गोपेश्वर : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मंगलवार को कहा कि प्रदेश में योजनाओं की निर्माण लागत को बढा़-चढा़कर बनाने की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाते हुए राज्य सरकार ने करोडों रूपये की बचत की है। यहां चमोली नगर पालिका परिषद के लिये भाजपा प्रत्याशी पुष्पा पासवान के पक्ष में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि योजनाओं की निमार्ण लागत को बढ़ा-चढ़ाकर बनाने की प्रवृति पर रोक लगाते हुए योजनाओं के पुनर्मूल्यांकन से करोड़ों रूपये की धनराशि की बचत हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकार की इस मुहिम का नतीजा विकास कार्यो में दिखा है और अकेले देहरादून हरिद्वार नेशनल हाईवे पर बने फ्लाइ ओवर के निमार्ण में पुनर्मूल्यांकन की मुहिम से 19 करोड़ रुपये बचाये गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून-सहारनपुर नेशनल हाईवे पर सुरंग के निमार्ण में भी इसी तरह तय लागत से 11 करोड़ कम खर्च हुए और समय से पहले निमार्ण कार्य पूरा हुआ। उन्होंने कहा कि इसी तरह लोक निर्माण विभाग की योजनाओं का पुनर्मूल्यांकन किया गया और कई करोड़ रूपये बचाये गए।
रावत ने भाजपा की महिला प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करने की अपील करते हुए कहा कि चमोली जिले के नौ नगर निकायों में से छह निकायों के अध्यक्ष के लिए भाजपा की ओर से महिलायें मैदान में हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति का जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि सरकारी धन के दुरूपयोग के खिलाफ उनकी सरकार ने सत्ता में आते ही सबसे पहले नेशनल हाईवे 74 के घोटाले की जांच शुरू करायी और आरोपियों को जेल भेजना शुरू किया।
उन्होंने कहा कि करोडों के इस घोटाले में लिप्त आम और खास के खिलाफ कारवाई की जा रही है और इस मामले में अब तक 22 से ज्यादा लोगों को जेल भेजा जा चुका है । मुख्यमंत्री ने कहा कि भष्ट्राचार के खिलाफ चल रही मुहिम में अब तक 55 से ज्यादा लोगों को जेल भेजा गया है। उन्होंने कहा कि हमने नगर निकायों के लिए पहले से ज्यादा धनराशि का प्रावधान किया है।