार्थ नहीं बल्कि उमा का अपना भी हित सिद्ध होगा।
साफ है कि अगर चुनावों में पार्टी या शिवराज को लगता है कि प्रदेश में उमाभारती की दखल से फायदा होगा तो उमा की एंट्री एक बार फिर से मध्यप्रदेश में हो सकती है, उनकी एंट्री चाहे विधानसभा में हो या लोक सभा में। उमा ने बातों-बातों में कार्यकर्ताओं को चैलेंज भी दिया कि उनके नेतृत्व में जितनी विधानसभा सीटें आईं थीं उतनी सीटें जीतकर दिखाएंगे तो उन्हें खुशी होगी। उमा ने कहा कि वे मध्यप्रदेश की बेटी हैं जिन्हें उत्तरप्रदेश में मान मिला है। कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि बुंदेलखंड संभाग की किसी सीट से लोकसभा चुनाव भी लड़ सकती हैं और विधानसभा चुनावों के प्रचार में पार्टी उनका भरपूर इस्तेमाल कर सकती है।